Politalks.News/WestBengal. इन दिनों पश्चिम बंगाल सरकार में पूर्व मंत्री रहे पार्थ चटर्जी के करीबी के घर से मिल रही नोटों की गड्डियां पुरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है. पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय TMC नेता पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी महिलाअर्पिता मुखर्जी के एक एक करके सभी घरों की छानबीन में जुटी है. अब तक ED को अर्पिता मुखर्जी के दो फ्लैटों से करीब 41 करोड़ रूपये बरामद हुए हैं. वहीं पुलिस गिरफ्त में मौजूद अर्पिता मुखर्जी कह रही हैं की ये सारा का सारा पैसा पार्थ चटर्जी का है. वहीं पार्टी नेता पर लगे आरोपों के बाद गुरूवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटा दिया और बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘ये खेल बहुत बड़ा है लेकिन मैं अभी नहीं बताऊंगी.’ वहीं अब इस पुरे मामले को लेकर बीजेपी ने TMC के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कोलकाता में आज बीजेपी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने ममता सरकार के खिलाफ पैदल मार्च निकाला तो वहीं मिनाक्षी लेखी ने दिल्ली भाजपा कार्यालय से प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि, ‘जहां पैसे का अंबार निकल रहा है, वहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जी एकदम चुप बैठी हैं.’
आपको बता दें कि शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर बंगाल में सियासत पहले से अपने चरम पर है. बुधवार को अर्पिता चटर्जी के दूसरे घर से मिले भारी मात्रा में कैश और गोल्ड के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के 5 दिन बाद उन्हें मंत्री पद से हटाने का फैसला लिया. दरअसल, बुधवार से गुरुवार तक चली 18 घंटे की रेड में ED ने पार्थ की करीबी अर्पिता मुखर्जी के दूसरे घर से 27.9 करोड़ रुपए कैश और 5 किलो गोल्ड जब्त किया. इस धनराशि के सामने आने के बाद से ही पार्टी के नेता ममता बनर्जी से पार्थ चटर्जी को हटाने की मांग करने लगे थे. जिसके बाद गुरूवार को हुई कैबिनेट की बैठक में पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटा दिया गया. पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटाने के बाद ममता बनर्जी ने औद्योगिक प्रोत्साहन बोर्ड की बैठक में कहा कि, ‘एक लड़की के यहां से पैसा बरामद हुआ और वे इसे लगातार दिखा रहे हैं. मैंने पार्थ को हटा दिया है क्योंकि मेरी पार्टी बहुत सख्त है. अगर किसी को लगता है कि यह दिखाकर वे धारणा बदल सकते हैं तो वे गलत हैं. ये खेल बहुत बड़ा है. मैं अभी नहीं बताऊंगी.’
वहीं जब अपने दूसरे घर से मिले कैश के बारे में जब ED ने अर्पिता मुखर्जी से सवाल पुछा तो मुखर्जी ने कहा कि, ‘ये सारे रुपए पार्थ चटर्जी के हैं. पार्थ इस घर का इस्तेमाल रुपए रखने के लिए करते थे, मुझे अंदाजा नहीं था कि घर में इतना सारा कैश रखा होगा.’ वहीं ED अधिकारीयों का कहना है कि, ‘इससे पहले कभी अर्पिता ने नहीं बताया था कि उनके दूसरे फ्लैट पर भी कैश रखा हुआ है, लेकिन जब हमने घर पर छापा मारा तो हमें 2000 और 500 के नोटों के बंडल मिले. 2000 रुपए के नोटों से 50 लाख रुपए के बंडल और 500 रुपए के नोटों से 20 लाख रुपए के बंडल बनाए गए थे. हमें 4.31 करोड़ रुपए का सोना भी मिला. इसमें 1-1 किलो की 3 सोने की ईंटें, 6 कंगन (सभी 500-500 ग्राम के) और एक सोने का पेन मिला है.’
वहीं अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से मिल रहे कैश को लेकर बीजेपी आक्रोशित है. इसे लेकर बीजेपी ने ममता सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बंगाल भाजपा के तमाम नेता एवं कार्यकर्ताओं ने आज कोलकाता में ममता सरकार के खिलाफ पैदल मार्च निकाला. तो वहीं दिल्ली स्थित भाजपा कार्यालय से बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने पत्रकार वार्ता करते हुए ममता सरकार पर निशाना साधा. मीनाक्षी लेखी ने कहा कि, ‘आज आप सबके माध्यम से मैं देश की जनता को याद दिलाना चाहती हूं कि जो लोग मां, माटी, मानुष का नारा देते थे. आज वो केवल एक ही आवाज निकाल रहे हैं Money, Money, Money. इस 3M के अलावा उनके पास कहने को कुछ नहीं है. आप पार्थ चटर्जी के दस्तावेज देखें, चाहे आप अर्पिता की आवाजें सुनें, चाहे इनके मंत्रियों के यहां जो छापे पड़े उनकी कहानी देखें, तो एक ही बात समझ में आती है कि करीब 50 करोड़ रुपये अर्पिता के यहां से बरामद हुए और 9 किलो के आसपास सोना मिला है, अनगिनत संपत्ति के दस्तावेज मिलें हैं.’
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मीनाक्षी लेखी ने आगे कहा कि, ‘पार्थ चटर्जी की एक और जानकार मोनालिसा दास जो 2014 में एक यूनिवर्सिटी में भर्ती हुई, आज वो वहां प्रोफेसर हैं और बंगाली की हेड ऑफ डिपार्टमेंट हैं. उनके नाम पर 10 फ्लैट के कागज हैं. हैरानी की बात ये है कि जहां पैसे का अंबार निकल रहा है, वहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जी एकदम चुप बैठी हैं. नारदा, शारदा चिटफंड, कोयला एवं आज जो शिक्षक भर्ती में घोटाले सामने आए हैं, ED को इसकी अच्छी तरह से जांच करनी चाहिए. अर्पिता मुखर्जी के 2 बयान आये हैं – उन्होंने कहा है कि पार्थ चटर्जी ने उनके घर को ATM बना दिया था. दूसरा- अर्पिता ने कहा है कि नीचे से ऊपर तक पैसा जाता था. नीचे वाले कौन है ये तो समझ में आ गया, लेकिन ऊपर वाले कौन है, ये भी सामने आना चाहिए.’