पत्थरबाजों पर सलमान के बाद अनुपम खेर ने भी निकाली भड़ास- कुछ लोगों की खामोशी तकलीफदेय

सलमान ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर कुछ जोकरों को बताया था बीमारी फैलने की वजह, साथ ही लोगों को समझाया कि कुछ ऐसा न करें कि मिलिट्री बुलानी पड़े, देशवासियों से ऐतियात बरतने को भी कहा

पॉलिटॉक्स न्यूज. कोरोना संकट के बीच महामारी की जंग जीतने के लिए रात दिन लड़ रहे चिकित्सकों के साथ मुरादाबाद में हुई घटना पर सलमान खान के बाद अब अभिनेता अनुपम खेर ने भी गहरा खेद प्रकट किया है, साथ ही ऐसा घृणित कार्य को अंजाम देने वालों को कड़ी फटकार लगाई है. अनुपम खेर ने कहा कि जो हमारी जान बचाते हैं, कोई उनकी जान का दुश्मन कैसे हो सकता है. अनुपम ने कुछ लोगों की खामोशी को तकलीफदेय बताया है. इससे पहले सलमान खान ने भी एक वीडियो जारी कर ऐसे लोगों कड़ी फटकार लगाई थी.

दरअसल यूपी के मुरादाबाद में हाल में एक एंबुलेंस पर कुछ लोगों ने पत्थरबाजी की जिसमें कुछ डॉक्टर्स, नर्सिंगकर्मी और पुलिसकर्मी घायल हो गए. एंबुलेंस एक कोरोना पॉजिटिव को लेकर जा रही थी कि अचानक कुछ लोगों ने छतों से पत्थर फेंकना शुरु कर दिया. यहां तक की उपद्रवियों ने एंबुलेंस को रोक उसमें बैठे लोगों से मारपीट भी की जिसकी शिकायत थाने में दर्ज कराई गई है. संकट की इस घड़ी में कोरोना वॉरियर्स के साथ ऐसा व्यवहार किसी भी तरह से उचित नहीं. इस घटनाक्रम पर कई लोगों ने नाराजगी जताते हुए कार्रवाई करने की मांग की है.

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इसी कड़ी में अनुपम खेर ने एक पोस्ट शेयर कर कहा कि डॉक्टर्स पर कुछ लोगों को हमला करते हुए देखता हूं तो अफ़सोस भी होता है और बेहद ग़ुस्सा भी आता है. जो हमारी जान बचाता है हम उसकी जान के दुश्मन कैसे हो सकते हैं. मुरादाबाद के डॉक्टर का खून से सना चेहरा देखकर बहुत तक़लीफ हुई लेकिन उससे भी ज़्यादा तकलीफ़देह है कुछ ख़ास लोगों की ख़ामोशी.

https://twitter.com/AnupamPKher/status/1250696253974831104?s=20

इसी घटनाक्रम पर सलमान खान भी खासे नाराज हुए थे और उपद्रवियों पर जमकर अपनी भड़ास निकाली थी. सलमान ने एक वीडियो जारी कर इस तरह का काम करने वालों के साथ साथ जमातियों पर भी निशाना साधा और कहा कि चंद जोकरों की वजह से ये बीमारी फैल रही है. सलमान खान ने लोगों को समझाने का प्रयास किया कि दुआ करें कहीं मिलिट्री को बुलाना न पड़ जाए.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए सलमान खान ने पुलिस, डॉक्टर्स और नर्सों पर पत्थर फेंके जाने की घटना को एक बेवकूफी भरा कदम बताया. सलमान ने कहा कि कुछ ऐसे लोग हैं जो लॉकडाउन और अन्य नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. किसी भी बीमारी में रिजल्ट पॉजिटिव होना बहुत दुखदायक बात है. खासकर उस बीमारी में, जिसका कोई इलाज नहीं लेकिन किसी पॉजिटिव पेशेंट के दिमाग में नेगेटिव थॉट आ जाना, उसका संयम खो देना, होप खो देना, वो उससे भी बुरी बात है. और जो पॉजिटिव टेस्टेड पेशेंट है, उसका दुख न समझना, एंटीह्यूमन, इंसानियत विरोधी है. जो पॉजिटिव टेस्टेड पेशेंट है, उसे यह बात समझ आ जाती कि हमने एहतियात नहीं रखी। गलती हमसे हो गई. और जो नेगेटिव है और एहतियात नहीं रख रहे हैं, वो जल्द पॉजिटिव हो जाएंगे, ये गारंटी है और फिर अपने पूरे खानदान को ये बीमारी दे देंगे. खानदान से मोहल्ले को, मोहल्ले से शहर को, शहर से पूरे हिंदुस्तान को.

