HimachalAssemblyElection. हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के मतदान में अब 24 घंटों से भी कम समय बचा है. चुनाव प्रचार का दौर थम चुका है और घर घर जाकर मान मनुहार की जा रही है. हिमाचल में कुल्लू जिले की विधानसभाएं सियासी मायने में काफी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं. इस जिले की 4 विधानसभाओं में 3 लाख 21 हजार 825 मतदाता निवास करते हैं. आइए जानते हैं कुल्लू जिले की आनी, बंजार, कुल्लू और मनाली विधानसभा सीटों का सियासी गणित…
आनी विस: कांग्रेस को वापिस मिल पाएगा अपना गढ़!
2003 से पहले तक आनी विधानसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है. इस सीट पर सीट पर साल 1993, 1998 और 2003 के चुनाव में लगातार कांग्रेस के ईश्वर दास विधायक चुने गए. उसके बाद से यहां हर 5 साल में बदलने का ट्रेंड है. ईश्वर दास 1977 और 1985 में भी कांग्रेस के टिकट पर विधायक रह चुके हैं.
अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के लिए आरक्षित आनी विधानसभा सीट पर कुल वोटरों की संख्या 72,274 है. इस सीट पर दलित वोटरों का दबदबा है. पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी के किशोरी लाल को इस सीट पर जनता ने अपना विधायक चुना. किशोरी लाल 2007 में भी यहां से विधायक रह चुके हैं. 2012 में यहां से कांग्रेस से खूब राम ने चुनाव जीता.
गौर करने वाली बात ये है कि खूब राम ही वो शख्स हैं जिन्होंने आनी विधानसभा में कांग्रेस के गढ़ को ढहाया था. खूब राम 1982 और 1990 में बीजेपी के टिकट पर आनी विस से विधायक रहे थे. बाद में वे कांग्रेस में शामिल हुए और 2012 में किशोरी लाल को हराकर विधायक बने.
इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने अपना उम्मीदवार बदला है. बीजेपी ने लोकेंद्र कुमार और कांग्रेस ने बंसीलाल कौशल पर दांव खेला है. आम आदमी पार्टी की तरफ से इंदरपाल मैदान में है. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि यहां के वोटर ट्रेंड बरकरार रखते हैं या फिर नए चेहरे को अवसर देते हैं.
बंजार विस: बीजेपी गढ़ में खीमीराम बनाएं रखेंगे अपनी बादशाहत!
बंजार विधानसभा से दो बार के विधायक, पूर्व बीजेपी हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष खीमीराम शर्मा के फिर से चुनाव लड़ने के फैसले के बाद कुल्लू की बंजार विधानसभा सीट एक वीआईपी सीट बन गई है. 73,094 मतदाताओं वाली यह विधानसभा सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ रहा है. पिछले 25 सालों के दौरान हुए 5 विस चुनावों में से केवल एक बार कांग्रेस यहां जीत पाई है. 1998 से पहले भी कांग्रेस के सत्य प्रकाश ठाकुर को दो बार यहां से जीत मिली है. ठाकुर और करन सिंह के अलावा कोई भी कांग्रेसी बीजेपी के इस गढ़ में सेंध नहीं लगा पाया है.
यह भी पढ़ें: चंबा में बीजेपी व कांग्रेस के बीच रोचक हुआ मुकाबला, आप ने बढ़ाई टेंशन
इस बार खीमीराम शर्मा की बादशाहत दांव पर रहेगी. खीमीराम 2003 और 2007 में बीजेपी के टिकट पर विधायक रह चुके हैं. 2012 के विस चुनावों में उन्हें कांग्रेस के करन सिंह के हाथों शिकस्त मिली. उसके बाद पार्टी ने उन्हें साइड लाइन करना शुरु कर दिया. 2017 के विधानसभा चुनावों में भी उन्हें चुनावी प्रचार से अलग थलग रखा गया. इसके बाद उन्होंने पिछले साल अचानक से चुनाव लड़ने का फैसला किया और कुछ महीनों पहले अचानक कांग्रेस में शामिल हो गए. पार्टी ने उन्हें बंजार सीट से टिकट थमाया है.
