अशोक गहलोत अच्छे आदमी लेकिन गलती करेंगे तो भाजपा करेगी विरोध: पूनिया

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से की शिष्टाचार मुलाकात, गहलोत से लिए राजनीति के गुरू मंत्र, निकाय चुनावों में बेनीवाल से गठबंधन तोड़ने पर थामी चुप्पी-Satish Poonia

Satish Poonia BJP
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पॉलिटॉक्स ब्यूरो. भाजपा की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की तारीफ करते हुए कहा कि एक व्यक्ति के नाते अशोक गहलोत अच्छे आदमी है लेकिन मुख्यमंत्री के नाते अगर वे कोई गलती करेंगे तो भाजपा उसका विरोध करेगी. दरअसल पूनिया बुधवार को गहलोत से मिलने उनके आवास पहुंचे. पूनिया की सीएम गहलोत से यह मुलाकात दीपावली के मौके पर शिष्टाचार मुलाकात थी. मुख्यमंत्री निवास पर हुई इस मुलाकात के दौरान पूनिया ने गहलोत को दत्तोपंत ढेगड़ी द्वारा लिखित पुस्तक ‘डॉ. अम्बेडकर एवं सामाजिक क्रान्ति’ तथा ‘दीनदयालजी को जानो’ पुस्तकें भेंट की.

मीडिया से मुखातिब होते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने कहा कि आज चर्चा सामान्य रही. इस मुलाकात का मकसद दीपावली के त्यौहार पर रामा श्यामा थी. एक स्वस्थ राजनीति की परंम्परा में मुददों पर हमारा मतभेद हो सकता है लेकिन राजनीति में संजीदगी और व्यक्तिगत व्यवहार इसकी अपनी एक मान्यता है. नई पीढी इसको देखती है और मैंने उसी को आगे बढाया है. एक नेता के नाते गहलोत का सम्मान है और मुखिया के नाते वो प्रदेश का नेतृत्व करते है. मैं प्रतिपक्ष की पार्टी का नेतृत्व करता हूं. कुछ बाते हमारे मन भी रहती है.

पूनिया ने कहा कि इस मुलाकात के दौरान मैंने उनके साथ सियासी अनुभव साझा किये. गहलोत ने बहुत कम उम्र में राजनीति की शुरूआत की थी और 27 की उम्र में वो केंद्रीय मंत्री बन गये. भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों की अलग विचारधारा है इसलिए दोनों पार्टी अलग-अलग राजनीति करती है पर काम जनता के लिए करती है. इस मुलाकात के दौरान जनहित की भलाई के लिए कैसे काम कर सकते है, ऐसे अनेक मुददों पर भी चर्चा हुई. पूनिया ने कहा कि त्यौहार के नाते वे राज्यपाल व उपमुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेंगे. वहीं मेलजोल की परंम्परा को आगे बढ़ाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे से भी शीघ्र मुलाकात करने की कोशिश करेंगे.

इस दौरान सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने निकाय चुनावों पर भी अपनी राय रखी. आगामी निकाय चुनावों के नतीजे आने के एक सप्ताह बाद अध्यक्ष पद के चुनाव कराये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सरकार की नियत पर संदेह दर्शाता है. इससे बाडाबंदी होगी, भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा, खरीद फरोख्त होगी. इस मामले में कांग्रेस की बदनीयती साफ जाहिर है लेकिन हम उसका मुकाबला करेंगे.

निकाय चुनावों में हनुमान बेनीवाल की पार्टी RLP के साथ गठबंधन नहीं होने के सवाल पर जवाब देते हुए सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में फर्क होता है. स्थानीय निकाय के चुनावों पार्टी के सक्षम और काबिल लोग होते है. उनका हक मारा जाता है इसलिए निकाय चुनावों में भाजपा का अपना एक वजूद है. मुझे लगता नहीं है कि शहरी निकायों में जितना जनाधार भाजपा का है, उतना आरएलपी का है. अगर किसी भी तरह की आवश्यकता चेयरमैन के चुनाव में या भविष्य में पडती है तो हम उस पर विचार करेंगे. गठबंधन की अभी जरूरत नहीं, फिर भी हमने विकल्प खोल रखे हैं.

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