3 साल में विकास के ‘खलनायक’ सीएम गहलोत ने प्रदेश के बंटाधार में नहीं छोड़ी कोई कसर- राठौड़

गहलोत सरकार के तीन साल हुए पूरे, भाजपाई दिग्गज राजेन्द्र राठौड़ के निशाने पर गहलोत सरकार, राठौड़ बोले- 3 साल के कुशासन को सुशासन बताते हुए जश्न मनाना आश्चर्यजनक, कांग्रेस का जन घोषणा पत्र साबित हुआ झूठ का पुलिंदा, सरकार के दावे झूठे दूरबीन से भी देखने पर दूर-दूर तक नहीं दिख रहा विकास, कुशासन से तंग जनता विदाई देने के लिए तैयार, राजनीतिक द्वेषता के तहत पूर्व सरकार की योजनाओं को किया बंद, इतिहास में पहली बार सरकार को 34 दिन होटल में रहना पड़ा कैद'

3 साल में विकास के 'खलनायक' सीएम गहलोत ने प्रदेश के बंटाधार में नहीं छोड़ी कोई कसर- राठौड़
3 साल में विकास के 'खलनायक' सीएम गहलोत ने प्रदेश के बंटाधार में नहीं छोड़ी कोई कसर- राठौड़

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान (Rajasthan) की गहलोत सरकार (Gehlot Government) के तीन साल पूरा होने पर मनाए जाने वाले जश्न को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष और भाजपाई दिग्गज राजेन्द्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने गहलोत सरकार को आड़े हाथ लिया है. राठौड़ ने कहा कि, ‘अंतर्कलह से जूझती राज्य की कांग्रेस (Congress) सरकार ने ‘राजस्थान का बंटाधार’ करते हुए अपने कुशासन के 36 माह गुजार दिए हैं, जिसमें सरकार के पास विफल कानून व्यवस्था, पेट्रोल-डीजल पर सर्वाधिक वैट व सबसे महंगी बिजली, किसानों व बेरोजगारों के साथ वादाखिलाफी, कोरोना कुप्रबंधन, पेपर लीक प्रकरण, सरकारी विभागों में व्यापक भ्रष्टाचार सहित अन्य ऐसी कई उपलब्धियां हैं जिस पर सरकार गौरवान्वित महसूस कर जश्न मनाने में डूबी है’. राठौड़ ने कहा कि, ‘गहलोत सरकार विज्ञापनों पर अंधाधुंध पैसा बहा रही है वहीं दूसरी ओर प्रदेश की साढ़े 7 करोड़ जनता सरकार की विफल नीतियों से त्रस्त होकर आंसू बहाने को मजबूर है’.

‘3 साल के कुशासन को सुशासन बताते हुए जश्न मनाना आश्चर्यजनक’
भाजपाई दिग्गज राजेन्द्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि, ‘वैश्विक महामारी कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर आमजन भयभीत है, कोरोना की तीसरी लहर आने की प्रबल आशंका है, ऐसी विकट परिस्थिति में भी राज्य के मुखिया अशोक गहलोत जी सरकारी तंत्र का बेजा इस्तेमाल करते हुए पहले ”महंगाई हटाओ रैली” में भीड़ जुटाने में व्यस्त रहे और अब 3 वर्ष के ‘कुशासन को सुशासन‘ दिखाते हुए जश्न मनाने के लिए लालायित व उत्सुक है, यह आश्चर्यजनक है’.

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कांग्रेस का जन घोषणा पत्र झूठ का पुलिंदा
कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र के वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘कांग्रेस पार्टी द्वारा जनता के समक्ष लाया गया जन घोषणा पत्र भी झूठ का पुलिंदा साबित हुआ है. सरकार ने जन-घोषणा पत्र में किसान कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता, महिलाओं की सुरक्षा, संविदाकर्मियों के नियमितिकरण, महंगाई नियंत्रण हेतु प्रभावी कदम उठाने एवं प्रदेश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने जैसे कुल 501 लोक-लुभावने व खोखले वादे किए थे जिसमें आधे से ज्यादा घोषणाएं आज 3 वर्ष पश्चात् भी अधूरी है. कुल मिलाकर जन घोषणा पत्र सिर्फ कागजी दस्तावेज व ढकोसला ही साबित हुआ है’.

‘दूरबीन से भी देखने पर दूर-दूर तक नहीं दिख रहा विकास’
भाजपाई दिग्गज राठौड़ ने कहा कि, ‘महज 0.5 फीसदी अधिक मत लेकर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार के पास अब महज 24 माह शेष हैं जिसमें भी अंत के 6 माह चुनाव में बीत जाएंगे, यानी ना तो इन 3 सालों में सरकार ने विकास कार्यों की कोई नींव रखी और ना ही आगामी कार्यकाल के विकास का कोई रोडमैप सरकार के पास है. 3 वर्ष के दौरान दूरबीन से देखने पर भी विकास दूर-दूर तक कहीं दिखाई नहीं दे रहा है.’

‘कुशासन से तंग जनता विदाई देने के लिए तैयार
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘सरकारी विज्ञापनों में 3 वर्ष को उपलब्धियों के रूप में बखान करके गहलोत सरकार जनता को भ्रमित कर रही है लेकिन वास्तविकता में सरकार के सारे दावे हवा-हवाई हुए हैं और धरातल से कोसों दूर हैं. इन 3 वर्ष में गहलोत सरकार जन कसौटी पर बिल्कुल भी खरा नहीं उतरी और जनता का विश्वास भी पूरी तरह खो चुकी है जिसका ट्रेलर राज्य सरकार को भाजपा की जन आक्रोश रैली व हल्ला बोल कार्यक्रमों में साफ दिख रहा है. सरकार के कुशासन से तंग आ चुकी जनता सरकार की विदाई के लिए कमर कस चुकी है.

