कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में गुरुवार को दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, प्रियंका गांधी, पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, केसी वेणुगोपाल और एके एंटनी सहित कांग्रेस के महासचिव, राज्यों के प्रभारी, कांग्रेस विधायक दल के नेता बैठक में मौजूद रहे. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालाने के बाद सोनिया गांधी की अध्यक्षता में यह पहली बैठक थी. बैठक में भाग लेने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट बुधवार को ही दिल्ली पहुंच गए थे.

इनसाइड स्टोरी, जरूर पढ़ें:- सीएम गहलोत को सोनिया गांधी की नसीहत, तो पायलट ने मारा नहले पर दहला

एआईसीसी की बैठक के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने 10, जनपथ पहुंच कांग्रेस की अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से करीब 35 मिनट की मुलाकात की. जानकारों की मानें तो सोनिया ने प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर गहलोत से अपनी नाराजगी जाहिर की है. वहीं गहलोत ने नए पीसीसी चीफ, एक और डिप्टी सीएम, प्रदेश में राजनैतिक नियुक्तियां सहित कुछ जरूरी मुद्दों पर सोनिया से चर्चा करनी चाही लेकिन उन्हें किसी भी मुद्दे पर अभी स्पष्ट निर्देश नहीं मिले हैं. सोनिया से मुलाकात के बाद सीएम गहलोत के चेहरे पर खुशी नजर नहीं आयी और वे सीधे जयपुर के लिए रवाना हो गए. गहलोत के 10, जनपथ से निकलने के बाद डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने सोनिया गांधी से मुलाकात की.

गौरतलब है कि बैठक में भाग लेने से पहले बुधवार को सीएम गहलोत ने सीएम गहलोत ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की और प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर लंबी मंत्रणा की. गहलोत ने प्रियंका से प्रदेश की राजनीतिक स्थिति और सरकार व संगठन के कामकाज को लेकर चर्चा की. बताया जा रहा है कि इस दौरान दोनों नेताओं के बीच एक व्यक्ति एक पद को लेकर भी चर्चा हुई. इसके बाद गहलोत के शुभ चिंतक माने जाने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से भी प्रियंका ने मुलाकात की. इससे पहले गहलोत ने जन सूचना पोर्टल की लॉन्चिंग के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात मांगा था लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पायी थी. हालांकि प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपाल सिंह ईड़वा मंगलवार को पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष से मिलकर प्रदेश के राजनीतिक हालात का फीडबैक दे चुके हैं.

Patanjali ads

बड़ी खबर: जन तंत्र पर भारी गन तंत्र, उधर गहलोत और पायलट उलझे राजनीतिक रस्साकस्सी में

गुरुवार को कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित एआईसीसी की बैठक के बाद पार्टी के प्रवक्ता आरपीएन सिंह नें पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि बैठक में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश की अर्थव्यवस्था पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि देश में युवाओं की नौकरी पाने के बजाय जा रही है. केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा कि सरकार राजनैतिक द्वेश के हिसाब के हिसाब से काम कर रहीं है जो बोलता है उसकी आवाज दबाई जा रही है. बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश की अर्थव्यस्था पर कहा कि सबसे पहले सरकार को यह मानना जरूरी है कि अर्थव्यवस्था में गडबडी है. जब तक सरकार मानेंगी नहीं, तब तक अर्थव्यवस्था नहीं सुधरेगी.

बैठक में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने रियल एस्टेट सेक्टर का जिक्र करते हुए कहा कि बडे शहरों में लगभग 4.5 लाख मकान बनकर तैयार है पर कोई खरीदने वाला नहीं है क्योंकि नौकरियां नहीं है. एआईसीसी मुख्यालय पर आयोजित इस बैठक में कुल 32 नेताओं ने अपनी राय पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के समक्ष रखी. बैठक में सोनिया गांधी ने मौजूद क्रांग्रेसी नेताओं को निर्देश देते हुए कहा कि अब सोशल मीडिया पर नहीं बल्कि देश की जनता तक पहुंचने की जरूरत है.

कांग्रेस प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने बताया कि इस बैठक में पार्टी ने तीन मुख्य कार्यक्रम आगामी दिनों के लिए निर्धारित किये है इसके तहत 15 से 25 अक्टूबर तक पार्टी देशभर में बडा ऐजुकेशनल कार्यक्रम चलायेगी. इस कार्यक्रम में पार्टी सरकार की विफलताओं को देशवासियों के समक्ष रखेगी. साथ ही सभी राज्यों में 15 से 25 अक्टूबर तक प्रदेश कांग्रेस कमेंटी के पदाधिकारी कॉन्फ्रेंस करेंगे.

वहीं गांधी जयंती पर 2 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक सभी प्रदेशों में एक विशाल पदयात्रा का आयोजन किया जायेगा. इसके तहत 2 अक्टूबर को सभी राज्यों की राजधानी में प्रदेश के सभी बडे कांग्रेसी नेता पदयात्रा करेंगे. इसके बाद 9 अक्टूबर तक ब्लाॅक स्तर पर पदयात्रा का आयोजन होगा. इस दौरान कार्यकर्ता स्वतंत्रता सेनानियों तथा गांधी, पटेल, अंबेडकर जैसे नेताओं के सच्चे संदेशों को जन जन तक पहुंचाएंगे. सदस्यता अभियान पर बोलते हुए आरपीएन सिंह ने बताया कि पार्टी द्वारा आगामी दिनों में सदस्यता अभियान चलाया जायेगा. इस बार पार्टी की सदस्यता डिजिटल तरीके से भी दिलाई जाएगी.

गौरतलब है कि सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम व पीसीसी चीफ सचिन पायलट के बीच राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई अब शायद अंतिम दौर में पहुंच चुकी है. मुख्यमंत्री गहलोत जहां दिल्ली दरबार में प्रदेश में नया पीसीसी चीफ और एक डिप्टी सीएम और बनाने की अर्जी लगा चुके हैं तो वही गाहे-बगाहे पायलट खेमा भी सरकार की मुखालफत का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहा है. हाल ही में बुधवार को पायलट ने प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था के बहाने गहलोत सरकार पर निशाना साधा. ऐसा माना जा रहा है कि सोनिया ने भी सीएम गहलोत से राजस्थान में बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर नाराजगी जाहिर की है.

Leave a Reply