आवागमन में हेल्थ प्रोटोकॉल की हो सख्ती से पालना, मोक्ष कलश निःशुल्क बस सेवा आज से शुरू- गहलोत

जो यात्री केवल कुछ दिनों के लिए राजस्थान में रूकेंगे उनके लिए यहां आने से पहले या यहां पहुंचते ही आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा, ऐसे व्यक्ति को टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने तक क्वारंटाइन में रहना ही होगा

Ashok Gehlot 17 Final 1
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पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. कोरोना कहर के चलते जारी लॉकडाउन के दौरान प्रदेशवासियों की व्यावहारिक दिक्कतोें को दूर करने के लिए राजस्थान की संवेदनशील गहलोत सरकार लगातार प्रभावी कदम उठा रही है. इसी के चलते श्रमिकों, प्रवासियों की परेशानियों एवं व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन में आवश्यकता अनुसार छूट दी गई है. इसके साथ ही राज्य सरकार प्रवासियों के आवागमन के कारण बढ़ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या के बारे में भी पूर्णतया सजग है. राज्य सरकार आने वाले समय में नियमित हवाई और रेल आवागमन के और खुलने से होने वाले संभावित संक्रमण के बारे में भी सतर्क है. इसलिए राजस्थान में आने वाले समय में भी क्वारंटाइन सहित स्वास्थ्य संबंधी सभी प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना की जाएगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रवासियों के आवागमन से बढ़ी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार की ओर से एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाले यात्रियों के लिए क्वारंटाइन के नियम में छूट देने के बावजूद राजस्थान में सभी के लिए 14 दिन तक क्वारंटाइन में रहने के नियम की पूरी पालना की जायेगी. सीएम गहलोत ने कहा कि जो यात्री केवल कुछ दिनों के लिए राजस्थान में रूकेंगे उनके लिए यहां आने से पहले या यहां पहुंचते ही आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा. ऐसे व्यक्ति को टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने तक क्वारंटाइन में रहना होगा.

सीएम गहलोत ने रविवार को अपने निवास पर कोर ग्रुप के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा ली. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि बीते कुछ दिनों के दौरान राजस्थान में बाहर से 10 लाख से अधिक प्रवासी आए हैं, उनमें से लगभग 1600 संक्रमित पाये गए हैं. इन प्रवासियों में से 50 प्रतिशत से अधिक लोगों की क्वारंटाइन अवधि पूर्ण नहीं हुई है. इन परिस्थितियों में स्थानीय निवासियों और आगंतुकों सहित सभी की सुरक्षा के लिए आवश्यक है कि स्वास्थ्य प्रोटोकॉल की पालना सख्ती से की जाए.

मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा कि प्रवासियों और उनके परिजनों की सहूलियत के लिए राज्य सरकार होम क्वारंटाइन को प्राथमिकता दे रही है. लेकिन होम क्वारंटाइन की सुविधा नहीं होने पर राज्य सरकार ने गांव स्तर तक संस्थागत क्वारंटाइन की पुख्ता व्यवस्था की है. सीएम गहलोत ने हवाई, रेल, और सड़क मार्ग से राजस्थान आने वाले सभी लोगों से अपील की है कि वे राजस्थान सरकार के ई-मित्र पोर्टल पर ऑनलाईन पंजीकरण करवाकर ही मोबाइल नम्बर सहित आवश्यक सूचनाएं दर्ज करवाएं. इससे व्यक्ति के कोरोना से संक्रमित होने अथवा लक्षण दिखाई देने पर उसके स्वास्थ्य जांच एवं इलाज के लिए समुचित व्यवस्था की जा सकेगी.

सीएम गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाहर से आ रहे सभी लोगों की आईटी आधारित सिस्टम से मॉनिटरिंग की जाये और उन्हें होम क्वारंटाइन करने के निर्देशों की सख्ती से पालना करवाई जाए. हवाई जहाज से आने वाले यात्रियों की सूची सम्बन्धित एयरलाइन्स, ट्रेन से आने वाले यात्रियों की सूची रेलवे तथा बस यात्रियों की सूची राजस्थान रोडवेज से प्राप्त कर संबंधित जिला प्रशासन को भिजवाई जाये, ताकि यात्रियों की मनिटरिंग की प्रभावी व्यवस्था की जा सके. इसके साथ ही सड़क मार्ग से राज्य में प्रवेश करने वाले लोगों के लिए पूर्व की भांति बॉर्डर चेकपोस्ट पर रजिस्ट्रेशन और क्वारंटाइन की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी.

मोक्ष कलश स्पेशल निःशुल्क बस सेवा आज से शुरू

सीएम गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जिन लोगों के अस्थि कलश विसर्जित नहीं हो पाये हैं, उनके लिए राज्य सरकार ने मोक्ष कलश स्पेशल निःशुल्क बस सेवा शुरू की है. पहली विशेष बस सोमवार को जाएगी. एक कलश के साथ दो लोग जा सकेंगे और उनको राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के पोर्टल पर अपना पंजीयन करवाना होगा. सीएम गहलोत ने कहा कि इस पहल का प्रदेश भर में आमजन से अच्छा रेस्पोंस मिला है. हमारी पिछली सरकार के समय शुरू की गई वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना का भी लोगों को काफी लाभ मिला था. उसी तर्ज पर इस योजना का लाभ भी अपनों की अस्थियों के विसर्जन का इंतजार कर रहे लोगों को मिले. क्याेंकि यह कई परिवारों के लिए बहुत संवदेनशील विषय है.

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कोई भूखा ना सोए, की दिशा में एक और कदम

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि लम्बे लॉकडाउन में फुटकर एवं लघु व्यवसायी, स्वरोजगार करने वाले एवं प्रवासियों को जीविका हेतु काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है. सरकार ने पहले भी लोगों के लिए पेंशन, गेहूं वितरण, 2500 हजार रूपये की नकद सहायता सहित काफी प्रयास किए हैं. इन योजनाओं से वंचित रह गए लोगों को अभी भी खाद्य सुरक्षा की आवश्यकता है. इसके लिए सरकार ने इन श्रेणियों के लिए एक बारीय खाद्य सुरक्षा हेतु एक सर्वे प्रारंभ कराया गया है, जिसके लिए आवेदन कर्ता ई-मित्र, ई-मित्र ऐप या ग्राम पंचायत स्तरीय कोर ग्रुप या नगरीय क्षेत्रों में बीएलओ के माध्यम से आवेदन कर सकते है. इसके सम्बन्ध में जरूरी सूचना 181 हेल्पलाइन से ली जा सकती है.

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