Politalks.News/Rajasthan/Pilot. राजधानी जयपुर में तीन दिन चलने वाले ‘टॉक जर्नलिज्म शो’ के उद्धघाटन सत्र में आज प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने शिरकत की और बेबाकी के साथ सियासी सवालों का जवाब दिया. होटल क्लार्क्स आमेर में जारी टॉक जर्नलिज्म शो के दौरान पायलट ने स्वीकारा की समय से पहले और भाग्य से ज्यादा नहीं मिलता है. इसके साथ ही पायलट ने यह भी कहा कि महत्वकांक्षी होना कोई गलत बात नहीं है, अति महत्वकांक्षी नहीं होना चाहिए. इस दौरान पायलट ने 2023 में कांग्रेस की सरकार रिपीट करने के लिए अहम सुझावों पर अमल करने की बात भी बताई तो 2014 में अध्यक्ष पद संभालने के साथ ही लोकसभा में हुई करारी हार के बाद अपना इस्तीफा देने का पहली बार खुलासा करते हुए सबको चौंका दिया.
पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने कहा कि कोई भी जिम्मेदारी अगर मिलती है तो उसके साथ मुझे उसके आने वाले परिणामों को भी स्वीकार करना चाहिए. जब मैं राजस्थान में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहा था तब मैंने इस बात को भी स्वीकार कर लिया था कि जो परिणाम आएंगे उसकी जिम्मेदारी मेरी होगी. पायलट ने बताया कि जनवरी 2014 में मैं अध्यक्ष बना था और तीन महीने बाद ही लोकसभा चुनाव थे, जिनमें हम सभी सीटें हार गए थे, यहां तक कि मैं भी हार गया था. इस हार की जिम्मेदारी लेते हुए मैंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. मैंने उनसे कहा कि मैं अध्यक्ष होने के नाते पार्टी को जीत नहीं दिला पाया हूं. मुझे इस पद पर नहीं रहना चाहिए, लेकिन सोनिया गांधी ने मुझ पर विश्वास जताया और कहा कि अभी आपको गए हुए 3 महीने हुए हैं, आगे आपको पार्टी के लिए प्रदेश में और काम करना है, जाकर राजस्थान में पार्टी को नए सिरे से खड़ा कीजिए. उसके बाद सोनिया गांधी से आशीर्वाद लेकर मैंने ताकत से काम करना शुरू किया. पायलट ने कहा कि इस्तीफे की यह बात मैंने किसी को नहीं बताई थी. मुझे जिन विकट हालात में पार्टी ने जिम्मेदारी दी, मैंने पांच साल ताकत लगाकर काम किया.
आगे सचिन पायलट ने बताया कि मेरे प्रदेश अध्यक्ष रहते विपक्ष में मैंने जितने चुनाव लड़े सब में भाजपा को शिकस्त दी. वसुंधरा राजे के सीएम रहते हुए भाजपा के 163 विधायक थे. पांच साल मैंने राजे को चैन से नहीं रहने दिया. जब-जब भी राजे सरकार ने जनहित का काम नहीं किया, हमने सड़कों पर उतरकर विरोध किया. मैं तो बीजेपी के खिलाफ लड़ते आया हूं. अगर बीजेपी को लगता है कि सब कुछ जनता उनकी जेब में है तो यह उनकी गलतफहमी है. आप डिलीवर नहीं करोगे तो लोग वोट नहीं देंगे.
एक सवाल के जवाब में सचिन पायलट ने कहा कि मैंने बचपन से अपने घर में राजनीतिक माहौल देखा है. मैं कभी यह नहीं सोचता था कि मुझे राजनीति में जाना है, लेकिन जब मैं राजनीति में आया तो ऐसा नहीं था कि मैं अचानक से फैसला किया हो. मैंने सोच समझकर यह तय किया कि इस मंच के जरिए मैं आम जनता की सेवा कर सकता हूं. इसलिए मैं राजनीति में आया. पायलट ने कहा कि मैंने जब भी जो किया वह पूरी शिद्दत के साथ किया. पार्टी ने जब-जब मुझे जो जिम्मेदारी दी उसको मैंने पूरी इमानदारी के साथ बिना किसी तरह के लोभ लालच के निभाई है. आगे भी पार्टी जो जिम्मेदारी मुझे देगी, मैं उसको पूरी शिद्दत से निभाउंगा.
