अर्चना शर्मा को न्याय मिलने तक मुझे शांति नहीं मिलेगी- मीणा, वहीं गोठवाल की गिरफ्तारी पर मचा बवाल

प्रसूता की मौत के बाद मुदकमा दर्ज होने से घबराई चिकित्सक द्वारा सुसाइड करने के मामले में गर्माई सियासत, लोकसभा में दौसा सांसद जसकौर मीणा ने उठाया मुद्दा, कहा- 'सिंहासन पर बैठने का उत्तराधिकारी वह होता है जो समस्त पक्षों को, प्रत्येक व्यक्ति को समभाव से देखने, समझने और परखने की बौद्धिक क्षमता रखता है, लेकिन राजस्थान की गहलोत सरकार यह क्षमता खो चुकी है'

अर्चना शर्मा को न्याय मिलने तक मुझे शांति नहीं मिलेगी
अर्चना शर्मा को न्याय मिलने तक मुझे शांति नहीं मिलेगी

Politalks.News/DrArchanaSharama. दौसा के लालसोट में डॉ अर्चना शर्मा के सुसाइड मामले को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. बता दें, लालसोट में सोमवार को डिलीवरी के दौरान प्रसूता की मौत के बाद परिजनों द्वारा डॉक्टर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराने से डिप्रेशन में आई डॉ अर्चना शर्मा ने सुसाइड कर लिया था. मामले को लेकर जहां प्रदेश में विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है वहीं डॉ अर्चना शर्मा के सुसाइड प्रकरण की गूंज आज लोकसभा में भी सुनाई दी. लोकसभा में दौसा सांसद जसकौर मीणा ने लोक महत्त्व के मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि, ‘सिंहासन पर बैठने का उत्तराधिकारी वह होता है जो समस्त पक्षों को, प्रत्येक व्यक्ति को समभाव से देखने, समझने और परखने की बौद्धिक क्षमता रखता है. लेकिन राजस्थान की गहलोत सरकार यह क्षमता खो चुकी है.’ वहीं इस मामले में बीजेपी नेता जितेंद्र गोठवाल की गिरफ्तारी को लेकर प्रदेश भाजपा ने गहरी नाराजगी जताते हुए गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

दरअसल, चिकित्सा मंत्री प्रसादी लाल मीणा के विधानसभा क्षेत्र लालसोट में डॉ अर्चना शर्मा का सुसाइड मामला तूल पकड़ता जा रहा है. बीजेपी जहां इस पुरे मामले को लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार के खिलाफ मुखर है तो वहीं आज लोकसभा में भी इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया गया. दौसा सांसद जसकौर में मीणा ने लोकसभा में कहा कि, ‘सिंहासन पर बैठने का उत्तराधिकारी वह होता है जो समस्त पक्षों को, प्रत्येक व्यक्ति को समभाव से देखने, समझने और परखने की बौद्धिक क्षमता रखता है. लेकिन सच्चाई यह है की आज राजस्थान की राज्य सरकार यह क्षमता खो चुकी है.’

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सांसद जसकौर मीणा ने आगे कहा कि, ‘मैं ही नहीं आज मेरा पूरा क्षेत्र और देश हृदय की गहराइयों तक आहत है की जो पुलिस और प्रशासन बलात्कारियों और असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार करने तक में महीनों नहीं बल्कि कई वर्ष लगाता है. वह जीवन की रक्षा कर मानवता के हित में दिन रात काम करने वाली डॉक्टर पर धारा 302 लगाने में कुछ घंटे भी नहीं सोच पाया. धिक्कार है इस सरकार और इसके तंत्र पर की चिताओं की अग्नि पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं.’ जसकौर मीणा ने आगे कहा कि, ‘आज हमने एक सशक्त महिला डॉक्टर को खो दिया. छोटे बच्चों से उनकी मां, एक पति से उसकी सक्षम पत्नी, माता पिता से एक होनहार बेटी और मानवता से डॉक्टर के रूप में एक देवदूत केवल राजनैतिक स्वार्थ में आज चंद स्वार्थी तत्वों की महत्वाकांक्षा ने छीन लिया. ईश्वर साक्षी है की डॉक्टर अर्चना शर्मा को न्याय मिलने तक मुझे शांति नहीं मिलेगी.’

वहीं मामले को लेकर चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने भाजपा पर पलटवार किया है. परसादी लाल मीणा ने कहा कि, ‘इस पुरे मामले को राजनीतिक तूल देना गलत है, क्योंकि ये मानवता का सवाल है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पुरे मामले को गंभीरता से लिया और तत्परता दिखाते हुए जिन अधिकारियों की वजह से 302 में मामला दर्ज हुआ था उन्हें हटा दिया गया. साथ ही मुख्यमंत्री ने इस पुरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की बात कही है, जो भी इस मामले में दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.’

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दूसरी तरफ इस मामले को लेकर पुलिस ने बीजेपी नेता जितेंद्र गोठवाल को गिरफ्तार किया है. दरअसल, 3 दिन पहले जब लालसोट में डिलीवरी के दौरान प्रसूता की मौत हो गई थी, तो उसके बाद स्थानीय लोगों ने बीजेपी नेता जितेंद्र गोठवाल को इसकी सूचना दी. गांव वालों की सूचना पर गोठवाल मौके पर पहुंचे और धरने में उनके साथ बैठे थे. बाद में गोठवाल ने खुद ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी कि उन्होंने 2 घंटे तक गांव वालों के साथ धरना देकर अस्पताल प्रशासन और पुलिस पर दबाव बनाया. यही नहीं इस दौरान गोठवाल ने मृतक प्रसूता के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिलाने की बात भी कही थी. इसके चलते पूरे मामले में गोठवाल की दबाव की भूमिका सामने आने के बाद उनके खिलाफ लालसोट मामले में एफआइआर दर्ज की गई.

वहीं बीजेपी नेता जितेंद्र गोठवाल ने अपनी गिरफ्तार को बदले की भावना से की गई कार्रवाई करार दिया है. आपको बता दें कि इससे पहले राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधायक पुत्र पर लगे सामूहिक दुष्कर्म के आरोपों के मामले में जितेन्द्र गोठवाल ने ही प्रियंका गांधी को ट्रेन का टिकट भेजा था, और ट्वीट कर कहा था कि, ‘राजस्थान की लड़कियां विधायक और उसके पुत्र के रसूख के आगे लड़ नहीं पा रही.’ अब गोठवाल का कहना है कि, ‘मेरा डॉ अर्चना शर्मा मामले में कोई लेना देना नहीं है क्योंकि पुलिस ने धारा 302 में मुकदमा मेरे धरने से पहले ही दर्ज कर लिया था. प्रियंका गांधी को टिकट भेजने वाली बात को लेकर बदले की भावना में मुझे गिरफ्तार किया गया है.’

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वहीं जितेंद्र गोठवाल की गिरफ्तारी पर राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने सवाल उठाये हैं. कटारिया ने कहा कि, ‘जब शव रखा गया था तब जितेंद्र गोठवाल वहां गए थे, गोठवाल ने मांगा था मुआवजा, क्योंकि गोठवाल खुद दलित हैं और मृतक प्रसूता भी दलित थी. ऐसे में किसी की मदद करना गुनाह नहीं था. हम इस मामले की पूरी जानकारी लेंगे.’ वहीं दिग्गज बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि, ‘इस प्रकरण में जिस प्रकार किसी के द्वारा भी अगर 302 के लिए दबाव बनाया गया है तो वह सही नहीं है.’

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