राजस्थान में जल्द होंगे जिला प्रमुख एवं प्रधान के चुनाव, SC के फैसले का पायलट ने किया स्वागत, ‘छपाक’ गर्ल दीपिका का किया समर्थन

बतौर पीसीसी चीफ 6 साल के कार्यकाल को बताया खट्टी मीठी यादों का सफर, जेएनयू विवाद पर हो जल्द कार्रवाई, दीपिका की फ़िल्म का बायकॉट करने वालों की कड़ी निंदा की

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान में मौजूदा सरकार ने पिछले दिनों प्रदेश की पंचायतों का पुर्नगठन व पुर्नसीमांकन किया था. पंचायतों के इस पुर्नगठन संशोधन के आदेश को राजस्थान हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था. इस राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अनुमति याचिका दायर की थी. इसकी सुनवाई करते हुए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्गठन प्रकरण में राहत देते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई है. इस पुर्नगठन व पुर्नसीमांकन में प्रदेश की 204 ग्राम पंचायतें और 9 पंचायत समितियां शामिल थी. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब प्रदेश में जल्द जिला प्रमुख व प्रधान के चुनाव हो सकेंगे. सचिन पायलट ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया.

सुप्रीम कोर्ट के राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करने के आदेश के बाद बुधवार को राजस्थान पीसीसी चीफ एवं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट पत्रकारों से रूबरू हुए. इस दौरान पायलट ने कहा कि पिछले दिनों प्रदेश में पंचायत समितियों का पुनर्गठन ओर पुर्नसीमांकन किया गया था जो कि कानून के तहत राज्य सरकार समय-समय पर करती रहती है. हमारी सरकार ने संविधान व कानून के दायरे में रहते हुए पंचायत समितियों का पुर्नगठन किया था. इस पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी लेकिन आज उसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है. मैं सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत करता हूं.

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सचिन पायलट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद हमने जो घोषणा की थी, हम अब उसकी पालना कर सकते हैं. हमारा मुख्य उद्देश्य है था कि पंचायतें अगर भौगोलिक दृष्टि से छोटी बनती है तो लोगों को सुविधाएं मिलती है. आम जनता को सुविधाएं मिले, इसके लिए सरकार ने राहत प्रदान करते हुए पंचायतों का पुर्नसीमांकन किया था. कम आबादी में अगर पंचायत समिति बनती है तो इससे अधिक लोगों को लाभ मिलता है. इस दृष्टिकोण को रखकर सरकार ने पूरी योजना बनाई थी. मुझे खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से लोगों को फायदा मिलेगा. इस फैसले के बाद निर्वाचन आयोग अब बहुत जल्द अपना अगला कदम उठाएगा और जिला प्रमुख व जिला प्रधान के चुनाव की घोषणा जल्द होगी.

पायलट ने पीसीसी में होने वाली मंत्री स्तर की जनसुनवाई में अब शिकायतों के कम होने के सवाल पर कहा कि पीसीसी में जन सुनवाई पूरे व्यवस्थित तरीके से हो रही है. हमारी कोशिश है कि जो भी शिकायतें सुनवाई में आये, वह मौखिक न होकर के लिखित में हो ताकि समय पर उसमें कार्रवाई हो सके. मंत्री जो सुनवाई करते हैं, उनकी मॉनिटरिंग संबंधित विभाग भी करता है और पीसीसी के पदाधिकारी भी उसमें लगातार अपडेट लेते रहते है. जनसुनवाई से जनता को राहत मिल रही है. अब शिकायतों में कमी आई है. मुझे खुशी है कि सुनवाई में सरकार के सभी मंत्री और संगठन के पदाधिकारी बड़ी जिम्मेदारी से काम कर रहे हैं.

‘6 साल के कार्यकाल में बहुत सी खट्टी मीठी यादें’
‘प्रदेश अध्यक्ष के 6 साल के कार्यकाल से कितना संतुष्ट है’ सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि मुझसे पहले जो लोग अध्यक्ष रहे वो सभी लोग प्रदेश के दिग्गज नेता और अनुभवी थे. मेरे इस पद पर बैठने के बाद सभी लोगों ने बहुत मेहनत की है. इतने लंबे समय से अध्यक्ष पर बैठा हूं, इस पूरे कार्यकाल का श्रेय मैं प्रदेश की जनता को देना चाहता हूं. जब मैं पीसीसी अध्यक्ष बना था तब विधानसभा में सिर्फ 21 विधायक कांग्रेस के थे. लंबा संघर्ष मैंने प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद किया जिसमें प्रदेश पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने सहयोग किया. उसी का परिणाम है कि पिछले विधानसभा चुनाव में जहां बीजेपी 165 सीट जीत कर आई थी, वे राजस्थान विधानसभा चुनाव-2018 में 72 पर अटक गई. अध्यक्ष के नाते बिना पक्षपात, बिना तेरा मेरा किए संगठन से जुड़े हुए लोगों व प्रदेश की जनता को लेकर हम कैसे आगे बढ़ें, यह मेरी प्राथमिकता रही.

