एक कहावत है – सियासत में न कोई अपना होता है न ही कोई पराया. यहां सगा भाई भी सगा नहीं है. राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं में रिश्तों को महत्व नहीं दिया जाता. वक्त और सियासी हालातों को देखकर चोट भी की जाती है और फैसला भी लिया जाता है. हरियाणा विधानसभा चुनाव में कुछ ऐसा ही वक्त-ए-हाल देखने को मिल रहा है. यहां की आधा दर्जन से ज्यादा सीटों पर चुनावी फाइट फैमेली में ही लड़ी जा रही है. कहीं भाई-भाई आमने सामने है तो कहीं दादा-पोती के बीच खिताबी जंग है तो कहीं ससुर बनाम बहू और चाचा बनाम भतीजा एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं. इन ‘फैमिली फाइट’ ने चुनावी मुकाबले को टाइट ही नहीं, बल्कि रोचक बना दिया है.
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बल्लभगढ़ में दादा-पोती की लड़ाई
हरियाणा के फरीदाबाद जिले की बल्लभगढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी मूलचंद शर्मा चुनाव लड़ रहे हैं. इनके सामने कांग्रेस ने पराग शर्मा को उतार दिया है. पराग रिश्ते में मूलचंद की पोती लगती हैं. पराग शर्मा के पिता पूर्व विधायक योगेश शर्मा बीजेपी प्रत्याशी मूलचंद शर्मा के चचेरे भतीजे हैं. इस तरह बल्लभगढ़ सीट पर दादा और पोती के बीच सियासी घमासान है.
रानियां में दादा-पोते की जंग
रानियां विधानसभा सीट पर विधायक रणजीत चौटाला के सामने उनके पोते अर्जुन चौटाला चुनाव लड़ रहे हैं. चौधरी देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला हैं और उनके सामने चुनाव लड़ रहे अर्जुन चौटाला इनेलो के उपाध्यक्ष अभय चौटाला के बेटे हैं. अभय चौटाला रणजीत चौटाला के बड़े भाई ओम प्रकाश चौटाला के बेटे हैं. इस तरह परिवार की ये जंग अब खुलकर चुनावी मैदान में आ गयी है.
भाई Vs भाई, चाचा बनाम भतीजा
डबवाली विधानसभा सीट पर भाई बनाम भाई ही नहीं, बल्कि चाचा भी चुनौती मैदान में है. यह मुकाबला चौटाला परिवार के बीच है. डबवाली विधानसभा सीट पर इनोले से आदित्य चौटाला चुनाव लड़ रहे हैं, जिनका मुकाबला अपने चचेरे भाई दिग्विजय चौटाला से है. दिग्विजय चौटाला जजपा प्रमुख अजय चौटाला के छोटे बेटे हैं. डबवाली में कांग्रेस से अमित सिहाग चुनाव लड़ रहे हैं. सिहाग रिश्ते में दिग्विजय और आदित्य चौटाला के चाचा लगते हैं. इस तरह डबवाली का मुकाबाला दो भाईयों बनाम चाचा के बीच है.
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इसी तरह, पुन्हाना विधानसभा सीट पर बीजेपी ने एजाज खान, तो कांग्रेस से मो. इलियास चुनाव लड़ रहे हैं. इलियास और एजाज एक दूसरे के चचेरे भाई हैं. 2019 में इलियास कांग्रेस के टिकट पर विधायक बन थे, लेकिन इस बार उन्हें अपने चचेरे भाई से मुकाबला करना पड़ रहा है.
तोशाम में भाई और बहन आमने-सामने
तोशाम विधानसभा सीट पर इस बार चुनावी मुकाबला भाई और बहन के बीच है. चौधरी बंसीलाल की सियासी वारिस को लेकर चुनावी फाइट है. बीजेपी के टिकट पर तोशाम सीट पर किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी मैदान में है. वहीं कांग्रेस ने उनके सामने उनके चाचा के बेटे अनिरुद्ध चौधरी को उतारा है. बंसीलाल के एक बेटे की बेटी श्रुति हैं तो दूसरे बेटे के बेटा अनिरुद्ध हैं. इस तरह मुकाबला भाई और बहन के बीच है.
अटेली में ससुर और बहू के बीच ठनी
महेंद्रगढ़ जिले की अटेली विधानसभा सीट पर इनेलो-बसपा गठबंधन से ठाकुर अतरलाल चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट पर उनके खिलाफ उनकी पुत्रवधू साधना के निर्दलीय मैदान में उतरने से अब मुकाबला ससुर बनाम बहू के बीच हो गया है. ऐसे ही बहादुरगढ़ विधानसभा सीट पर चाचा बनाम भतीजे की जंग है. कांग्रेस की ओर से राजेंद्र जून मैदान में है. राजेंद्र के खिलाफ उनके ही भतीजे राजेश जून ने ताल ठोक रखी है.
तकरार के साथ रोचकता भी बढ़ी
पारिवारिक विरासत, वर्चस्व और राजनीतिक महत्वकांक्षा के चलते हरियाणा में यह दंगल सालों से चला आ रहा है. इनोलो और जजपा में चौटाला परिवार के सदस्य हैं और एक दूसरे के खिलाफ चुनावी ताल ठोक रहे हैं. चौधरी परिवार के सदस्य भी अपनी पारिवारिक भड़ास चुनाव के मैदान में खुलकर निकाल रहे हैं. यह पारिवारिक लड़ाई घर की चार दिवारी से शुरू होकर चुनावी दंगल में बदलती जा रही है. हालांकि इस तकरार के भी अलग ही मायने हैं.
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इस फैमेली फाइट से न केवल मुकाबला टफ हो गया है, बल्कि चुनाव में रोचकता कई गुना बढ़ गई है. अब देखना होगा कि चुनाव में दादा का राजनीतिक अनुभव यहां काम आता है या पोते-पोती की यंग सोच. बड़े भाई का तुजुर्बा अपने रंग दिखाता है या छोटे भाई की स्मार्टनेस वोटर्स के मन को भेद पाती है. मुकाबला कड़ा होगा, इसमें कोई शक नहीं, लेकिन रोचक होना तय है.