पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. बहुचर्चित गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर मामले में सीबीआई ने राजस्थान पुलिस को क्लीन चिट देते हुए एफआर लगा दी है. लगभग 2 साल 6 महीने लंबी चली जांच में सीबीआई ने राजस्थान पुलिस के एनकाउंटर को सही ठहराया है. वहीं सीबीआई ने आनंदपाल की पुत्री चरणजीत सिंह कंवर उर्फ चीनू व वकील सहित 22 राजपूत नेताओं को दंगे भड़काने का आरोपी मानते हुए उनके खिलाफ चार्जशीट पेश की है. गौरतलब है कि आनंदपाल सिंह चूरू जिले के मालासर गांव में 24 जून, 2017 को पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था. राजस्थान पुलिस द्वारा किए गए इस एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए आनंदपाल के परिजनों और कुछ संगठनों ने सीबीआई जांच की मांग की थी.
गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का राजस्थान पुलिस द्वारा किए गए एनकाउंटर के विरोध में राजपूत समाज द्वारा आनंदपाल के पैतृक गांव सांवराद में 19 दिन तक आनंदपाल के शव को रख कर विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन भी किया गया था. इस दौरान पुलिस से अभद्रता और दंगा भडकाने का मामला भी सामने आया था. इस मामले में आनंदपाल सिंह की पुत्री व वकील के अलावा राजपूत समाज के 22 नेताओं को दंगे भड़काने, तत्कालीन नागौर एसपी व महिला आइपीएस पर जानलेवा हमला करने, पुलिस वाहनों को जलाने का दोषी माना गया है. सीबीआई नई दिल्ली की स्पेशल क्राइम ब्रांच 2 के उप महानिरीक्षक जगरूपगुरु सिन्हा के निर्देशन में उपाधीक्षक मुकेश शर्मा ने 24 आरोपियों के खिलाफ जोधपुर की सीबीआई मामलात की अदालत में चार्जशीट पेश की है.
यह भी पढ़ें: सीएम गहलोत नहीं चाहते थे मेरा बंगला हो खाली लेकिन कुछ मीणा विधायकों को नहीं था मंजूर- डॉ किरोडी लाल मीणा
इस मामले में सीबीआई ने श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी को भी दोषी माना है. इस पर एक निजी न्यूज चैनल (टीवी 9 भारतवर्ष) को दिए अपने खास साक्षात्कार में सुखदेव सिंह गोगामेडी ने बीजेपी की केंद्र सरकार, नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेता व राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड पर सुनियोजित साजिश के तहत उन्हें जांच में दोषी ठहरवाने के आरोप लगाए. इसके साथ ही गोगामेड़ी ने राजस्थान के 25 सांसदों को सीधी चेतावनी देते हुए देश के 22 राज्यों में बीजेपी का सफाया होने की बात कही है.
रिपोर्टर: सुखदेव जी आपको दंगा भड़काने का आरोपी बनाया है आपका क्या कहना है?
गोगामेडी: बीजेपी की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. आरोपी बनाना या बनना कोई गलत बात नहीं है. जिस मुद्दे को लेकर हमने सीबीआई जांच की मांग की थी उसमें तो एफआर लगा दी गई. आनंदपाल जो सांवराद का बेटा था, उसका मालासर में अमावस्या की रात को एनकाउंटर किया गया. राजस्थान पुलिस कहती है शीशे में देख कर गोली मारी. राजस्थान पुलिस में ऐसा कौन सा जवान है जो शीशे में देखकर गोली मार दे. आनंदपाल का एनकाउंटर उसके सरेंडर करने के बाद बीजेपी के नेताओं के इशारे पर किया गया था. आज हमें दोषी ठहराया गया है, हमारे खिलाफ चार्जशीट पेश की गई है, बीजेपी के नेताओं को बचाने के लिए यह किया गया है.
रिपोर्टर: कौन नेता है? आप नेताओं पर आरोप लगा रहे हैं, कौन नेता है नाम बताइए सुखदेव जी?
गोगामेडी: हम आरोप नहीं लगाते हैं चाहे राजेंद्र राठौड़ हो उसका नाम उठा था की आनंदपाल को मराने में राजेंद्र राठौड़ का हाथ है. हनुमान बेनीवाल का नाम बताया गया था. हनुमान बेनीवाल और रामेश्वर डूडी तो विधानसभा में टेबल खडकाया करते थे की आनंदपाल को मारो, कभी भी उन्होंने यह नहीं कहा की आनंदपाल को पकड़ो. मैं पूछना चाहता हूं कि आनंदपाल ने फरार होने के बाद कौनसा कांड किया, एक भी कांड किया क्या? आनंदपाल ने फरारीे के दौरान ना डकैती की ना मर्डर किया, उस पर 5 लाख का इनाम घोषित किया गया. इस दौरान दो पुलिस मुठभेड़ दिखाई गई क्यों? किस लिए? क्योंकि बीजेपी के नेता हनुमान बेनीवाल राजपूत नेताओं को अंदर डालने की साजिश कर रहे है. इसमें हनुमान बेनीवाल का हाथ है क्योंकि वो केंद्र में बैठते हैं. अब देखते हैं राजस्थान से बीजेपी के 25 सांसद हैं एक भी अपने क्षेत्र में जाकर सही सलामत आ जाए तो मान जाएंगे. क्षेत्र के अंदर 25 सांसदों का आना-जाना दुर्लभ कर देंगे.