इसके साथ ही राहुल गांधी की ओर से पेशेंस की तारीफ पर सचिन पायलट ने कहा कि कोई गुणों की तारीफ करता है तो यह अच्छी बात है. पेशेंस इसलिए भी जरूरी है कि मैं विश्वास करता हूं कि अगला चुनाव जीतने के बारे में पार्टी ने मेरे सुझावों को बहुत अच्छी तरह से लिया है. हमारे पूरे कुनबे का सामूहिक उद्देश्य यही है कि राजस्थान में फिर से सरकार कैसे बनाएं. आजकल कितना आईटी का जमाना हो, नेता रातों रात नहीं बनता. एक प्रोसेस से गुजरना पड़ता है, 15 साल लगते हैं. मुझे 26 की उम्र में MP का टिकट दिया, मैं कम उम्र में अध्यक्ष बन गया. मेरे अध्यक्ष रहते जब निकाय चुनाव हुए, तब मैंने फोर्टी बिलो फोर्टी का नारा दिया था, जिसमें 40 फीसदी टिकट 40 से कम उम्र के नेताओं को दिया गया. युवाओं को केवल नारे लगवाने या दरी-पट्टी बिछाने के काम में ही नहीं, उन्हें आगे भी लाना होगा, तभी नई युवा लीडरशिप विकसित होगी.
इसके साथ ही पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन अपनी बातों में इस बात की ओर संकेत दे दिया कि मुख्यमंत्री नहीं बनने को लेकर जो सवाल उठाए जाते हैं उसमें कोई गलत नहीं है. पायलट ने कहा कि महत्वाकांक्षी होना कोई गलत बात नहीं है, लेकिन अति महत्वकांक्षी होना ठीक नहीं है. पायलट ने कहा कि जब तक कोई व्यक्ति अपना लक्ष्य निर्धारित करके काम नहीं करेगा, तब तक वह कैसे अपने लक्ष्य तक पहुंचेगा. इसलिए जरूरी है कि किसी भी कार्य को करने के लिए लक्ष्य निर्धारित हो और उसके लिए महत्वकांक्षी होना कोई गलत बात नहीं है. वहीं पायलट से जब पूछा गया कि आपको जो मिला क्या आप उसे संतुष्ट हैं तो पायलट ने कहा कि समय से पहले और किस्मत से ज्यादा कभी किसी को कुछ नहीं मिलता है. व्यक्ति को एंबिशियस होना ही चाहिए. अगर आप में जील नहीं है, टीस नहीं है, भूख नहीं है खुद को साबित करने की या कुछ कर गुजरने की तो जीवन में रस नहीं रहेगा. सब कुछ पद से नहीं नापा जाता. आपने लोगों के दिलों पर छाप छोड़ी या नहीं यह अहम है. समय किसी के लिए नहीं रुकता. हमें समय के साथ चलना हैं.
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सबसे अहम प्रदेश में सत्ता परिवर्तन को लेकर जब सचिन पायलट से पूछा गया कि राजस्थान में लंबे समय से ट्रेंड है कि जिस पार्टी की सरकार है वह दूसरी बार नहीं बनती है. इस पर सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान में 1998 से सरकार रिपीट नहीं होने का सिलसिला चल रहा है. ऐसा नहीं है कि सरकारें रिपीट नहीं हो सकती. दिल्ली में शीला दीक्षित के समय 3 बार सरकार बनी. हरियाणा में हुड्डा ने दो बार और तरूण गोगोई ने असम में दो बार सरकार बनाई. मैंने पार्टी स्तर पर विस्तार से बात रखी है. हमारे पास अच्छा मौका है, अभी 15 महीने बचे हैं, उसमें हम कुछ ऐसा करें कि लोगों का विश्वास दोबारा जीता जा सके. उसके लिए जरूरी है कि हमें आम जनता के हिसाब से काम करना चाहिए. इसके लिए जो कुछ करना है वह पार्टी के अंदर की बात है.
इस दौरान सचिन पायलट ने बताया कि राजस्थान में 2023 में फिर से कांग्रेस पार्टी की सरकार बने इसको लेकर मैंने डेढ़ साल पहले जो कदम उठाया था उस वक्त अपनी सभी बातें पार्टी के प्लेटफार्म पर रख दी थी. मुझे लगता है कि अगर उन पर सही तरीके से अमल किया जाए तो, हम फिर सत्ता में वापसी कर सकते हैं. यहां सचिन पायलट ने इस बात को भी स्वीकारा कि जो रोड मैप बनाकर उन्होंने कांग्रेस आलाकमान को दिया था. उस पर कुछ हद तक काम हुआ है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है.