डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने उठाया मीसा बंदियों की पेंशन पर रोक का मामला, पेंशन स्कीम लागू करने की मांग की

मीणा ने कहा कि पेंशन बंद होने से ये लोग आर्थिक दृष्टि से अत्यंत कमजोर हो गए और अब मीसा बंदियों के उम्रदराज होने पर उनकी आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. देश के कई राज्यों में बंद की गई मीसा बंदियों की पेंशन का मुद्दा बुधवार को राज्यसभा में जोर शोर से गुंजा. वरिष्ठ भाजपा नेता व सांसद किरोडी लाल मीणा ने मीसा बंदियों की पेंशन योजना का मुद्दा राज्यसभा में उठाते हुए कहा कि आपातकाल के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, सामाजिक कार्यकर्ता तथा विभिन्न सांस्कृतिक संगठनों के करीब एक लाख दस हज़ार से अधिक लोगों को मीसा, ड़ीआईआर एवं अन्य निरोधात्मक धाराओं के तहत गिरफ्तार कर जेल की सलाखों में डाल दिया गया था. जिसके कारण हजारों लोगों के काम धंधे चौपट हो गए थे और बहुत से लोगों की नौकरियां चली गई थी. इस कारण जेल में बंद उन लोगों की पारिवारिक परिस्थितियां विषम हो गई थी.

डॉ किरोडी लाल मीणा ने कहा कि पेंशन बंद होने से ये लोग आर्थिक दृष्टि से अत्यंत कमजोर हो गए और अब मीसा बंदियों के उम्रदराज होने पर उनकी आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है. देश के अनेकों राज्यों में आपातकाल पीड़ितों को लोकतंत्र सेनानी पेंशन दी जा रही है, लेकिन कई राज्यों में सत्ता परिवर्तन के साथ ही इसे बंद कर दिया गया है. इस समय राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों ने आपातकाल पीड़ितों की पेंशन बंद कर दी है.

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डॉ किरोडी मीणा ने कहा कि मीसा बंदी पेंशन योजना ही इन उम्र दराज लोकतंत्र सेनानियों के पेट पालन का एकमात्र आधार है. इसके बावजूद कई राज्यों में मीसा, डीआईआर बंदियों की पेंशन को बंद कर दिया गया है. किरोडी मीणा ने कहा कि देश की आजादी के लिए जिन लोगों ने लड़ाई लड़ी ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों के लिए केंद्र सरकार स्वतंत्रता सैनिक सम्मान स्कीम 1980 लाई थी, उसी तर्ज पर मेरा आग्रह है कि देश भर के आपातकाल योद्धाओं को, जिन्हें आपातकाल में जेल के सीखचों में डाल कर यातनाएं दी थी. ऐसे लोगों को स्वतंत्रता सेनानियों की भांति केंद्र सरकार पेंशन स्कीम लागू कर पूरे देश के आपातकाल के लोकतंत्र सेनानियों को राहत प्रदान करे.

बता दें, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान वर्ष 1975 से 1977 के बीच लगे आपातकाल के दौरान जेल में डाले गए लोगों को मीसाबंदी पेंशन योजना के तहत पेंशन दी जाती थी. जिसे पिछले दिनों मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार व राजस्थान की गहलोत सरकार ने बंद कर दिया था.