यह भी पढ़ें: मंत्री रमेश मीणा ने सीएम गहलोत के मंत्रालय पर फिर उठाए सवाल, कानून व्यवस्था को बताया मजाक
रिपोर्टर: सीबीआई स्वतंत्र संस्था है और वहां जो उग्र प्रदर्शन हुआ था वहां गाड़ियां आपने नहीं जलाई तो किसने जलाई?
गोगामेडी: यह पुलिस के लोग सिविल में होंगे या उनके खुद के चमचे होंगे, उन्होंने गाडियां जलाई होंगी. राजपूत समाज का नेतृत्व करने वाले लोग डीजीपी अजीत सिंह के पास बैठे थे और जहां घटना हुई उससे 4 किलोमीटर दूर बैठे थे.
रिपोर्टर: उकसाया किसने?
गोगामेडी: हमें उकसाना होता तो हम वहां 19 दिन क्यों बैठे थे. उग्र आंदोलन ही करना होता तो पहले दिन ही कर लेते. 19 दिन तक आनंदपाल के शव को लेकर बैठे थे, इसी आशा के साथ कि कभी ना कभी हमारा हक और अधिकार के लिए सरकार सीबीआई को जांच देगी.
रिपोर्टर: राजेंद्र राठौड़ पर आप आरोप लगा रहे हैं कोई प्रूफ है क्या या ऐसे ही आरोप लगा रहे हैं?
गोगामेडी: प्रूफ तो सीबीआई के पास है, हम आंदोलनकारी हैं उनको तो जेल में डालने का प्रयत्न किया जा रहा है और उन नेताओं को बचाया जा रहा है. अगर बीजेपी का हाथ आनंदपाल को मराने में नहीं था तो फिर पुलिस ने आनंदपाल को क्यों मारा. अपराधी तो और भी हैं आनंदपाल से ज्यादा मर्डर करने वाले, डकैती करने वाले घूम रहे हैं उनका एनकाउंटर सरकार क्यों नहीं करती.
रिपोर्टर: क्या आनंदपाल का एनकाउंटर एक साजिश के तहत हुआ था?
गोगामेडी: पूरी साजिश के साथ यह एनकाउंटर हुआ था. जिस आदमी को मारने के लिए केंद्रीय जेल में हथियार चले जाएं. केंद्रीय जेल का मतलब तीन एजेंसियां होती है. वहां तीन एजेंसियों को भेदकर आनंदपाल को मारने के लिए हथियार लें जाएं. इसलिए आनंदपाल अपनी जान बचाने के लिए फरार हुआ था क्योंकि जेल में ही आदमी सुरक्षित नहीं होगा तो कहां रहेगा. आनंदपाल क्राइम करने के लिए फरार नहीं हुआ था. एक भी वारदात उसने फरारी के बीच नहीं की. पुलिस ने आनंदपाल के सरेंडर करने के बाद उसका एनकाउंटर किया है. आप देख रहे हो कश्मीर में आतंकवादी के पास एक एके-47 होती है तो उसके घर को घेर लिया जाता है. उसमें मिर्ची बम फेंकते हैं, आंसू गैस के गोले, ग्रेनेड फेंकते हैं, नजदीक नहीं जाते हैं. आनंदपाल तो ऊपर दो-दो एके-47 लेकर बैठा था, राजस्थान पुलिस में किसकी हिम्मत है, ऐसा कोई नहीं है. यह सब साजिश थी और यह बीजेपी नेताओं को बचाने के लिए हमें बलि का बकरा बनाया जा रहा है. मैं बता दूं सीबीआई स्वतंत्र एजेंसी नहीं है, केंद्र में जिसकी सरकार होती है, सीबीआई उसकी जेब में होती है. केंद्र की सरकार इसके लिए सीधी-सीधी दोषी है. राजपूत समाज को केंद्र सरकार जिस तरह से चला रही है, पूरे भारत में परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें. बिहार में चुनाव आ रहे हैं उसमें अगर हमने छठी का दूध याद नहीं दिला दिया ना तो बताएंगे.
यह भी पढ़ें: कांग्रेस राज में 55 साल में जो नहीं हुआ वो पीएम मोदी ने 6 साल में करके दिखाया है- नितिन गडकरी
रिपोर्टर: क्या यह राष्ट्रवादी सुखदेव सिंह गोगामेडी ही बात कर रहे हैं?
