Politalks.News/BJP/Rajyasabha. लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी भारतीय जनता पार्टी का एक भी मुस्लिम सांसद नहीं बचा है. इससे पहले राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी के तीन मुस्लिम सदस्य मुख्तार अब्बास नकवी, एमजे अकबर और जफर इस्लाम होते थे. लेकिन इस बार इन तीनों की विदाई हो गई और किसी की वापसी नहीं हो रही है. बीते मंगलवार को नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन तक भाजपा ने 22 सीटों के उम्मीदवार घोषित कर दिए और उसमें किसी मुस्लिम उम्मीदवार का नाम नहीं था. इस तरह राज्यसभा में भाजपा के एक सौ सदस्य होंगे, जिसमें एक भी मुस्लिम सदस्य नहीं होगा. हालांकि उत्तरप्रदेश में होने वाले रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीट के उपचुनाव में मुख़्तार अब्बास नकवी के रूप में मुस्लिम चेहरे की उम्मीद जगी थी, लेकिन इन सीटों पर भी शनिवार को घोषित हुए चेहरों में एक भी मुस्लिम नहीं है. लोकसभा में पहले से भाजपा के 303 सांसद हैं, जिनमें एक भी मुस्लिम नहीं है. वहीं हाल ही में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने किसी मुस्लिम उम्मीदवार को नहीं उतारा था.
आपको बता दें, मुख्तार अब्बास नकवी का कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो रहा है, एमजे अकबर का कार्यकाल 29 जून को खत्म हो जाएगा और जफर इस्लाम का कार्यकाल 4 जुलाई को खत्म हो जाएगा. बहरहाल, वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व मंत्री एमजे अकबर मध्य प्रदेश से राज्यसभा के सांसद थे. वे ‘मी टू’ के आरोप में फंसे थे. कई महिला पत्रकारों ने उनके ऊपर यौन शोषण का आरोप लगाया था, जिसके बाद उनको मंत्री पद छोड़ना पड़ा था. तभी लग रहा था कि फिर से उनको राज्यसभा की सदस्यता नहीं मिल पाएगी.
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लेकिन सबसे चौंकाने वाला नाम रहा मुख्तार अब्बास नकवी का, नकवी के बारे में किसी ने ऐसा नहीं सोचा था. सब मान रहे थे कि वे केंद्र में मंत्री हैं और राष्ट्रीय राजनीति में भाजपा का मुस्लिम चेहरा हैं, इसलिए उनकी उच्च सदन में वापसी जरूर होगी. आपको बता दें नकवी झारखंड से राज्यसभा सांसद हैं. लेकिन इस बार उनको भी पार्टी ने टिकट नहीं दी. उनकी जगह झारखंड में पार्टी ने आदित्य साहू को राज्यसभा भेजा है. ऐसे में फिर कयास लगाए जाने लगे कि मुख्तार अब्बास नकवी अपनी पारंपरिक रामपुर लोकसभा सीट से उपचुनाव लड़ेंगे. क्योंकि नकवी पहले भी इस सीट से एक बार सांसद रह चुके हैं. समाजवादी पार्टी के आजम खान के इस्तीफे से यह सीट खाली हुई है.
लेकिन आश्चर्य तो तब हुआ जब उत्तरप्रदेश की दो लोकसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में शनिवार को सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने रामपुर से घनश्याम लोधी और आजमगढ़ से दिनेश लाल यादव उर्फ़ निरहुआ को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. ऐसे में मुख्तार अब्बास नकवी की संसद में जाने की बची खुची उम्मीद भी टूट गई. आपको बता दें उधर समाजवादी पार्टी ने भी आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के लिए दलित चेहरे पर दांव खेला है. सपा ने आजमगढ़ से सुशील आनंद को अपना उम्मीदवार बनाया है.
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इसके साथ ही अब मुख्तार अब्बास नकवी का मोदी के मंत्रिमंडल से इस्तीफा होना भी तय माना जा रहा है. आपको बता दें कि मुख्तार अब्बास नकवी फिलहाल मोदी सरकार में मंत्री पद पर हैं और 6 महीने में वे सांसद नहीं बनते हैं तो उनका मंत्री पद जाना तय है. लेकिन राज्यसभा और लोकसभा की किसी भी सीट से नकवी को उम्मीद नहीं बनाए जाने के बाद अब उनका मंत्रीपद भी खतरे में है.
वहीं बात करें, राज्यसभा में भाजपा के तीसरे मुस्लिम चेहरे सांसद सैयद जफर इस्लाम कि तो इस्लाम दो साल पहले ही उपचुनाव में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद बने थे. मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा के करीब लाने और कांग्रेस की सरकार गिराने में जफर इस्लाम की भूमिका की काफी चर्चा रही थी. इस्लाम पीएम मोदी और अमित शाह के भी बहुत करीबी माने जाते हैं, तभी माना जा रहा था कि उनको एक कार्यकाल और जरूर मिलेगा. आपको बता दें कि जफर इस्लाम मूल रूप से झारखंड के रहने वाले हैं और वहां इन दिनों कुछ राजनीतिक गतिविधियों में लगे हैं, जिससे उनके झारखंड से राज्यसभा सांसद बनने की चर्चा थी. परंतु ऐसा नहीं हुआ. इस तरह राज्यसभा में भाजपा के तीनों मुस्लिम सांसदों की विदाई हो गई.