राजस्थान में फिर अटका मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का काम, 14 दिसंबर के बाद किसी भी दिन हो सकती घोषणा

सोनिया गांधी के आह्वान पर 14 दिसम्बर को दिल्ली में होने वाली "भारत बचाओ" रैली से पहले नियुक्तियों और मंत्री पद की बाट जोह रहे कार्यकर्ता, नेता और विधायकों से नाराजगी नहीं लेगी सरकार

Cabinet Expansion
Cabinet Expansion

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. प्रदेश में बहुप्रतीक्षित राजनीतिक नियुक्तियां एक बार फिर अटक गई हैं. जैसा की पहले माना जा रहा था कि निकाय चुनावों के बाद मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) और राजनीतिक नियुक्तियां कर दी जाएंगी, लेकिन सूत्रों की मानें तो 14 दिसम्बर को सोनिया गांधी के आह्वान पर होने वाली “भारत बचाओ आंदोलन” रैली के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को अंजाम दिया जाएगा. दिल्ली में होने वाली अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी कि इस महारैली में पूरे भारत से ज्यादा से ज्यादा संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दिल्ली पहुंचने को कहा गया है.

दूसरी ओर प्रदेश में राजनीतिक पदों पर नियुक्त होने वाले नेताओं के नामों पर सीएम अशोक गहलोत, डिप्टी सीएम एवं पीसीसी चीफ सचिन पायलट, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे के बीच आम सहमति बन चुकी है. तीनों के बीच नामों पर सहमति बनने के बाद यह लिस्ट पार्टी आलाकमान को भेजी जा चुकी है, जिस पर 14 दिसम्बर के बाद कभी भी मुहर लग सकती है.

प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों के साथ साथ होने वाला मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) भी अब 14 दिसम्बर के बाद ही सम्भव है. दोनों विषयों पर गत शुक्रवार दिल्ली के जोधपुर हाउस में सीएम अशोक गहलोत, डिप्टी सीएम सचिन पायलट, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा के बाद सहमति भी बनी. इसके बाद बीते रविवार को सीएम आवास पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की अहम बैठक में भी राजनीतिक नियुक्तियों व मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा की गई. प्रदेश के 10 हजार से ज्यादा कार्यकर्ता 52 बोर्ड एवं निगमों में राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहे है. प्रदेश में कुल 52 बोर्ड, निगम और आयोग हैं. इन्हीं में राजनीतिक नियुक्तियां होंगी.

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प्रदेश में पिछले काफी समय से चल रही राजनीतिक नियुक्तियों की सुगबुगाहट के चलते कई कांग्रेसी विधायक और नेतागण लंबे समय से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. पिछले दिनों में पार्टी आलाकमान से भी कुछ विधायकों ने मुलाकात की है और कुछ सीधे संपर्क में हैं. बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) के कयासों को देखते हुए विधायक बार-बार दिल्ली जा रहे हैं. प्रदेश के मौजूदा राजनीतिक हालातों को देखते हुए कुछ मंत्रियों को हटाकर नए मंत्रियों को शामिल किया जाना और एक उपमुख्यमंत्री ओर बनाया जाना भी जल्द संभव है.

बीते रविवार मुख्यमंत्री निवास पर देश की गिरती अर्थव्यवस्था और केन्द्र की आर्थिक नीतियों के खिलाफ 14 दिसम्बर को दिल्ली में राष्ट्रीय कांग्रेस के होने वाली ‘भारत बचाओ आंदोलन‘ रैली को लेकर रूपरेखा तैयार की गई. पहले (Cabinet Expansion) मंत्रिमंडल और बाद में पीसीसी पदाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक के बाद एक दो बैठकें लीं. इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने भी सम्बोधित किया.

(Cabinet Expansion) राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने सभी राज्यों और केंद्रीय पदाधिकारियों की बैठक बुलाकर प्रस्तावित रैली के लिए समर्थन जुटाने को कहा है. पार्टी के सूत्र ने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण देश भुखमरी की ओर बढ़ रहा है. पार्टी नेताओं के अनुसार, ‘भारत बचाओ‘ रैली को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा संबोधित करेंगे.

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