अपने दम पर प्रवासियों को लाने में विफ़ल रही गहलोत सरकार करे प्रवासियों के लिए राहत पैकेज की घोषणा – पूनियां

प्रदेश में राहत के सभी काम अभी तक या तो केंद्र सरकार से मिली सहायता से हुए हैं या बड़ी संख्या में भामाशाहों और जनता ने मिलकर ज़रूरतमंद लोगों तक मदद पहुंचाई है, बड़ी-बड़ी बातें करने वाली राज्य सरकार अभी तक अपने दम पर अपने प्रदेश के लोगों के लिए कुछ नहीं कर पाई - सतीश पूनियां

प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां - मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां - मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. केंद्र सरकार की अनुमति के बाद लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों की अब अपने घरों में वापसी होने लग गई है. प्रदेश में रविवार तक विभिन्न राज्यों से एक लाख प्रवासी आ चुके हैं तो करीब 60 हजार प्रवासी प्रदेश से जा चुके हैं. इसके साथ ही रविवार तक करीब 15 लाख प्रवासी घर वापसी के लिए राज्य सरकार के पोर्टल पर पंजीयन करवा चुके हैं. राजस्थान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से प्रदेश में आने वाले प्रवासी राजस्थानियों के लिए राहत पैकेज घोषित करने की मांग की है. इसके साथ ही पूनियां ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी आग्रह किया है की अन्य राज्यों से आ रहे प्रवासी राजस्थानियों को दूसरे राज्यों में किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो इसके लिए वे मदद करें.

सतीश पूनियां ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा कि मोदी सरकार द्वारा प्रवासियों को उनके घरों तक जाने की अनुमति मिलने के बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर रेल मंत्रालय ने उनके लिए स्पेशल रेल चलाने की घोषणा की जिससे प्रवासियों के आने की राह सुगम हो गई है. जिसका लाभ बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानियों को मिलने वाला है. पूनियां ने आगे कहा कि गहलोत सरकार अपने दम पर प्रवासियों को उनके घरों तक लाने में विफ़ल रही, राज्य सरकार बतायें की अब प्रवासियों के आने के बाद उनके रहने, खाने और नियमित हेल्थ चेकअप की सरकार ने क्या व्यवस्था की है.

सतीश पूनियां ने आगे कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि आने वाले प्रवासियों में से बहुत से ऐसे होंगे जो पहले से किसी बीमारी से पीड़ित होंगे उनके उपचार और दवाइयों का उचित प्रबन्ध हो. प्रवासी अपना काम-धंधा, रोज़गार सब कुछ छोड़कर आ रहे है इसलिए उनके रोज़गार, व्यवसाय में मदद की व्यवस्था भी सरकार करे. पूनियां ने आगे कहा कि प्रवासी होने के कारण इन लोगों के पास स्थानीय राशन कार्ड और पहचान पत्र नहीं होंगे, ऐसे में सरकारी योजनाओं के लाभ से भी ये वंचित होग़े, इसलिए सरकार को चाहिए की वो ऐसी व्यवस्था करे जिससे इन लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. प्रवासियों में श्रमिकों के अलावा, बड़ी संख्या में नौकरी और व्यवसाय करने वाले लोग भी शामिल है. इन सभी की साज-सम्भाल, रोज़गार और नए व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकार तुरंत एक राहत पैकेज जारी करे.

गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि प्रदेश में राहत के सभी काम अभी तक या तो केंद्र सरकार से मिली सहायता से हुए है, या बड़ी संख्या में भामाशाहों और जनता ने मिलकर ज़रूरतमंद लोगों तक मदद पहुंचाई है. बड़ी-बड़ी बातें करने वाली राज्य सरकार अभी तक अपने दम पर अपने प्रदेश के लोगों के लिए कुछ नहीं कर पाई है.

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सतीश पूनियां ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने भामाशाह जैसी लोककल्याण की योजना बंद कर दी और कोई विकल्प भी नहीं दिया. ऐसे संकट के समय लोगों के लिए संजीवनी का काम कर रही केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना को लागू नहीं किया इसलिए आज लोग परेशान हो रहे है. पूनियां ने आगे कहा कि निजी चिकित्सालयों को डरा रखा है इसलिए दूसरी बीमारियों का इलाज भी जनता का ठीक से हो नहीं रहा है. इसलिए हमारी मांग है कि सरकार निजी चिकित्सालयों को उचित निर्देशों के साथ इलाज करने की इजाज़त दे.

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