Politalks.News/Rajasthan. अगले साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश में अब हर मुद्दे पर सियासत लाजमी है. हाल ही में भरतपुर में अवैध खनन के खिलाफ आत्मदाह करने वाले संत विजयदास के निधन पर शुरू हुई सियासत के चलते कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां गुरूवार को भरतपुर के दौरे पर रहे. इस दौरान पूनियां ने निशाना साधते हुए संत विजय दास के निधन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताया. अब इसे लेकर प्रदेश सरकार में पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने पलटवार किया है. विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि, ‘भाजपा इतने फ्रस्ट्रेशन में है कि वो कांग्रेस सरकार पर आरोप लगा रही है, जबकि गलती उनकी है. बाबा विजयदास की मृत्यु का यदि कोई जिम्मेदार है तो वो भाजपा है और उनका ओछापन है.’ यही नहीं विश्वेन्द्र सिंह ने पूनियां के 70 साल वाले बयान पर भी जबरदस्त प्रतिक्रिया दी तो वहीं सांसद बालकनाथ द्वारा संत विजयदास दास के शव को दिल्ली से लाने वाली एम्बुलेंस पर लगी विश्वेन्द्र सिंह की फोटो को फाड़ने के प्रयास पर जोरदार जवाब दिया.
दरअसल, गुरूवार को भरतपुर दौरे पर रहे बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने भरतपुर जिले के पसोपा गांव पहुँचकर संत विजय दास को श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही ब्रज चौरासी क्षेत्र में अवैध खनन के खिलाफ संत समाज की मांगों का समर्थन किया और कहा कि, ‘राज्य सरकार अविलंब संत समाज की सभी मांगों को पूरा करने पर गंभीरता से विचार करे और पूरा करे.’ यही नहीं सतीश पूनियां ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगते हुए कहा कि, ‘संत विजयदास की मौत के लिए सीधे ताैर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलाेत, गृहमंत्री और अफसर जिम्मेदार हैं. तो वहीं सतीश पूनियां के साथ भरतपुर पहुंचे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि, ‘ऐसे लोगों को इस लोक में भी और परलोक में भी इसकी सजा मिलेगी. इस लोक में हम इन्हें सजा दिलाए बिना नहीं छोड़ेंगे और परलोक में इनका हिसाब संत करेंगे.’ बीजेपी नेताओं द्वारा कांग्रेस एवं मुख्यमंत्री पर लगाए गए आरोपों पर पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने पलटवार किया.
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मंत्री विश्वेन्द्र सिंह भरतपुर में शुक्रवार को पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि, ‘संत के देहांत पर बीजेपी नेता राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए आए थे, लेकिन उन्हें यहां लोकल मसाला नहीं मिला. वह श्रद्धांजलि देने के बहाने आए थे और उन्होंन झूठ बोलकर मंच से राजनीतिक भाषण दिए. बीजेपी नेताओं ने संतों के मामले को लेकर किसी अधिकारी से जानकारी नहीं ली. भाजपा इतने फ्रस्ट्रेशन में है कि वो कांग्रेस सरकार पर आरोप लगा रही है, जबकि गलती उनकी ही है. बाबा विजयदास की मृत्यु का यदि कोई जिम्मेदार है तो वो भाजपा है और उनका ओछापन है. कल भाजपा के नेताओं ने पसोपा जाकर जो तमाशा किया है, मैं उसकी कड़ी निंदा करता हूं. इनकी कमेटी को यहां पर कुछ मुद्दा नहीं मिला और इनकी कमेटी ने ना तो स्थानीय लोगों से बात की और ना ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से.’
विश्वेन्द्र सिंह ने आगे कहा कि, ‘भाजपा की दो अलग-अलग कमेटी यहां जांच करने आई हैं. केंद्र से जेपी नड्डा की कमेटी अलग से आई है. क्या केंद्र और राजस्थान के भाजपा नेताओं में मतभेद है, या उनको विश्वास नहीं है.’ सिंह ने आगे कहा कि, ‘साधु संतों ने पहली बैठक में आश्वासन था की वह ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे जनहानि हो, जिस दिन बाबा विजय दास ने आत्मदाह की थी वह धरने स्थल के पीछे से आ रहे हैं जिससे साबित होता है की उन्हें किसी न किसी ने पेट्रोल दिया है. बीजेपी बाबा के आत्मदाह के मामले पर CBI और ED से जांच करवाने की बात कह रही है लेकिन दोनों एजेंसियों के पास फुर्सत ही नहीं है. वह कांग्रेस नेताओं के यहां रेड करने में बिजी हैं. उनके पास इतना समय नहीं है की, वह बीजेपी के खिलाफ जांच कर सकें.’
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वहीं बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां द्वारा उम्र को लेकर दिए गए बयान पर भी मंत्री विश्वेन्द्र ने पलटवार किया. दरअसल जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सतीश पूनियां ने कहा था कि, ’70 साल से अधिक उम्र के लोगों को राजनीति से संन्यास लेना चाहिए. जब मैंने 70 साल को होऊंगा तो मैंने राजनीति से सेवानिवृति ले लूंगा.’ इसे लेकर मंत्री विश्वेन्द्र ने कहा कि, ‘मैं उनकों बताना चाहता हूँ कि, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्र भी 70 साल से अधिक है और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की भी. जब से उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए जगदीप धनखड़ का नाम चला है, तब से इनका मानसिक संतुलन गड़बड़ाया हुआ है. अब इनके एडजेस्टमेंट की जगह नहीं बची है. वह उनकी बात कर रहे हैं जो मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पूनिया को 550 दिनों के बाद साधु-संतों की याद आई.’
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधते हुए मंत्री विश्वेन्द्र सिंह कहा कि, ‘राजस्थान ने बीजेपी को 25 सांसद दिए, गजेंद्र शेखावत खुद जल संसाधन मंत्री हैं, लेकिन राजस्थान के 13 जिले प्यासे मर रहे हैं जो उनको दिखाई नहीं दे रहे, क्यों कि वे उस पर राजनीति कर रहे हैं. ईआरसीपी को लेकर भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी कुछ करने जा रहे हैं. भाजपा अपनी ही पार्टी के नेताओं की भी क्यों नहीं सुन रही. गजेंद्र शेखावत अपने गिरेबान में झांकें क्यों कि भाजपा में ऐसे भी बहुत नेता हैं जिनकी छवि पर कोई दाग नहीं है. जैसे कि गुलाब चंद कटारिया, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, मैं उनकी बहुत इज्जत करता हूं.’
वहीं सांसद बालक नाथ को लेकर मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि, ‘जिस दिन बाबा विजय दास के पार्थिव शरीर को दिल्ली से जिस एंबुलेंस में लेकर आए थे, वह एंबुलेंस मेरे एमएलए मद से दी गई थी, जिस पर मेरा नाम और फोटो लगा हुआ था. बाबा बालक नाथ ने उस फोटो को फाड़ने का प्रयास किया. यदि उनको मेरी शक्ल पसंद ही नहीं थी, तो उस एंबुलेंस में बाबा विजय दास को लाए ही क्यों थे. यह सब चीजें एक सांसद को शोभा नहीं देती. मैं 3 दिन पहले बाबा बालक नाथ के संसदीय क्षेत्र में गया था, वहां के लोगों से पूछा कि क्या आपने कभी अपने सांसद के दर्शन किए तो लोगों का कहना था कि, चुनावों के समय देखे गए थे और उसके बाद आज तक नहीं.’