Politalks.News.Rajasthan. REET पेपरलीक (Reet Paper Leak) मामले में CBI जांच की मांग को लेकर प्रदेश भाजपा सदन से सड़क तक एक्शन में है. भाजपा (BJP) ने जहां एक ओर आज सदन से वॉक आउट किया तो वहीं विधानसभा के घेराव के लिए जमकर एक्शन भी दिखाया. दूसरी तरफ राज्यपाल के अभिभाषण पर चार दिन तक चली बहस के जवाब में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने मोर्चा संभाला और भाजपा पर पानी पी-पीकर (CM Gehlot Counterattack) हमला बोला. सीएम अशोक गहलोत ने तंज भरे लहजे में कहा कि, ‘बहस तो हुई नहीं, हमारे विपक्ष के सदस्य बोले नहीं, किस बहस का जवाब दूं?’ प्रदेश भाजपा पर कटाक्ष (Ashok Gehlot Alleged BJP) करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘इतने साहब इकट्ठे हो गए कि पता नहीं, साहबों का सरदार कौन होगा? बता दें, इससे पहले REET मामले में सीबीआई जांच की मांग और सरकार के जवाब से असंतुष्टि जताते हुए भाजपा विधायक दल ने सदन से वॉक आउट कर दिया था.
‘विपक्ष की ड्यूटी है कि बताए सरकार की कमियां’
भाजपा द्वारा विधानसभा से वॉक आउट पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि, ‘प्रदेश में जितनी बड़ी समस्या होती है, लोग इंतजार करते हैं कि असेंबली में हमारे मुद्दे उठाए जाएंगे. महंगाई का मुद्दा बड़ा मुद्दा है, बेरोजगारी तो विस्फोटक स्थिति में है. अगर समय पर इसे काबू नहीं किया तो पता नहीं युवा किस दिशा में जाएगा. जब देश में हालात ऐसे हों तो सरकार किसी भी पार्टी की हो, पक्ष और विपक्ष की ड्यूटी होती है कि वह सरकार की कमियां बताए. विपक्ष को चाहिए था कि हमारे पिछले बजट में क्या कुछ कमियां रहीं, उसे सामने रखते’.
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‘भाजपा का एकमात्र मकसद अटक जाएं भर्तियां, ताकि सरकार को कर सकें बदनाम’
REET मामले की सीबीआई जांच की मांग पर सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘रीट की परीक्षा को सीबीआई का देने से मकसद है कि प्रदेश में भर्तियां साल भर के लिए टल जाएं और फिर भाजपा सरकार को बदनाम कर सकें कि सरकार नौकरियां नहीं दे पा रही है’. सीएम गहलोत ने लोकसभा में सांसद हनुमान बेनीवाल के सवाल का हवाला देते हुए कहा कि, ‘सांसद के सवाल के जवाब में केंद्र ने बताया है कि पिछले 10 साल में राजस्थान से सीबीआई को 37 केस मिले, 27 ट्रायल में हैं, यह हालत है. हमने पाली का मनोहर राजपुरोहित अपहरण, जोधपुर लवली कंडारा और अलवर का केस सीबीआई को दे रखा है लेकिन कुछ नहीं हुआ?
’50 हजार का दावा था दावा, वहां पहुंचे 1000-1500 लोग’
भाजपा के विधानसभा कूच पर सीएम गहलोत जमकर कटाक्ष किया. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि, ‘जहां दावा 50 हजार का किया जा रहा था, वहां 1000-1500 लोग ही पहुंचे हैं. शाम को पोल खुल जाएगी कि कितने लोग उनके प्रदर्शन में शामिल हैं’. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अभिभाषण का जवाब पेश करते हुए कहा कि देश में अविश्वास, अशांति, तनाव और हिंसा का माहौल है. इन सबसे बचने के लिए भाजपा के हाईकमान के इशारे पर यह सबकुछ हो रहा है. क्योंकि 3 साल में ये लोग सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी पैदा नहीं कर पाए. इस बात की उनको तकलीफ है कि दो-ढाई साल बाद आम जनता में सरकार विरोधी लहर या लोगों की भावना जो पैदा हो जाती है, इस बार नहीं है’.
‘अलवर में बच्ची के साथ रेप हुआ ही नहीं, फिर भी चिल्ला रहे थे रेप-रेप’
अलवर के कथित दरिंदगी कांड पर बड़ा बयान देते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘भाजपा ने अलवर में बालिका के साथ हुई दुर्घटना को राजनीतिक लाभ लेने के लिए रेप का नाम दे दिया. इनकी मांग पर अलवर के केस को हमने सीबीआई को सौंप दिया. अब दिल्ली में सरकार इनकी है, इस केस को सीबीआई क्यों नहीं ले रही? उस बच्ची का रेप हुआ ही नहीं, उसके रेक्टम सहित अंगों में रेप का प्रमाण नहीं मिला. फिर भी रेप-रेप चिल्ला रहे हैं, उस परिवार पर क्या बीत रही होगी?