खीमीराम के सामने अब उनकी पॉपुलैरिटी को भुनाने की चुनौती रहेगी. बीजेपी ने अपने सीटिंग विधायक सुरेंद्र शौरी पर फिर से भरोसा जताया है. आप पार्टी की ओर से नीरज सैनी प्रत्याशी हैं.
कुल्लू विस: हर बार जनता का मोह होता है भंग!
कुल्लू जिले की सबसे बड़ी विधानसभा है. यहां के 89,600 वोटर्स का भरोसा हर बार अपने मौजूदा विधायक से उठ जाता है, इसलिए परिवर्तन यहां ट्रेंड बना हुआ है. 1967-77 में कांग्रेस और 1977-85 में बीजेपी को छोड़ अब तक कोई भी पार्टी रिपीट नहीं हो पाई है. 2012 में स्थानीय हिमाचल लोकहित पार्टी के महेश्वर सिंह को भी जनता का समर्थन मिला है. ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि यहां की जनता नए फेस को देखना पसंद करती है.
यह भी पढ़ें: हिमाचल की 15 सीटें ऐसी जहां रही कांटे की टक्कर, 120 वोटों से भी कम रहा जीत का अंतर
कांग्रेस के सुंदरसिंह ठाकुर यहां से वर्तमान विधायक हैं, जिन पर पार्टी ने इस बार भी भरोसा जताया है. बीजेपी ने नरोत्तम ठाकुर और आप पार्टी की ओर से शेरसिंह शेरा नेगी मैदान में हैं. देखना रोचक होगा कि इस बार कुल्लू की जनता किसी नए फेस को समर्थन देती है या इतिहास दोहराते हुए बीजेपी प्रत्याशी को चुनती है. कांग्रेस के बाद इतिहास बदलने का मौका है.
मनाली विस: कांग्रेस तोड़ पाएगी बीजेपी का एक दशक पुराना तिलस्म!
कुल्लू जिले में आने वाली मनाली को वैसे तो एक पर्यटन स्थल के तौर पर जानी जाती है लेकिन इसे पर्यटन के साथ साथ राजनीतिक लिहाज से भी बेहद खास माना जाता है. मंडी लोकसभा के अंतर्गत आने वाली मनाली विधानसभा में 73,488 वोटर्स हैं. इसमें 37388 पुरुष जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 37160 हैं. इसके अलावा 213 सर्विस वोटर भी हैं. यहां पिछले एक दशक से कांग्रेस वनवास झेल रही है.
2012 और 2017 में बीजेपी के गोविन्द सिंह ठाकुर यहां से विधायक हैं. पिछले विधानसभा चुनावों में ठाकुर ने कांग्रेस के हरिचन्द शर्मा को कड़े मुकाबले में 3,005 मतों से हराया था. पिछले विस चुनावों गोविंद सिंह ठाकुर को 27,173 जबकि कांग्रेस के हरिचन्द शर्मा को 24,168 वोट मिले. वर्तमान विस चुनावों में बीजेपी ने अपने मौजूदा उम्मीदवार पर फिर से भरोसा जताया है. कांग्रेस के भुवनेश्वर गौर और त्रिकोणीय समीकरण बनाने के लिए आम आदमी पार्टी ने अनुराग प्रार्थी को चुनावी दंगल में उतारा है.
यह भी पढ़ें: तपोभूमि में पुराने ट्रेंड को बरकरार रखने को बेताब कांग्रेस को रोकने में जुटी भाजपा को मायूस करती आप
हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को मतदान है. 8 दिसम्बर को सभी चुनावी उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा. अब देखना रोचक होगा कि कुल्लू में बीजेपी अपना गढ़ बचा पाती है या कांग्रेस सेंध लगाने में सफल हो पाती है. आप किस तरह से चुनाव लड़ती है, ये भी देखने वाली बात रहेगी.