हरीश चौधरी ने लगाया जीवन का अर्धशतक, गजेंद्र सिंह शेखावत को हराकर बने थे छात्रसंघ अध्यक्ष

हरीश चौधरी का है आज 50वां जन्मदिन, 22 साल की उम्र में रखा छात्र राजनीति में कदम, 1992 में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में बतौर छात्रसंघ अध्यक्ष चौधरी ने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं मनमोहन सिंह, अशोक गहलोत व राष्ट्रीय किसान नेता नाथूराम मिर्धा को आमंत्रित कर चौंकाया सबको

हरीश चौधरी
हरीश चौधरी

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री व बाड़मेर के बायतु से विधायक हरीश चौधरी का आज 50 वां जन्मदिवस है. राजस्थान कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश चौधरी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के करीबियों में से एक हैं. हरीश चौधरी के जन्मदिन पर प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित अन्य सभी नेताओं ने जन्मदिन की शुभकामनाएं दी.

बाड़मेर के बायतु में एक साधारण किसान परिवार में जन्में और आज सरकार में मंत्री हरीश चौधरी के राजनीतिक जीवन की बात करें तो चौधरी ने महज 22 साल की उम्र में छात्र राजनीति में कदम रखा. वर्ष 1992 में जोधपुर की जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी से छात्रसंघ का चुनाव लड़ा ओर वर्तमान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को हराकर छात्रसंघ अध्यक्ष बने. मंत्री हरीश चौधरी ने 1992 में छात्र संघ चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस पार्टी में अपनी पकड़ मजबूत की. छात्र राजनीति के बाद चौधरी यूथ कांग्रेस में सचिव और फिर उपाध्यक्ष बने. इस दौरान चौधरी ने यूथ कांग्रेस में उन्हें मिली जिम्मेदारी को बखूबी निभाया.

हरिश चौधरी की छात्र राजनीति के समय से ही बडे कांग्रेस नेताओं तक पहुंच थी. वर्ष 1992 में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में हुए वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में बतौर छात्रसंघ अध्यक्ष चौधरी ने कांग्रेस के बडे नेताओं को कार्यक्रम में अतिथि के रूप में बुलाया. चौधरी के आमंत्रण पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व राष्ट्रीय किसान नेता नाथूराम मिर्धा ने कार्यक्रम में शिरकत की.

हरीश चौधरी वर्ष 2006 में बाड़मेर की स्थानीय राजनीति में सक्रिय हुए. इसके बाद वर्ष 2009 में देश के क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र बाड़मेर से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और भाजपा प्रत्याशी मानवेंद्रसिंह को हरा कर संसद पहुंचे. हरीश चौधरी पंजाब में कांग्रेस के 7 साल तक प्रभारी रहे इसके साथ ही महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य व उप चुनाव में सह प्रभारी भी रहे. हरीश चौधरी के लिए 2014 का लोकसभा चुनाव अच्छा नहीं रहा और मोदी लहर में चौधरी भी बाडमेर से लोकसभा चुनाव हार गए. इसके बाद हरीश चौधरी कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव बने और पार्टी के कद्दावर नेताओं में गिने जाने लगे.

हरिश चौधरी ने वर्ष 2014 के बाद प्रदेश में सक्रियता से पार्टी के लिए काम किया. इसके साथ ही पंजाब स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य के तौर पर पंजाब में पार्टी के लिए काम किया और साथ ही साथ ही जम्मू कश्मीर, हरियाणा में भी पार्टी के लिए विभिन्न पदों पर काम किया. यही परिणाम रहा कि 2018 में प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने चौधरी को बायतू से टिकट दिया और चुनाव जितते ही राजस्व मंत्री के साथ-साथ उप निवेशक विभाग, कृषि सिंचित क्षेत्रीय विकास एवं जल उपयोगिता विभाग का मंत्री बनाकर मुख्यमंत्री गहलोत ने उन्हें तोहफा दिया.

सदियों बाद पश्चिमी राजस्थान से देश व प्रदेश की राजनीति में किसान व युवाओं की आवाज बनकर उभर रहे हरीश चौधरी को किसानों का हितेषी भी कहा जाता है. पिछले साल जब प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में टिडडीयों का हमला हुआ तो मंत्री हरीश चौधरी कई महिनों तक संकट के इस समय में टिडडी प्रभावित क्षेत्रों में कैम्प कर रहे. अब एक बार फिर पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में टिडडीयों का संकट आया हुआ है तो एक बार फिर से मंत्री चौधरी किसानों की साथ खडे हैं और केंद्र सरकार को समस्या के समाधान के लिए पत्र भी लिख चुके हैं. हरीश चौधरी को अपने स्थानीय बाड़मेर जिले के लोगों से जुड़ाव रखने के साथ साथ देश व प्रदेश के लिए काम करने वाले नेताओं में से एक माना जाता है.

यह भी पढ़ें: रौचक रहा सांसद-विधायकों के साथ सीएम गहलोत का दूसरे चरण का संवाद, जानिए किसने क्या-क्या कहा

हरिश चौधरी का जन्म साधारण किसान परिवार में हुआ. हरिश चौधरी के पिता मूलसिंह कृषक है. मंत्री चौधरी की प्रारंभिक पढाई बायतू गांव में ही हुई है. इसके बाद चौधरी ने छात्र राजनीति के साथ साथ जोधपुर के जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी से बी.एससी, एमए (इकोनॉमिक्स) की पढाई की. चौधरी के परिवार में पत्नी, बेटा और एक बेटी है.

Leave a Reply