पैगंबर मोहम्मद पर बयान मामले में बैकफुट पर आई BJP, खाड़ी देशों की एंट्री के बाद सियासत में बवाल

पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा नेता नूपुर शर्मा के बयान पर खाड़ी देशों ने जताई कड़ी आपत्ति, कतर, कुवैत और ईरान ने भारतीय राजदूतों को तलब कर जताया विरोध तो बीजेपी ने शर्मा को किया 6 साल के लिए निलंबित, वहीं विपक्ष ने उठाए सवाल- 'क्या किसी धर्म के खिलाफ बोलना कानून के तहत अपराध नहीं है? यूपी पुलिस केस दर्ज नहीं करेगी, क्योंकि उस परिभाषा में सीएम यूपी भी 'फ्रिंज एलिमेंट' की कैटेगरी में आ सकते हैं'

शर्मा के बयान पर गरमाई सियासत
शर्मा के बयान पर गरमाई सियासत

Politalks.News/Kanpur/BJP. बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के पैगम्बर मुहम्मद को लेकर की गई टिपण्णी ने विवाद के रूप में अब बड़ा रूप ले लिया है. इस विवाद की गूंज अब भारत ही नहीं बल्कि विश्व में गूंजने लगी है. यह मामला इतना बढ़ गया है कि कतर, कुवैत और ईरान ने भारतीय राजदूतों को नूपुर शर्मा की टिप्पणी पर समन भेजा था. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उत्तरप्रदेश के दौरे के दौरान हुई कानपूर में हुई हिंसा भी बीजेपी नेता के बयान के बाद ही भड़की थी. हालांकि भाजपा ने पैगम्बर साहब पर विवादित टिपण्णी करने के बाद नूपुर शर्मा को रविवार को एक आदेश जारी करते हुए 6 साल के लिए निलंबित कर दिया है. तो वहीं इस पुरे मामले में कतर, कुवैत और ईरान द्वारा ुटहाए गए सवालों के सहारे प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा नेता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के बयान पर खाड़ी देशों ने विरोध दर्ज कराया है. ईरान और कुवैत के बाद अब सऊदी अरब ने भी पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी नेता की विवादित टिप्पणियों की सोमवार को आलोचना की और सभी से ‘आस्थाओं एवं धर्मों का सम्मान’ किए जाने का आह्वान किया. सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके भाजपा प्रवक्ता की टिप्पणियों की निंदा की और कहा कि ‘इनसे पैगंबर मोहम्मद का अपमान हुआ है.’ इसके अलावा मुस्लिम देशों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन ने भी आपत्ति की है. संगठन ने सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा- ‘OIC के महासचिव ने हाल ही में भारत के सत्ताधारी दल के एक नेता के पैगंबर मोहम्मद पर दिए बयान की आलोचना की है.’ वहीं ट्वीटर पर इस पुरे मामले में खाड़ी देशों की एंट्री के बाद से बीजेपी की बड़ी फजीती हो रही है. तो वहीं कुछ लोगों का तो ये भी कहना है कि, ‘जब बीजेपी नेता ने ये बयान दिया है तो बीजेपी को इसके लिए मांगनी चाहिए माफ़ी उसके लिए भारत माफ़ी क्यों मांगेगा?’

यह भी पढ़े: क्या हरियाणा में एक बार फिर होगा 6 साल पुराना खेला? कार्तिकेय ने उड़ाई माकन और कांग्रेस की नींदें

वहीं OIC द्वारा जारी किये बयान की निंदा करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने ऐजराज जताया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि, ‘भारत OIC सचिवालय की गैरजरूरी और छोटी सोच वाली टिप्पणियों को साफ तौर पर खारिज करता है. भारत सरकार सभी धर्मों को सम्मान देती है.’ हालांकि कड़ी देशों के दखर के बाद बीजेपी ने नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को पार्टी से 6 साल के लिए निलंबित कर दिया है. यहीं नहीं कतर और कुवैत स्थित भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘राजदूत ने बताया कि वे ट्वीट किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते. ये संकीर्ण सोच वाले तत्वों के विचार हैं.’ वहीं भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि, ‘उनकी पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है और उसे किसी भी धर्म के पूजनीय लोगों का अपमान स्वीकार्य नहीं है.’ वहीं अब इस पुरे मामले को लेकर देश की सियासत गरमा गई है.

