महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election) की तैयारियां जोरों पर है. भाजपा-शिवसेना विरोधी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने के प्रयास चल रहे हैं. सभी विपक्षी पार्टियां एक साथ मिलकर भाजपा-शिवसेना (BJP-ShivSena) के खिलाफ एक सीट पर एक उम्मीदवार की योजना बना रही हैं. कांग्रेस (Congress) और राकांपा (NCP) महाराष्ट्र में प्रमुख विपक्षी पार्टियां हैं. दोनों में सीटों का तालमेल हो चुका है. दोनों ही पार्टियां विधानसभा की कुल 250 सीटों में से 38 सीटें अन्य छोटी विपक्षी पार्टियों को देने के लिए तैयार हैं. मंगलवार को दोनों पार्टियों की बैठक हुई थी. इसमें करीब 90 फीसदी सीटों पर तालमेल पूरा हो चुका है.

कांग्रेस-राकांपा का 38 सीटें अन्य छोटी पार्टियों के लिए छोड़ने का फैसला इस बात का संकेत है कि उनका प्रकाश अंबेडकर (Prakash Ambedkar) के साथ तालमेल नहीं हो पाया है, जो वंचित बहुजन आघाड़ी (VBA) के प्रमुख हैं. आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन (AIMIM) भी VBA के साथ है. जो 38 सीटें खाली छोड़ी गई हैं, वे शेतकरी-कामगार पार्टी (PWP), राजू शेट्टी की स्वाभिमानी शेतकरी संघटना (SSS), माकपा और अन्य पार्टियों में बंटेंगी.
250 में से कितनी सीटों पर कांग्रेस लड़ेगी और कितनी सीटों पर राकांपा, इसकी घोषणा बाद में होगी. दोनों पार्टियां जल्दी ही उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करेंगी.

एक कांग्रेस नेता ने कहा कि इस बार हम जीतने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों पार्टियां एकजुट हैं. चुनाव जीतने की क्षमता के आधार पर उम्मीदवार तय किए जा रहे हैं. गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक है, जिसमें उम्मीदवारों की सूची तय की जा सकती है. कांग्रेस जल्दी ही अपने सौ उम्मीदवारों की सूची जारी करेगी, जिससे कि समय से पहले चुनाव प्रचार शुरू करना आसान हो. कुछ सीटों पर दोनों पार्टियों के बीच विवाद बना हुआ है, जिसका समाधान दोनों पार्टियों के नेता मिलकर करेंगे. इनमें एक इंदापुर विधानसभा सीट शामिल है, जहां फिलहाल राकांपा के दत्ता भरणे विधायक हैं. उससे पहले यहां कांग्रेस के हर्षवर्धन पाटिल (Harshvardhan Patil) विधायक रह चुके हैं. इस सीट पर दोनों ही पार्टियां दावा कर रही हैं.

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