1991 बैच के आईएएस अशोक खेमका ने अपने 53वें तबादले के बाद मांगी पीएम मोदी से मिलने की इजाजत

'शासन अब सेवा नहीं, बल्कि कारोबार बन गया है. केवल मुझ जैसे बेवकूफ ही जनता के विश्वास के बारे में सोचेंगे और भरोसेमंद के रूप में काम करेंगे. उम्मीद के विपरीत उम्मीद करता हूं कि आप इस पत्र को कूड़ेदान में नहीं फेंकेंगे'

Ashok Khemka
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पॉलिटॉक्स ब्यूरो. हरियाणा के 1991 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका का पिछले तीन दशक में 53 बार तबादला हो चुका है. हाल ही में हुए अपने 53वें तबादले से परेशान होकर खेमका ने मुख्यमंत्री मनोहर लाख खट्टर को पत्र लिख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने देने की अनुमति मांगी है.

खेमका ने अपने पत्र में लिखा कि, “दब्बू और भ्रष्ट अधिकारी सक्रिय सेवा के दौरान खूब फलते-फूलते हैं और सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्हें पुरस्कार दे दिया जाता है जबकि ईमानदार को छोटे और मामूली काम सौंपे जाते हैं जो निचली रैंक के लिए उपयुक्त होते हैं. भ्रष्ट को तब तक कठघरे में खड़ा नहीं किया जाता है जब तक वे शासकों के हितों पर प्रहार न करें. शासन अब सेवा नहीं, बल्कि कारोबार बन गया है. केवल मुझ जैसे बेवकूफ ही जनता के विश्वास के बारे में सोचेंगे और भरोसेमंद के रूप में काम करेंगे. उम्मीद के विपरीत उम्मीद करता हूं कि आप इस पत्र को कूड़ेदान में नहीं फेंकेंगे.”

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बता दें, हरियाणा सरकार ने पिछले महीने खेमका का 53वीं बार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से अभिलेखागार विभाग में तबादला कर दिया था. इसी साल में ये उनका तीसरा तबादला है. लगभग तीन दशक ने 53 बार तबादला मतलब किसी एक पोस्ट पर औसतन 7 से 8 महीने से ज्यादा नहीं टिक पाए अशोक खेमका. अपने पत्र में खेमका ने सरकार को यह भी याद दिलाया कि भाजपा ने 2014 के चुनाव के दौरान पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान के भूमि सौदों में कथित अनियमितताओं को एक बड़ा मुद्दा बनाया था लेकिन उसे अब वह भूल गई है.

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