विश्वेन्द्र सिंह के प्रयास लाए रंग, जाटव-गुर्जर समाज के बीच विवाद समाप्त, राजीनामे के बाद FIR वापस

बीती 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर जाटव समाज द्वारा निकाली जा रही शोभा यात्रा के दौरान जिले के सैह गांव में पत्थरबाजी के बाद गुर्जर और जाटव समाज के बीच उपजा विवाद हुआ समाप्त, विश्वेन्द्र ने दोनों पक्षों में राजीनामा करवाकर दी चेतावनी कि भविष्य में यदि किसी पक्ष की ओर से कोई विवाद या झगड़ा किया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी

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Politalks.News/Rajasthan. बीती 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर जाटव समाज द्वारा निकाली जा रही शोभा यात्रा के दौरान जिले के सैह गांव मेंपत्थरबाजी के बाद गुर्जर और जाटव समाज के बीच उपजा विवाद आज समाप्त हो गया. इस प्रकरण में दोनों पक्षों को मनाकर शांतिपूर्ण तरीके से राजीनामा करवाने ने राजस्थान सरकार में पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री विश्वेंद्र सिंह की बड़ी भूमिका रही. विश्वेन्द्र सिंह पिछले दस दिनों से दोनों समाज के प्रबुद्धजनों से सम्पर्क में थे, जिसके बाद आज भरतपुर सर्किट हाउस में करीब 3 घंटे तक दोनों समाज के लोगों को समझा कर विश्वेन्द्र सिंह ने दोनों पक्षों को भाईचारे को कायम रखने की नसीहत दी और राजीनामा करवा दिया. यही नहीं इसके साथ ही विश्वेन्द्र ने दोनों पक्षों को चेतावनी भी दी कि भविष्य में यदि किसी पक्ष की ओर से कोई विवाद या झगड़ा किया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

दरअसल, 14 अप्रैल को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती के मौके पर भरतपुर जिले के कुम्हेर क्षेत्र के गांव सह में जाटव समाज के लोग शोभा यात्रा निकाल रहे थे. शोभा यात्रा पर गांव के दबंग लोगों ने पथराव कर दिया. दोनों पक्षों के बीच में मारपीट हो गई. इसके बाद अंबेडकर जयंती के लिए आयोजन स्थल पर टेंट में लोग जमा थे, जहां कुछ लोगों ने टेंट में आग लगा दी. इस पूरे मामले को लेकर दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ पुलिस में FIR भी दर्ज करा दी थी. पूरे मामले में 29 लोगों के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज हुआ. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया था. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर गांव के जाटव समाज के सैकड़ों लोग बच्चों और मवेशियों के साथ भरतपुर कलेक्ट्रेट पर पहुंचे थे, जिन्हें बाद में जिला कलेक्टर ने समझाइश कर वापस गांव भेज दिया था.

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हालांकि 14 अप्रैल को हुए विवाद के बाद प्रशासन ने अपनी तरफ से माहौल को शांत करने का प्रयास किया. लेकिन रविवार को पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह पहल करते हुए गांव के गुर्जर और जाटव समाज के प्रबुद्ध लोगों को एक साथ बैठाकर आपसी झगड़े को शांत करने के लिए रजामंद कर दिया. इसके बाद दोनों पक्ष शांतिपूर्ण तरीके से और भाईचारे के साथ रहने को सहमत हो गए हैं. यही नहीं मंत्री जी ने बताया कि पक्षों की ओर से दर्ज कराई गई FIR भी जल्द ली जाएगी वापस. मंत्री विश्वेंद्र ने आगे बताया कि ग्रामीणों ने गांव की कुछ समस्याएं भी बताई हैं, जिनमें बिजली, चंबल का पानी आदि शामिल है. इनका जल्द ही समाधान कराया जाएगा.

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