Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था विपक्ष के लिए सबसे बड़ा मुद्दा बन चुकी है. सियासी जानकारों का मानना है कि अगले साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में बढ़ता अपराध और बिगड़ती कानून व्यवस्था सबसे बड़ा मुद्दा बनने वाली है. इसे लेकर जहाँ बीजेपी सोशल मीडिया और पत्रकार वार्ता के जरिये तो लगातार प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार पर हमलवार है ही लेकिन अब बीजेपी ने सड़कों पर उतरने की भी तैयारी कर ली है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने बड़ा एलान करते हुए कहा कि, ‘20 अगस्त को राजस्थान की बिगड़ी कानून व्यवस्था, महिला अत्याचार, अवैध खनन, साधु-संतों पर अत्याचार, मॉब लिंचिंग, हिंदुओं पर हो रहेे अत्याचार इत्यादि मुद्दों को लेकर भाजपा जयपुर में विशाल प्रदर्शन करेगी.’ प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए पूनियां ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री को राजस्थान की जनता की जनसुरक्षा से कोई सरोकार नहीं है, मुख्यमंत्री को कोई सरोकार है तो अपनी कुर्सी से है, कुर्सी की सुरक्षा उनके लिए जनसुरक्षा से बड़ी है.’
अगले साले के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और बीजेपी के हाथ में प्रदेश सरकार को घेरने का सबसे बड़ा हथियार मिल गया है. राजस्थान में लगातार बढ़ते अपराध को लेकर अब बीजेपी आर या पार के मूड में नजर आ रही है. गुरुवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर आप सब जानते हैं कि लोकतंत्र को कायम रखने में किसी भी लोक कल्याणकारी सरकार में अपराध पर नियंत्रण और कानून व्यवस्था बनाए रखना, यह बहुत ही महत्वपूर्ण कारक होता है. कांग्रेस ने 2018 के अपने घोषणापत्र में इस बात का भरोसा दिलाया था कि प्रदेश की कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखेंगे, पुलिस को आधुनिक बनाएंगे, संसाधनों से युक्त करेंगे और अपराधों पर नियंत्रण करेंगे.
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सतीश पूनियां ने आगे कहा कि, ‘किसी भी प्रदेश की कानून व्यवस्था उसके महत्वपूर्ण कारकों में इसलिए होती है कि शांति व्यवस्था से लेकर सद्भाव से लेकर उसकी आर्थिक तरक्की से भी इसका संबंध होता है. राजस्थान ऐसा प्रदेश है कि जिसकी भारत में अभी तक एक छाप रही, छवि रही, साख रही है कि राजस्थान एक शांतिपूर्ण प्रदेश है, यहां सद्भाव भी रहा है. दुनिया से भारत में आने वाला हर तीसरा पर्यटक राजस्थान आता है, पर्यटन का राजस्थान की आर्थिक तरक्की में बहुत बड़ा योगदान है. पिछले दिनों उदयपुर में एक घटना घटित हुई जिसमें कन्हैयालाल का जिस तरीके से सर कलम किया गया, उसके तत्काल बाद उदयपुर के पर्यटन व्यवसाय की सारी बुकिंग निरस्त हो गई. ‘
प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘प्रदेश की कानून व्यवस्था की पृष्ठभूमि के बारे में इसलिए बात की कि आपने एक वीडियो देखा है जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुजरात में प्रेस को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान जब एक पत्रकार ने उनसे सवाल पूछा तो वह जमवारामगढ़ की महिला टीचर को जलाने की घटना से अनभिज्ञ थे, उनको उनके सहयोगी ने बताया कि जमवारामगढ़ में इस तरीके की घटना हो गई. उन्होंने जयपुर की घटना का भी जिक्र किया कि जयपुर में एक साधु ने आग लगाकर आत्मदाह की कोशिश की. यह एक बानगी है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री जो गृहमंत्री भी हैं, प्रदेश की कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाली घटनाओं पर कितने संवेदनहीन हैं और कितने अनभिज्ञ हैं. ऐसी घटनाओं की एक लंबी फेहरिस्त है, यह तकलीफ भी है, राजस्थान का दुर्भाग्य है कि कांग्रेस सरकार को साढे तीन सालों में कोई पूर्णकालिक गृहमंत्री मिला ही नहीं.’
