पहले रेप फिर हत्या फिर एक्सीडेंट – मौतें और फिर जाकर मिला पीड़िता को इंसाफ- उन्नाव रेप मिस्ट्री

पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर को मरते दम तक रहना होगा सलाखों के पीछे, 25 लाख का जुर्माना भी ठोका, पीड़िता का अस्पताल में चल रहा इलाज

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. उन्नाव दुष्कर्म मामले में ढाई साल बाद अब जाकर पीड़िता को इंसाफ मिला है. शुक्रवार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने आरोपी कुलदीप सेंगर (Unnao Rape Mystery) को आजीवन उम्रकैद की सजा सुनाई, मतलब सेंगर को मरते दम तक जेल की सलाखों के पीछे रहना होगा और इसी के साथ सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. सेंगर यूपी की बांगरमऊ विधानसभा सीट से चौथी बार भारतीय जनता पार्टी से विधायक बने, हालांकि रेप केस में आरोप सिद्ध होने के बाद बीजेपी ने उन्हें निष्कासित कर दिया गया. सेंगर पर बलात्कार, हत्या, हत्या का प्रयास, आपराधिक साजिश और आपराधिक धमकी देने के मामले दर्ज हैं. जज धर्मेश शर्मा ने कुलदीप सेंगर के वकीलों की तरफ से दिए गए हलफनामों को पढ़ा और केस में बहस हुई. सेंगर को 18 दिसम्बर को ही दोषी करार दिया जा चुका था और आज के लिए फैसला सुरक्षित रखा गया था. मामला जून, 2017 का है.

उन्नाव केस (Unnao Rape Mystery) पर प्रकाश डाला जाए तो यह केस 4 जून, 2017 से शुरु आया जब उन्नाव के माखी गांव से एक युवती गायब हुई. उसे जबरन अगवा किया गया और उसके साथ दुष्कर्म किया गया. जब पीड़ित परिवार ने थाने में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज करानी चाही तो पुलिस ने अनसुना कर दिया. थाने में सुनवाई न होने पर पीड़िता की मां अदालत पहुंची और कोर्ट के दखल के बाद सात दिन बाद मामला दर्ज हुआ.

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3 अप्रैल, 2018 को पीड़िता के पिता दिल्ली से पेशी में हाजिरी देकर गांव लौटे तब विधायक कुलदीप सेंगर के भाई अतुल व अन्य लोगों ने उनके साथ मारपीट की. यही नहीं, विधायक पक्ष की तहरीर पर माखी थाना ने पीड़िता के पिता पर आर्म्स एक्ट में रिपोर्ट दर्ज कर दी. अगले दिन पीड़िता की मां ने पुलिस थाने में माखी गांव के ही विनीत, सोनू, बउवा और शैलू समेत अन्य लोगों के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज किया. बाद में पुलिस ने रिपोर्ट में से विधायक के भाई अतुल सिंह का नाम हटा दिया. 5 अप्रैल को पुलिस ने युवती के घायल पिता का जिला अस्पताल में इलाज कराने के बाद जेल भेज दिया, जबकि परिवार वाले उनके इलाज कराने की मांग करते रहे.

8 अप्रैल को पिता को झूठे मुकदमे में फंसाने और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए युवती ने परिवार सहित लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की. उधर जेल में बंद युवती के पिता की हालत भी बिगड़ गई. अगली सुबह युवती के पिता की मौत हो गई. इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप किया.

10 अप्रैल को यूपी राज्य सरकार ने एसआईटी गठित कर मामले की जांच कराई और विधायक सेंगर के भाई अतुल सिंह समेत पांच लोगों पर युवती के पिता की हत्या का मामला दर्ज हुआ. (Unnao Rape Mystery)

12 अप्रैल को मामला दिल्ली पहुंचा और योगी सरकार की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने सीबीआई जांच की मंजूरी दी. उसके बाद सुबह तड़के सीबीआई ने विधायक कुलदीप सेंगर और शशि सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की. साथ ही सीबीआई ने कुलदीप सेंगर को लखनऊ स्थित आवास से गिरफ्तार किया. 15 अप्रैल को सेंगर को सीबीआई की 14 दिन की रिमांड पर भेजा गया. उसके बाद 8 मई को पीड़िता के चाचा की आपत्ति पर विधायक को उन्नाव जेल से सीतापुर जेल भेज दिया गया.

28 जुलाई, 2019 को इस केस में एक नया मोड आया जब पीड़िता अपने वकील की कार से चाची और मासी के साथ रायबरेली जेल में बंद चाचा से मिलने के लिए जा रही थी. तभी एक ट्रक से भिड़ंत में चाची और मासी की मौत हो गई. वकील और युवती गंभीर रूप से घायल हो गए जिनका इलाज जारी है.

1 अगस्त को चीफ जस्टिस रहे रंजन गोगोई ने सभी पांचों मामले लखनऊ की अदालत से दिल्ली की सीबीआई अदालत को ट्रांसफर करने के आदेश दिए और 45 दिनों में सुनवाई पूरी करने के निर्देश दिए. अगले दिन सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता के चाचा की सुरक्षा को लेकर रायबरेली की जेल से दिल्ली के तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया. वहीं 5 अगस्त के सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता को इलाज के लिए लखनऊ से दिल्ली लाने का आदेश दिया.

9 अगस्त को दिल्ली की एक अदालत ने कुलदीप सेंगर के खिलाफ आरोप तय कर दिए. सेंगर को धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए एक महिला का अपहरण या उत्पीड़न), 376 (बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं) और POCSO के तहत दोषी ठहराया गया. 14 अगस्त को पीड़िता के पिता की मौत मामले में कुलदीप सेंगर सहित 9 लोगों पर कोर्ट ने आरोप तय किए.

7 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में अस्थाई तौर पर कोर्ट लगाने का आदेश दिया. वहीं 29 सितंबर को दिल्ली महिला आयोग ने कोर्ट के आदेश पर दिल्ली में पीड़िता और उसके परिवार के लिए अस्थाई तौर पर रहने की व्यवस्था एक सुरक्षित स्थान पर करने का निर्देश दिया. (Unnao Rape Mystery)

11 अक्टूबर को पीड़िता की कार पर हमले के मामले में सीबीआई ने कुलदीप सेंगर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. वहीं 10 दिसंबर को कोर्ट ने अपना फैसला 16 दिसंबर के लिए सुरक्षित रखा. 16 दिसंबर को कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को अपहरण और रेप मामले में दोषी करार दिया और आज 20 दिसम्बर 2019 को सजा का एलान किया. निर्धारित दिन दोषी कुलदीप सेंगर को आजीवन उम्रकैद की सजा सुनाई गई.

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