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राजनीतिक द्वेषता के तहत पूर्व सरकार की योजनाओं को किया बंद’
पूर्ववर्ती राजे सरकार की योजनाओं को बंद करने और नाम बदलने का आरोप लगाते हुए चूरू विधायक राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक द्वेषतापूर्ण पूर्ववर्ती सरकार के समय की संचालित योजनाओं को बंद करने, फैसलों को पलटने व योजनाओं का नाम बदलने का जो काम किया, उससे सरकार की मंशा प्रारम्भ में ही परिलक्षित हो गई थी. नए विकास कार्य की नींव डालना तो दूर बल्कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यों का शिलान्यास व उद्घाटन करके ही सरकार झूठी वाहवाही लूटने में लगी है. साथ ही आर्थिक कुप्रबंधन की वजह से राज्य की अर्थव्यवस्था पूरी तरह डगमगाई हुई है.

राठौड़ का तंज- हालात ये हैं कि पुलिस को ही सुरक्षा की दरकार
भाजपाई दिग्गज राठौड़ ने कहा कि, ‘गहलोत सरकार के अब तक के कार्यकाल में 3 वर्ष पूर्व शांति के टापू के नाम से विख्यात हमारा राजस्थान प्रदेश देशभर में कुख्यात हो चुका है. प्रदेश में हत्या, लूट, दुष्कर्म, डकैती, चोरी, अपहरण, बजरी माफियाओं के आतंक, गैंगस्टरों द्वारा व्यापारियों को धमकी, जेल से संगठित गिरोह चलाने जैसे अनेकों अपराधों की बाढ़ आ गई है जिससे प्रदेश की कानून व्यवस्था पूर्णतया तहस-नहस हो गई है. राज्य में बदमाशों की हिमाकत तो इस कदर बढ़ गई है कि अब उनके निशाने पर आमजन के साथ पुलिस भी है और आमजन को सुरक्षा मुहैया कराने वाली पुलिस को ही सुरक्षा की दरकार है’. राठौड़ ने कहा कि, ‘एनसीआरबी के नवीनतम आंकड़े चीख-चीख कर बयां कर रहे हैं कि दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान वर्ष 2019 के पश्चात् वर्ष 2020 में पुनः देश में पहले पायदान पर है. वहीं अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराधों में राजस्थान देश में तीसरे एवं अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराधों में राजस्थान देश में दूसरे पायदान पर है. कांग्रेस राज में ना मन्दिर में भगवान सुरक्षित हैं, ना अस्पताल में बच्चे सुरक्षित है, ना व्यापारी सुरक्षित है और ना ही अब स्कूल में विद्यार्थी सुरक्षित हैं. यहां केवल ‘अपराधी’ सुरक्षित हैं.

राज्य सरकार खुद महंगाई की जन्मदाता
गहलोत सरकार के वित्तीय प्रबंधन को आड़े हाथ लेते हुए राठौड़ ने कहा कि, ‘राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर सर्वाधिक वैट, महंगी बिजली, सर्वाधिक 2.6 % मंडी टैक्स वसूल रही राज्य सरकार खुद महंगाई की जन्मदाता की भूमिका में है. राजस्थान के इतिहास में पहली बार है जब सरकार की तरफ से कोयला कुप्रबंधन की चपेट में आने से प्रदेश के अधिकतर शहरी व ग्रामीण क्षेत्र अंधकार में डूबे रहे, वहीं राज्य के 1 करोड़ 52 विद्युत उपभोक्ताओं को फ्यूल सरचार्ज, स्थायी शुल्क, नगरीय उपकर जैसे कई सरचार्जों को लगाकर करीब 18-20 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से सबसे महंगी बिजली देकर उनकी कमर तोड़ी जा रही है.

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इतिहास में पहली बार सरकार को 34 दिन होटल में रहना पड़ा कैद’
कांग्रेस की सियासी कलह पर तंज सकते हुए राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘राजस्थान के इतिहास में पहली बार हुआ जब सरकार को 34 दिन तक होटल में कैद रहना पड़ा. राज्य के मुखिया व तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के बीच की गुटबाजी से राजस्थान की बदनामी देशभर में हुई और सरकार का असली चेहरा सामने आ गया. कोरोना काल में ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, रेमडेसिविर इंजेक्शन, वैक्सीनेशन सहित अन्य संसाधनों की व्यवस्था करने की बजाय सरकार अपनों से ही जूझती रही और जनता कोरोना काल की विषम परिस्थिति में काल का ग्रास बनने को मजबूर हुई.

राजस्थान में भ्रष्टाचार का खुला तांडव मचा’
कांग्रेस की सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘3 वर्ष के कालखंड में राजस्थान में भ्रष्टाचार का खुला तांडव मच रहा है. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट भी राजस्थान के सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर मुहर लगा रही है. शिक्षक सम्मान समारोह में भी शिक्षकों ने सरकार के मुखिया के समक्ष ट्रांसफर के लिए रिश्वत देने की बात एकस्वर में कही. कांग्रेस राज में भ्रष्टाचार की जड़े अंदर तक है. कुल मिलाकर विगत 3 वर्षों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विकास के खलनायक की भूमिका में रहे और राजस्थान का बंटाधार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी’.

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