पीसीसी चीफ ने कहा कि सभी नेताओं के जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. मेरे कार्यकाल में भी बहुत सारे उतार-चढ़ाव आए. लेकिन हर समय मैंने अपना फोकस प्रदेश की जनता पर रखा और प्रदेश के सभी 33 जिलों में सभी ब्लॉक, गांव, ढाणी तक लोगों के बीच पहुंचा. जनता में अगर व्यक्तिगत रिश्ता बनता है तो वह नेता के तौर पर सबसे बड़ी पूंजी है. इन 6 साल के कार्यकाल में बहुत सी खट्टी मीठी यादें हैं जिसमें आप भी कहीं न कहीं साथी रहे. अध्यक्ष बनने के बाद मैंने चुनाव के वर्ष का इंतजार नहीं किया और वसुंधराजी की सरकार बनने के एक महीने बाद ही प्रदेश की जनता के लिए आंदोलन करना शुरू किया.

भारत बंद और माहौल पर केंद्र सरकार को संज्ञान लेने की सलाह
केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बुधवार को ट्रेड यूनियनों के विरोध करने के सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि जो माहौल आज देश में बन रहा है उससे सभी वर्ग दुखी है. इस पर केंद्र सरकार को संज्ञान लेना चाहिए. कोई भी बंद का आव्हान जब होता है जब सारे ऑप्शन फेल हो जाते हैं. मुझे लगता है कि केंद्र सरकार में संवाद की बहुत कमी है. जेएनयू में जो हो रहा है, अलग-अलग विश्वविद्यालय में जो पुलिस दिखाई दे रही है, यह किसी भी देश और लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है. केंद्र सरकार को जनता की बातें सुननी चाहिए लोगों से समझाइश करनी चाहिए. केंद्र सरकार की संवाद हीनता के कारण देश में ऐसा माहौल बन गया है कि सभी क्रोधित भी है और पीड़ित भी. आज का बंद इसी का प्रमाण है कि केंद्र सरकार ने कभी लोगों की बात सुनने का काम ही नहीं किया.

बसपा विधायकों के पीसीसी न आने के सवाल का दिया जवाब
बसपा के विधायकों के अभी तक पीसीसी कार्यालय में नहीं आने के सवाल पर कहा कि जब उनका विलय माननीय स्पीकर महोदय ने कांग्रेस में कर लिया है वो सभी कांग्रेस के विधायक बन गए हैं. कांग्रेस के विधायक बन गए हैं तो अब कांग्रेस की बात करेंगे. कांग्रेस के नेताओं से मिलेंगे और कांग्रेस के साथ ही काम करेंगे. इन सभी विधायकों को हम व्यक्तिगत रूप से जानते हैं उनको पार्टी में शामिल किया है तो उनको उपयोग में भी लेंगे ये सभी विधायक पार्टी की मदद भी करेंगे. मैं उम्मीद करता हूं कि उनके आने से पंचायत चुनाव में पार्टी को लाभ मिलेगा.

दीपिका के जेएनयू जाने और फिल्म के बॉयकाट पर बोले पायलट
दीपिका पादुकोण के जेएनयू जाने और फिल्म छपाक के बीजेपी नेताओं द्वारा बॉयकाट करने के सवाल पर कहा कि मैं ऐसे नेताओं की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं जो कि किसी भी अभिनेता या अभिनेत्री की फिल्म ना देखने की बात करता है जिसने अपना विचार दर्शाया है. वह केंद्र सरकार के पक्ष में नहीं है और विरोध में है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी फिल्मों को ना देखने की सलाह कोई नेता दे. मैं तो यह कहता हूं कि उनकी सलाह से अब ज्यादा लोग फिल्म देखेंगे. केंद्र सरकार के पक्ष में कोई नेता नहीं है तो उसकी फिल्म का बॉयकाट करने की बात बहुत बचकानी है. देश में किसी भी व्यक्ति को यह छूट है कि वह अपने विचार रख सकता है. फिल्म के बायकाट करने की बात एक संकीर्ण सोच का परिचय है. मैं फिल्म कम देखता हूं लेकिन जब कहा है कि इसको नहीं देखनी चाहिए तो मैं इस फिल्म को जरूर देखूंगा.

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