Politalks.News/Beniwal/REETPaperLeak. REET पेपर लीक (Reet Paper Leak) और धांधली के मामले को लेकर मरुधरा की राजनीति (Marudhra Politics) गरमाई हुई है. प्रदेश की सियासत के साथ ही अब इसकी गूंज लोकसभा में सुनाई दे रही है. नागौर सांसद एवं RLP मुखिया हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने लगातार दूसरे दिन लोकसभा में REET पेपर लीक का मुद्दा उठाया. शुक्रवार को लोक सभा में राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर हो रही चर्चा में भाग लेते हुए राजस्थान में रीट-2021 भर्ती परीक्षा में हुई धांधली व पेपर आउट होने के प्रकरण को उठाते हुए मामले में संसदीय समिति को भेजने की मांग की. वहीं राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सांसद बेनीवाल ने आरक्षण के मुद्दे को उठाया और कहा कि, ‘मैं सरकार से पूछना चाहूंगा की क्या सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों को खत्म करना आरक्षण को खत्म करना नहीं है ?’
लोकसभा का बजट सत्र जारी है और सदन में महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर चर्चा हो रही है. इस चर्चा में भाग लेते हुए नागौर सांसद एवं RLP मुखिया हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान में भर्तियों में हो रही धांधली व लगातार आउट हो रहे पेपर को लेकर अपनी आवाज बुलंद की. सांसद बेनीवाल ने सदन में कहा कि, ‘आज राजस्थान में भर्तियों में हो रही धांधली व लगातार हो रहे पेपर आउट होने के कारण प्रदेश के बेरोजगारों में आक्रोश व्याप्त है. राजस्थान की REET 2021 भर्ती में एक संघठित गिरोह ने राजस्थान की सरकार के जिम्मेदारों के संरक्षण में पेपर आउट किया और दुर्भाग्य इस बात का है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर के जिन जिम्मेदारों की भूमिका परीक्षा को करवाने की थी उन्हीं जिम्मेदारों ने पेपर आउट करवा दिया.’
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सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘शिक्षा संकुल में गैर सरकारी व्यक्तियों को पेपर की निगरानी के लिए नियुक्त कर देना और राजस्थान की जाँच एजेंसी एसओजी द्वारा यह स्वीकार करना की शिक्षा संकुल से पेपर आउट हुआ है, यह इंगित करता है कि राजस्थान सरकार में बैठे मंत्रियो, अधिकारियो व मुख्यमंत्री कार्यालय की सह के बिना यह असंभव था.’ हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और जिन्हें राजस्थान में रीट परीक्षा में अहम जिम्मेदारी मिली थी वो कांग्रेस की राजीव गांधी स्टडी सर्कल संस्था में सदस्य और पदाधिकारी हैं. जिसके संरक्षक राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नेशनल को-ऑर्डिनेटर मंत्री सुभाष गर्ग हैं. वहीं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के बर्खास्त अध्यक्ष डीपी जारोली सदस्य और रीट जयपुर को-ऑर्डिनेटर प्रदीप पाराशर संस्था के जयपुर रीजन को-ऑर्डिनेटर हैं.’
सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘एसओजी राजस्थान सरकार की एजेंसी है इसलिए पर्दे के पीछे जो असली मगरमच्छ है उन्हें वो नहीं पकड़ पायेगी. क्योंकि पेपर जब आउट हुआ तब राजस्थान सरकार के जिम्मेदार यह दावा कर रहे थे की पेपर आउट ही नहीं हुआ इसलिए मामले में सीबीआई जाँच जरुरी है. सदन में चर्चा के दौरान हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘इस भर्ती में वित्तीय घोटाला भी हुआ है क्योंकि दस साल पहले आरटेट के पेपर जिस फर्म से छपवाए गए थे उसी फर्म से इस बार भी छपवाए गए हैं और गड़बड़ी उस समय भी हुई और उसके बावजूद उस एजेंसी को फिर से प्रिंट का जिम्मा दे दिया गया. ऐसे में राजस्थान के किस अधिकारी ने उसी फर्म को यह काम दिलवाया यह जाँच का विषय है. क्योंकि वित्तीय घोटाला भी इस पुरे मामले में हुआ है क्योंकि इस फर्म को 130 करोड़ के आस पास की राशि का भुगतान किया गया है.’