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’62 हजार भर्तियों को अटकाना चाहते हैं ये लोग’
REET निरस्त किए जाने की बात पर सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘हम चाहते हैं कि बच्चों के लिए अगले 10 दिन में भर्ती निकालें और अगले छह माह में नौकरी मिल जाए. टीचर्स की 62 हजार नौकरियां लग रही हैं. 62 हजार नौकरियां रुके कैसे कुछ लोग इस प्रयास में है, पिछले कई साल से कुछ लोग नौकरियां रोकने का प्रयास करते रहते हैं’. मुख्यमंत्री ने कहा कि, ‘ये सरकार को बदनाम कराना चाहते हैं. ये चाहते हैं रीट के मुद्दे पर सरकार को बदनाम किया जाए. सीबीआई को पहले ही बहुत से मामले दिए हैं उनकी ही जांच नहीं हो पा रही’.
‘कोरोना काल में केंद्रीय मंत्रियों ने दी भाभीजी के पापड़ खाने और नारियल चढ़ाने की सलाह’
केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और अर्जुन राम मेघवाल को निशाने पर लेते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘जब कोरोना से दुनिया चिंतित थी, इनके मंत्री क्या कह रहे थे? कोरोना में हमारे केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल कहते हैं- ‘भाभीजी के पापड़ खाओ’. गजेंद्र सिंह शेखावत कह रहे थे कि, ‘बालाजी के नारियल चढ़ाओ’ भोले-भाले लोग इनके बहकावे में आ जाते हैं. इनके बहकावे में आकर कई लोग मारे गए, ये इस तरह की सोच के लोग हैं. कभी ताली बजती है, कभी थाली बजती है’.
‘जहां शिक्षा कम है, वहां भाजपा ज्यादा’
भाजपा पर निशाना साधने के लिए सीएम गहलोत ने भादरा के सीपीएम विधायक बलवान पूनियां के बयान को आधार बनाते हुए कहा कि, ‘हमारे बलवान पूनियां जी ने सही कहा था कि जहां शिक्षा कम है, वहां भाजपा ज्यादा है. यह बात सही है. जहां शिक्षा कम है, वहां भाजपा ज्याादा है. हम शिक्षा को बढ़ावा देंगे. हमने निजी सैक्टर में भी कॉलेज यूनिवर्सिटी को बढ़ावा दिया. पहले हमारे बच्चों को इंजीनियरिंग और मेडिकल शिक्षा के लिए महाराष्ट्र सहित बाहरी राज्यों में जाना पड़ता था, लेकिन अब हालात बदल गए हैं. राजस्थान देश का पहला राज्य होगा, जहां गांव गांव में अंग्रेजी स्कूल होंगे. विधायक जितने अंग्रेजी स्कूल मांगेगे, उतना देंगे। बीजेपी वाले तो यूनिवर्सिटी बंद करने वाले लोग हैं.
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‘केंद्रीय जल संसाधन मंत्री को राजस्थान से नहीं है कोई मतलब’
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को आड़े लेते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘जलशक्ति मंत्री राजस्थान के हैं, लेकिन उन्हें राजस्थान से कोई मतलब नहीं है. हमने केंद्रीय योजना में केंद्र का हिस्सा बढ़ाने की मांग की लेकिन ध्यान नहीं दिया. ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग लंबे समय से चल रही है. पीएम ने चुनाव से पहले इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की घोषणा की, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ.’
सीएम गहलोत ने तंज कसते हुए आगे कहा कि, ‘हो सकता है चुनाव आने तक केंद्र ईआरसीपी को केंद्रीय परियोजना घोषित कर दें. अगर नहीं करेंगा तो 13 जिले के लोग सबक सिखा देंगे, इन 13 जिलों में 82 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. चुनाव में की गई घोषणा से मुकरेंगे तो जनता सबक सिखाएगी. यूपी में अभी चुनाव आए तो उन्होंने केन-बेतवा लिंक को 44 हजार करोड़ रुपए दे दिए, जबकि यह पहले की योजना थी’.
‘किसानों के कर्ज माफी के लिए सैटलमेंट करे केंद्र, हम पैसा देने को तैयार’
किसान कर्जमाफी को लेकर सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘हम कॉमर्शियल बैंकों से किसान के कर्ज माफ करने के लिए केंद्र सरकार से सैटलमेंट कराने का प्रयास कर रहे हैं. हमने केंद्र सरकार से कहा है कि, ‘हम सैटलमेंट का पैसा देने को तैयार हैं. अगर नीरव मोदी, एबीसी जैसे लोगों का कर्ज एनपीए हो सकता है, तो किसान का हम सैटलमेंट का पैसा हम देने को तैयार हैं. लेकिन ये केवल किसान को भड़काना ही जानते हैं’.
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‘भाजपा नेताओं को दिल्ली से हाईकमान की फटकार पड़ी’
भाजपा की अंदरूनी खींचतान और REET मामले पर बीजेपी के हमले पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘बेरोजगारी का मुद्दा गंभीर है. बिहार में ट्रेन जल रही हैं. दिल्ली के इशारे पर ये विरोध कर रहे हैं, इन्हें दिल्ली से फटकार पड़ी है कि आप तीन साल में सत्ता विरोधी लहर नहीं पैदा कर पाए तो नॉन इश्यू को इश्यू बनाइए, इसीलिए ये विरोध कर रहे हैं. आज देश में हिसा और अशांति का माहौल है’.