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सतीश पूनियां ने आगे कहा कि, ‘मुख्यमंत्री यदि परफॉर्म करते तो भी शिकायत नहीं होती, लेकिन हालातों से ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री को राजस्थान की जनता की जनसुरक्षा से कोई सरोकार नहीं है. मुख्यमंत्री को कोई सरोकार है तो अपनी कुर्सी से है, कुर्सी की सुरक्षा उनके लिए जनसुरक्षा से बड़ी है. पुलिस थानों के बाहर एक पंचलाइन लिखी होती है, आमजन में विश्वास-अपराधियों में डर, जो मैंने आपके सामने आंकड़े प्रस्तुत किए हैं उनसे यह बात प्रमाणित हो जाती है कि कांग्रेस के राज में अशोक गहलोत की सरपरस्ती में अपराधियों में भरोसा और आमजन में भय, यह पंचलाइन इस रूप में परिवर्तित की जा सकती है.
वहीं राज्य में बढ़ते महिला अपराधों का जिक्र करते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री का एक पुअर डिफेंस है कि राज्य सरकार ने एफआईआर को फ्री कर दिया, ऐसी घटनाएं आप अपनी कलम से लिखते हैं कि कोई बलात्कार पीड़िता बलात्कार की शिकायत लेकर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने जाती है तो उसके साथ थाने में बलात्कार होता है, तो एफआईआर झूठी कैसे हो सकती है. मुख्यमंत्री एक पुअर डिफेंस लेते हैं, फ्री एफआईआर होने के कारण मुकदमों की फेहरिस्त बढी है, इसका मतलब कहीं ना कहीं धुंआ है, इसीलिए आग है.
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘भाजपा एक जिम्मेदार प्रतिपक्ष के नाते अनेक उपक्रमों के जरिए राज्य सरकार को चेताते रही, जिसमें सड़क से लेकर सदन तक सरकार को हमने जगाने और चेताने का काम निरंतर किया है. लेकिन कांग्रेस सरकार की नीयत में खोट है, सरकार ने इस तरीके का उपक्रम किया है कि अपराधों और अपराधियों पर नकेल डालने के बजाय उन्होंने अपीजमेंट की पॉलिटिक्स शुरू की है, तुष्टीकरण की राजनीति की, इसी कारण करौली की घटना हुई, जोधपुर, भीलवाड़ा की घटनाएं हुई. क्योंकि सरकार ने तुष्टीकरण की राजनीति को प्रश्रय दिया. पीएफआई को हिजाब के मसले पर कोटा में रैली की अनुमति दी, दूसरी तरफ हिंदू नववर्ष पर रामनवमी के जुलूस पर प्रतिबंध लगाया. कोई सरकार जब तुष्टीकरण पर आती है, तो प्रदेश की जनता के साथ न्याय नहीं कर सकती. मुझे लगता है कि राज्य सरकार में इस तरीके के बहुत सारे मसले हैं, जिनका अक्सर हम उल्लेख करते हैं, किसान कर्जामाफी, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी इत्यादि का, लेकिन सबसे जो प्राथमिकता का मुद्दा है राज्य की कानून व्यवस्था का है.
सतीश पूनियां ने आगे कहा कि, ‘राज्य की बिगड़ी कानून व्यवस्था, महिला अत्याचार, मॉब लिंचिंग, हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार इत्यादि गंभीर मुद्दों को लेकर भाजपा राजस्थान इकाई ने यह निश्चित किया है 20 अगस्त को जयपुर में विशाल प्रदर्शन होगा, हम लोग शहीद स्मारक पर इकट्ठा होकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे. प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर हमने यह निश्चित किया है. कांग्रेस सरकार की जो नाकामी है, शिथिलता है, लापरवाही है, संवेदनहीनता है, यह प्रदेश की जनता के सामने है. राजस्थान के मुख्यमंत्री जब गुजरात में प्रेस को एड्रेस कर रहे थे तो उनको इस बात की जानकारी नहीं थी कि प्रदेश में उनकी नाक के नीचे क्या घटित हो रहा है.