पॉलिटॉक्स ब्यूरो. गहलोत सरकार राजस्थान की जनता को नए साल का तोहफा देने जा रही है. जिसके तहत सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए राजस्थान की गहलोत सरकार नये साल में एक नया कानून बनाने जा रही है. ये है जवाबदेही कानून (Accountability Law), इस कानून के आने के बाद अपने काम के लिए सरकारी दफ्तरों और सरकारी अधिकारियों की कुर्सियों तक चक्कर काटने की जद्दोजहद से प्रदेश की जनता को राहत मिलेगी. नये साल में जवाबदेही कानून से आमजन को राहत देने की कोशिश की जा रही है. कानून के आने के बाद कार्मिकों की मनमानी पर रोक लग सकेगी. जवाबदेही कानून के दायरे में 25 विभागों की 220 सेवाएं शामिल होंगी. ऐसा करने वाला राजस्थान देश में पहला राज्य होगा. जवाबदेही कानून का जिक्र कांग्रेस ने अपने विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में प्रमुख बिंदू के रूप में किया हुआ है.
लोगों की समस्याओं और उनके निराकरण को लेकर गहलोत सरकार गंभीर है और जवाबदेही कानून (Accountability Law) को लाने का सबसे प्रमुख कारण भी यही है कि अधिकारी व कर्मचारी जनता के काम को गंभीरता से लें. इसके बाद सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों की मनमानी पर न सिर्फ लगाम लग सकेगी, बल्कि आमजन को अपने काम के लिए ज्यादा भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी. जवाबदेही कानून लागू होने के बाद जनता की ओर से संबंधित विभागों की शिकायतों का निवारण अधिकारी-कर्मचारियों को 15 दिन के भीतर करने होगा. साथ ही शिकायतकर्ता को इसकी सूचना भी तय समय के भीतर देनी होगी. अगर 15 दिन के भीतर शिकायतकर्ता की शिकायत का निस्तारण नहीं होगा तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकेगी.
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जवाबदेही कानून (Accountability Law) के तहत प्रदेश के हर पंचायत स्तर पर भी सुनवाई होगी. इसके लिए सरकार राज्य की प्रत्येक पंचायत पर सूचना और सहयोग केंद्र खोलेगी, जहां जनता अपनी शिकायत दर्ज करा सकेगी. आम आदमी के सभी अधिकार नए कानून के दायरे में रखे जाएंगे. अगर 30 दिन में भी समस्या का निस्तारण नहीं होता तो परिवेदना उच्च अधिकारियों के पास जाएगी.
राज्य सरकार द्वारा इस खाके को तैयार करने के लिए एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर जवाबदेही कानून का मसौदा तैयार करने के निर्देश दिए गए थे. सूत्रों के अनुसार, इसे लेकर कमेटी की दो बार बैठकें भी हो चुकी हैं और मसौदा लगभग तैयार हो चुका है. अब कमेटी जल्दी ही अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंपेगी और उम्मीद की जा सकती है कि जल्द ही राजस्थान की जनता को इसका लाभ मिल सकेगा और राजस्थान का अनुसरण कर अन्य राज्यों में भी यह लागू किया जा सकता है.