केन्द्र सरकार कम्पनी राज मोदी सरकार पर फिर एक बार जोरदार हमला करते हुए प्रियंका गांधी ने रायबरेली में आरोप लगाया कि केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा देश में एक नया ”कम्पनी राज” लाना चाहती है, जिसके जरिये ये सरकार देश के कारखाने और धन-सम्पदा कुछ गिने-चुने उद्योगपतियों को सौंप देगी. रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी ने भी पिछले महीने मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा में रायबरेली में रेलवे के कारखाने के निजीकरण पर सवाल उठाए थे. प्रियंका ने फैक्ट्री कर्मचारियों से मुलाकात की. फैक्ट्री के कर्मचारी बीते 18 जून से लगातार धरना कर रहे हैं.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मंगलवार को सोनिया गांधी के निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली के दौरे पर पहुंची. प्रियंका ने यहां निजीकरण के खिलाफ आंदोलन कर रहे रेल कोच फैक्ट्री के कर्मचारियों से मुलाकात की. प्रियंका ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की मंशा फैक्ट्री के निजीकरण की है. प्रियंका ने कहा कि सरकार से इस फैसले का कोई आधार नहीं है.

मोदी सरकार पर हमला करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि अगर ये फैक्ट्री घाट में चल रही होती तो इसके निजीकरण करने का फैसला समझने लायक था पर जब ये सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रही है तो फिर सरकार ये कदम क्यों उठा रही है. प्रियंका ने कहा कि और कई जगह रेल कोच फैक्ट्रियां हैं पर निजीकरण की शुरूआत रायबरेली से ही क्यों की जा रही है?

गौरतलब है कि इस रेल कोच फैक्ट्री का केन्द्र सरकार निगमीकरण करने वाली है, जिसको लेकर फैक्ट्री के कर्मचारी बीते 18 जून से लगातार धरना कर रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि वो सरकारी कर्मचारी हैं लेकिन सरकार निगमीकरण करके उनकी तनख़्वाह को नफ़ा नुकसान के दायरे में बांध देगी. कर्मचारियों का ये भी आरोप है कि सरकारी फैक्ट्री का निगमीकरण आगे चलकर निजीकरण का तरीक़ा है, इसलिए वो तबतक विरोध बन्द नहीं करेंगे, जबतक सरकार अपना फ़ैसला वापस ना ले ले.

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प्रियंका गांधी ने प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों को समर्थन देते हुए अपने सम्बोधन में कहा ”रेलवे देश की बुनियादी संस्थाओं में से है. यह करोड़ों लोगों को रोजगार ही नहीं देती, बल्कि देश की एकता भी कायम रखती है. असलियत यह है कि भाजपा एक नया कम्पनी राज लाना चाहती है. एक ऐसा कम्पनी राज जिसके जरिये देश के कारखाने, सार्वजनिक उपक्रम, देश की धन-सम्पदा कुछ गिने-चुने उद्योगपतियों के हाथों में ही सौंपी जाएंगी. इसकी शुरुआत यहां रायबरेली से हो रही है”

देश की अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि आज सबको पता है कि देश की अर्थव्यवस्था की क्या हालत है. मैंने अखबारों में मिल एसोसिएशन और चाय बागान के संगठनों के बड़े-बड़े इश्तिहार देखे हैं. वे कह रहे हैं कि हम डूब रहे हैं, हमें बचाइये. अर्थव्यवस्था इतनी दुर्बल हो रही है. रोजगार छूटे जा रहे हैं और इस बीच केन्द्र सरकार को यह बात सूझी है कि जहां रोजगार है, उसे बंद कराया जाए. आप सोच सकते हैं कि इनका क्या इरादा है
उन्होंने कहा कि रेलवे, स्वास्थ्य की बड़ी-बड़ी संस्थाएं और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम इसलिये बनाये गये थे, ताकि देश मजबूत हो. वे सब देश का विकास और रोजगार बढ़ाने के लिये बनाये गये थे. अगर एक-एक करके उनको तोड़ा जाएगा तो आगे देश का भविष्य क्या होगा?

रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी का इस फैक्ट्री से सम्बन्ध बताते हुए प्रियंका ने कहा कि उनकी मां और रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी ने इस फैक्ट्री की स्थापना के लिये संघर्ष किया था. वर्ष 2007 में जब इस फैक्ट्री की घोषणा की गयी और उस समय उत्तर प्रदेश सरकार ने जमीन देने से साफ इनकार किया तो यहां के किसान भाई बहनों और आप सबके साथ सोनिया जी ने यह फैक्ट्री बनाने के लिये संघर्ष किया. ये फैक्ट्री बनने पर उन्हें इस बात की खुशी थी कि इससे क्षेत्र में रोजगार मिलेगा. आज इस फैक्ट्री में इस इलाके के 2000 से ज्यादा लोग काम करते हैं.

बता दें, रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्ट्री का शिलान्यास साल 2008 में तत्कालीन यूपीए अध्यक्ष और रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी ने किया था. इस फैक्ट्री का उद्घाटन साल 2013 में सोनिया गांधी ने ही किया था. इसमें कुल स्थायी कर्मचारियों की संख्या 2200 के क़रीब है, वहीं क़रीब 5000 अस्थाई कर्मचारी भी काम कर रहे हैं. 542 हेक्टेयर में फैले इस फैक्ट्री में भारतीय रेल की ज़रूरत के मुताबिक़ कोच बनाये जाते हैं. जिसमें जनरल बोगी से लेकर स्लीपर और एसी कोच शामिल हैं.

आगे अपने सम्बोधन में कांग्रेस महासचिव ने कहा कि इस रेल कोच फैक्ट्री के लिये जिन किसानों की जमीन ली गयी, उन्हें बाजार मूल्य से ज्यादा मुआवजा मिला था. आज यह फैक्ट्री मुनाफे में चल रही है. अपनी क्षमता से दो गुना ज्यादा इसका उत्पादन है लेकिन केन्द्र की सरकार बेदर्दी से इसका निगमितीकरण करना चाहती है. इसका मतलब यही है कि इसके बाद यह फैक्ट्री सरकार के पूंजीपति मित्रों को दी जाएगी और इसका निजीकरण कर दिया जाएगा.

प्रियंका गांधी ने कर्मचारियों को विश्वास दिलाते हुए कहा आप लोग जब-जब मुझे बुलाएंगे मैं आऊंगी. आप लोगों के संघर्ष में कांग्रेस आपके साथ है. आप लोगों के साथ मेरी आवाज उठेगी. इसलिए घबराइए मत, संघर्ष करिए. हम ऐसा कुछ होने नहीं देंगे.

गौरतलब है कि रायबरेली में जिस जगह कोच फैक्ट्री लगाई गई, उसका बड़ा हिस्सा ऐहार गांव से लिया गया है. 2008 में ग्रामीणों और ग्राम सभा की ज़मीन कोच फैक्ट्री के लिए देने वाले तत्कालीन ग्राम प्रधान ने कहा कि फैक्ट्री खुलने से स्थानीय लोगों को बहुत फ़ायदा हुआ है. उन्होंने ग्राम सभा की ज़मीन इस लालच में दी थी कि उनके बच्चों को आगे चलकर सरकारी नौकरी मिलेगी. लेकिन अब अगर सरकार इसे निगम बनाएगी तो इससे आशंका है कि आगे चलकर इसका निजीकरण कर दिया जाएगा.

तत्कालीन ग्राम प्रधान ने कहा कि तब उनके किसानों को ढाई गुना मुआवज़ा दिया गया था. अब अगर सरकार निगमीकरण कर रही है तो उन्हें कम से कम 6 गुना मुआवज़ा दिया जाए. उन्होंने दावा किया कि फैक्ट्री से होने वाली कमाई और मानव संसाधन अपना ख़र्च आसपास के बाजारों में करती है लेकिन अगर इसको निगम बनाया गया तो ज़रूरी नहीं है कि ये फैक्ट्री मुनाफ़े में रहेगी, ऐसे में सरकार के इस फ़ैसले का ग्राम प्रधान विरोध कर रहे हैं.

इससे पहले प्रियंका गांधी ने रायबरेली से मौजूदा विधायक अदिति सिंह के पिता पूर्व विधायक अखिलेश सिंह को उनके पैतृक गांव लालूपुर चौहान जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान उन्होंने शोक संतप्त परिजन को ढांढस बंधाया.

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