वरिष्ठ वकील एवं कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल, यह लोग नफरत की राजनीति की मानसिकता का प्रतिनिधित्व करते हैं. अब इन्हें पीछे धकेलने का समय है.’ वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा, ‘भारत सरकार बीजेपी के दो प्रवक्ताओं के बयान को ‘फ्रिंज एलिमेंट्स’ के रूप में बताती है. उन्हें बीजेपी के आधिकारिक प्रवक्ता के रूप में किसने नियुक्त किया? क्या बीजेपी अध्यक्ष ‘फ्रिंज एलीमेंट्स’ को प्रवक्ता नियुक्त करने की जिम्मेदारी स्वीकार करेंगे और सार्वजनिक रूप से माफी मांगेंगे? अब निलंबित और निष्कासित दो बीजेपी नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने के बारे में क्या हो रहा है? क्या यूपी पुलिस को इनके खिलाफ केस दर्ज नहीं करना चाहिए?’

यह भी पढ़े:  बाड़ाबंदी में पहुंचे गहलोत ने किया जीत दावा, BJP पर बोला हमला- हम नहीं करते विधायकों के फोन बंद

अपने एक अन्य ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कस्ते हुए लिखा कि, ‘क्या किसी धर्म के खिलाफ बोलना कानून के तहत अपराध नहीं है? यूपी पुलिस केस दर्ज नहीं करेगी, क्योंकि उस परिभाषा में सीएम यूपी भी ‘फ्रिंज एलिमेंट’ की कैटेगरी में आ सकते हैं.’ वहीं बसपा सुप्रीमो मायावत ने कहा कि, ‘देश में सभी धर्मों का सम्मान जरूरी है. किसी भी धर्म के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल उचित नहीं है. इस मामले में बीजेपी को भी अपने लोगों पर सख्ती से शिकंजा कसना चाहिए. केवल उनको सस्पेंड व निकालने से काम नहीं चलेगा, बल्कि उनको सख्त कानूनों के तहत् जेल भेजना चाहिए. इतना ही नहीं बल्कि कानपुर में अभी हाल ही में जो हिंसा हुई है, उसकी तह तक जाना बहुत जरूरी है. साथ ही, इस हिंसा के विरुद्ध हो रही पुलिस कार्रवाईयों में निर्दोष लोगों को परेशान ना किया जाए, बीएसपी की यह भी मांग है.’

वहीं AIMIM प्रमुख अससुद्दीन ओवैसी की भी इस मसले पर प्रतिक्रिया सामने आई है. ओवैसी ने कहा कि, ‘खाड़ी के देशों में यह मसला बड़ा हो गया था इसलिए मजबूरी में देश के PM ने अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता के ख़िलाफ़ कार्रवाई की. यह गलत है क्योंकि उनको यह कार्रवाई 10 दिन पहले करनी थी. आप मेरे PM हैं, आपको मेरी बात सुननी चाहिए. आप विदेशी देशों के नेताओं को खुश करना चाहते हैं. आप उनकी तकलीफ को समझते हैं, आप हमारी तकलीफ नहीं समझते.’ ओवैसी यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि, ‘ये पीएम की विदेश नीति की नाकामी है कि बाहरी देशों ने जब नुपूर शर्मा की टिप्पणी पर आपत्ति जताई तब उन्हें पार्टी से बाहर किया गया. नुपूर शर्मा की गिरफ्तारी होनी चाहिए. उन्होंने कानपुर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कानपुर हिंसा की घटना पर तो बीजेपी ने तुरंत एनएसए लगा दिया लेकिन पैगम्बर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की.

यह भी पढ़े: अब राज्यसभा में भी नहीं होगा BJP का कोई मुस्लिम चेहरा, नकवी की तो लोकसभा की उम्मीद भी टूटी

हालांकि इसके बाद नूपुर शर्मा ने ट्विटर पर एक बयान जारी कर पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी करने को लेकर माफी मांग ली थी. नूपुर ने लिखा, ‘मैं पिछले कई दिनों से टीवी डिबेट पर जा रही थी,जहां रोजाना मेरे आराध्य शिव जी का अपमान किया जा रहा था. मेरे सामने यह कहा जा रहा था कि वो शिवलिंग नहीं फव्वारा है. मेरे सामने बार बार इस प्रकार से हमारे महादेव शिव जी के अपमान को मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और मैंने रोष में आकर कुछ चीजें कह दीं. अगर मेरे शब्दों से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं अपने शब्द वापिस लेती हूं. मेरी मंशा किसी को कष्ठ पहुंचाने की कभी नहीं थी.’

Leave a Reply