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इस दौरान सांसद बेनीवाल ने सदन अन्य भर्तियों का भी जिक्र किया. बेनीवाल ने कहा कि, ‘वर्तमान राजस्थान सरकार के कार्यकाल में 5 बड़ी भर्ती परीक्षाएं हुईं और पांचों परीक्षाओं के पेपर आउट हुए हैं. राजस्थान एसआई भर्ती परीक्षा, नीट -2021, JEN भर्ती परीक्षा-2021, पुस्तकालय अध्यक्ष ग्रेड-3 परीक्षा के पेपर रीट से पहले आउट हुए हैं.’
वहीं राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सांसद बेनीवाल ने आरक्षण सहित कई मुद्दों पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘राष्ट्रपति अभिभाषण में 82 बिंदुओं के माध्यम से जो बातें कहीं उसमें ऐसा कहीं भी प्रतीत नहीं हुआ जिसमें यह सामने आ सके कि शासन की क्या कमिया रहीं.’ इस दौरान हनुमान बेनीवाल ने कोरोना काल में संसाधनों की कमियों, ऑक्सजीन की कमियों से हुई मौतों का भी जिक्र किया.
सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘अभिभाषण के बिंदु संख्या 14 में राष्ट्रपति ने संविधान के शिल्पी बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर और उनके आदर्शों का ज़िक्र तो किया, लेकिन में सरकार से पूछना चाहूंगा की क्या सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों को खत्म करना आरक्षण को खत्म करना नहीं है? चूंकि आरक्षण सिर्फ सरकारी नौकरियों में है, इसलिए सरकारी नौकरियों में कटौती का मतलब आरक्षण का कमजोर होना भी है. ऐसी परिस्थितियों में सरकार वंचित वर्गों के साथ अन्याय कर रही है. अगर हम नौकरियों की घटती संख्या, सरकारी क्षेत्र के निजीकरण और नौकरशाही में हो रही लैटरल एंट्री में आरक्षण की अनदेखी को मिलाकर देखें तो ये कहा जा सकता है कि वास्तव में आरक्षण ऐसी स्थिति में पहुंच रहा है, जहां इसके होने या नहीं होने में खास अंतर नहीं रह जाएगा.’
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हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘अभिभाषण में स्वाधीनता समानता तथा भाईचारे का जिक्र किया, मगर राजस्थान, उत्तरप्रदेश व बिहार में दलितों पर हो रहे अत्याचार को लेकर लगातार जो मामले सामने आ रहे हैं वह चिंताजनक हैं. ऐसे में सरकारों को आजादी के दशकों बाद भी दलित उत्पीड़न के मामलों पर लगाम लगाने के लिए ठोस उपाय करने की आवश्यकताएं थी मगर वह आवश्यकताएं पूर्ण रूप से धरातल पर नहीं आ पा रही है.’ किसानों का जिक्र करते हुए सांसद बेनीवाल ने केंद्र सरकार से समर्थन मूल्य पर कानून बनाने तथा किसान की पूरी उपज समर्थन मूल्य पर खरीदने की नीति बनाने की मांग की.
इस दौरान सांसद बेनीवाल ने राजस्थान में लंबित किसान कर्जमाफी का भी जिक्र किया. सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘आज तक राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने उस वादे को पूरा नहीं किया और किसानों को संबल देने के स्थान पर किसानों की जमीन को कुर्क किया जा रहा है, उन्होंने किसान आत्महत्या, डीएपी की कीमतों में हुई बढ़ोतरी, ट्रेक्टर व अन्य कृषि उपकरणों पर ली जाने वाली जीएसटी का मुद्दा भी उठाया साथ ही रेलवे भर्ती में हुए घोटाले का जिक्र भी किया वहीं सरकारी महकमों में खाली पड़े पदों का जिक्र किया.’