सलमान ने कहा कि नमाज पढ़ना है घर पर पढ़ो, पूजा पाठ करना है घर में करो. बचपन में यह सीखा था कि भगवान हमारे अंदर है तो अगर भगवान के घर जाना है, अल्लाह के घर जाना है, परिवार के साथ जाना है तो निकलो बाहर. मरना तो एक दिन सबको है लेकिन क्या कोई मरना चाहता है? यहां पर आकर यह बात चेंज कैसे हुई? अब आप बताओ पुलिस का साथ देना, सरकार का साथ देना, डॉक्टर्स का साथ देना, जो लोग बैंकों में काम करते हैं, उनका साथ देना है या नहीं? अब वो लोग इस बात का जवाब दो जो सरकार की बात नहीं सुन रहे। क्या वह सही है या गलत है? करेक्ट है, रॉन्ग है? नेगेटिव सोच रहे हो या पॉजिटिव सोच रहे हो? न अगर आपके एक्शन सही होते तो ये लॉकडाउन अभी तक खत्म हो गया होता और कोरोना वायरस भी.

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सलमान ने कहा कि अगर आप ऐसे बाहर नहीं निकलते ग्रुप्स में, दोस्त-यारों के साथ, तो पुलिसवाले आपको डंडा नहीं मारती. आपको क्या लगता है, क्या पुलिसवालों को इसमें मजा आ रहा है? किसने रोका है आपको राशन लेने में? जाओ न किसने रोका है? मास्क पहनो, ग्लब्स पहनो, अकेले जाओ. खाने-पीने का सामान लेने जाओ, घर तुरंत आ जाओ, किसने रोका है? आपको क्या लगता है ये पुलिसवाले, डॉक्टर्स, नर्सेस, जो बैंक में काम कर रहे हैं, उनको कोरोनावायरस नहीं होगा? उनके परिवार को नहीं होगा? लेकिन उनको देखो, फिर भी वो 18-18 घंटे काम कर रहे हैं. किसके लिए काम कर रहे हैं? आपके लिए काम कर रहे हैं. वो भी आपको रोकने के लिए नहीं, कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कर रहे हैं क्योंकि ये बीमारी ऊंच-नीच, जात-पांत, अमीर-गरीब, छोटा-बड़ा, कम उम्र, हम उम्र, बड़ी उम्र कुछ नहीं देखती. अब ये पुलिसवालों की ड्यूटी है, वो निभा रहे हैं. आपकी ड्यूटी सिर्फ इतनी है कि आप घर पे बैठें और वो भी आप नहीं निभा रहे.

अब जो डॉक्टर्स, नर्सेज, पुलिसवाले और बैंककर्मी अपनी जान को खतरे में डाल रहे हैं, आप उनकी भी जान को खतरे में डाल रहे हो. जो डॉक्टर एवं नर्सेस आपकी जान बचाने के लिए आए हैं और आपने उन पर पत्थर बरसा दिया. जो कोरोना से डिटेक्ट हो रहा है, वह हॉस्पिटल से भाग रहा है. भाग के जाओगे कहां? किस ओर भाग रहे हो? जिंदगी की ओर भाग रहे हो या मौत की ओर भाग रहे हो? अगर ये डॉक्टर तुम्हारा इलाज नहीं करें और पुलिस सड़कों पर नहीं हो तो चंद लोग, जिनके दिमाग में यह चल रहा है कि हमें नहीं होगा, वो हिंदुस्तान के ढेर सारे लोगों को लेकर चल बसेंगे.

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बहुत अच्छा काम हो रहा है और ऐसा लग रहा है कि वाकई हिंदुस्तान एक-दूसरे से दिल से जुड़ा है लेकिन चंद जोकरों की वजह से ये बीमारी फैली जा रही है. अगर आपके एक्शन ऐसे न होते तो पुलिस के रिएक्शन ऐसे नहीं होते. अगर आपके एक्शन ऐसे नहीं होते तो हजारों पुलिसवालों को, हजारों डॉक्टर्स को, नर्सेस को और आवाम को कोरोना वायरस नहीं होता. इतने लोगों का काम तमाम नहीं होता और अभी तक हम सब वापस से काम पर लग गए होते.

सलमान ने कहा कि मान लिया कि बड़े ताकतवर हो आप. बड़े बहादुर हो आप. क्या इतने बहादुर, इतने ताकतवर हो आप कि आप अपने परिवारवालों को कंधा दोगे? उनकी अर्थी उठाओगे? इतना जिगर है आप में? क्यों आप यमराज और मलकुल मौत बनना चाहते हो? क्यों अपने परिवार के लोगों पे इन्नल्लाह और राम नाम सत्य है पढ़ना चाहते हो? आप डिसाइड करो और शुक्रिया अदा करो पुलिस फोर्स का, डॉक्टर्स का नर्सेस का, जो बैंक में काम करते हैं, उनका रिस्पेक्ट करो उनको, जिनको हुआ है और एहतियात रखो कि ये आगे न फैले और दुआ करो कि वो नौबत न आए, जहां पर कि आपको समझाने के लिए मिलिट्री बुलाई जाए.

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