गोगामेडी: यह राष्ट्रवादी सुखदेव सिंह गोगामेडी ही आपसे बात कर रहा है. यह वही बात कर रहा है, लेकिन आज मैं यह कह रहा हूं की बीजेपी की हम जो बात करने वाले लोग थे, जन्म से लेकर आज तक, 60 सालों से बीजेपी का राजस्थान के राजपूतों ने बीज बोया, उसको सींच कर पेड़ राजस्थान में हमने बनाया और आज वही बीजेपी अपनी एजेंसी सीबीआई के जरिए हमें कुचलने का काम करवा रही है, सहन नहीं करेंगे. रविवार को रावणा राजपूत समाज की बैठक बुलाई है और उस बैठक में निर्णय लेंगे की प्रदेश के एक भी सांसद को उसके क्षेत्र में घुसने नहीं देंगे. हमें मुलजिम बना दिया गया, एक भी फुटेज सीबीआई दिखा दे की हम गाड़ी जला रहे हैं, वहां हजारों कैमरे थे, लाखों मोबाइल थे, एक भी फुटेज दिखा दे कि हम गाड़ी जला रहे हैं, पुलिस को मार रहे हैं. हमें अगर मारना होता तो वहां जाने की जरूरत नहीं थी यहीं किसी को पकड़ कर मार देते.
रिपोर्टर: पुलिस अधिकारियों के साथ बदसलूकी हुई, गाड़ियां जलाई गई, फिर जलाई किसने? आपके समाज के ही तो लोग थे वह?
गोगामेड़ी: वहां कम से कम 20 हजार पुलिस के लोग थे तो एक पुलिस की गाड़ी वहां भीड़ के अंदर कैसे चली गई, जो आप कह रहे हैं कि उग्र भीड़ थी तो एक पुलिस की गाड़ी ले जाना, उसके शीशे तोड़ना, उस पर हमला करवाना, यह सुनियोजित तरीके से हुआ है. चाहे बीजेपी के लोगों ने किया हो या पुलिस के लोगों ने किया हो.
रिपोर्टर: सुनियोजित कौन कर रहा है, नाम बताइए?
गोगामेडी: नाम बता रहा हूं ना बीजेपी हमें खत्म करना चाहती है.
रिपोर्टर: बीजेपी क्यों खत्म करना चाहती है? आप कह रहे हैं बीजेपी के तो आप वोट बैंक है, बीजेपी आपको खत्म क्यों करेगी?
गोगामेडी: हम वोट बैंक हैं और थे. राजस्थान के जाटों को खुश करने के लिए हमें बीजेपी खत्म करना चाहती है, राजस्थान के जाटों को खुश करने के लिए. क्योंकि अब उनके पास हनुमान बेनीवाल है, बीजेपी जाटों के वोट दिलवाने के लिए राजस्थान के राजपूतों को जेल में डलवाएगी.
रिपोर्टर: आपने राजेंद्र राठौड़ का भी नाम लिया?
गोगामेडी: राजेंद्र राठौड़ और हनुमान बेनीवाल अलग नहीं है, वो तो दादा भाई हो गए हैं, गले मिल गए हैं. अब हम राजपूत उनके दुश्मन है. हमें वो जेल में डलवा देंगे. हम 24 राजपूत नेता है, वो उनके दुश्मन है. हनुमान बेनीवाल और राजेंद्र राठौड़ दादा भाई हैं. बीजेपी राजपूतों को जेल में डाल कर जाटों को खुश करना चाहती है. मैं राष्ट्रवादी था और राष्ट्रवादी रहूंगा, क्या बीजेपी मुस्लिम वादी पार्टी हो गई जो 24 छत्रिय जो इतना वर्चस्व रखते हैं, जो कि 22 प्रदेशों में आरएसएस के बाद श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना है उसके नेताओं को जेल में डालना चाहती है. एक सुखदेव सिंह को जेल में डाल दोगे तो क्या कर लोगे, 500 सुखदेव सिंह मैंने पैदा कर दिए हैं. हमें तो पहले ही पता चल रहा है श्री राम मंदिर का ट्रस्ट बना उसमें एक भी क्षत्रिय नहीं है, क्यों आचार्य महामंडलेश्वर एक भी क्षत्रिय नहीं है, क्यों ट्रस्ट में नहीं लिया, जो जमीन हमारी, नाम हमारा, काम हमारा उसके बावजूद एक भी क्षत्रिय नहीं लिया. आगे जब इतिहास लिखा जाएगा तो उसमें एक भी क्षत्रिय के नाम का आकलन होगा क्या, श्री राम मंदिर में नहीं होगा तो क्षत्रिय की अनदेखी बीजेपी कर रही है. राजस्थान के जाट समाज को खुश करके हनुमान बेनीवाल यह सोचता है तो हनुमान बेनीवाल भी कान खोल के सुन ले राजपूत के वोटों से जीता है और आने वाले समय में जैसे हमने थावरचंद गहलोत को मध्य प्रदेश में हराया था, उसी तरह राजस्थान से बीजेपी को भगा करके दिखाया क्योंकि हमारे भाई आनंदपाल की उन्होंने जान ली थी. केंद्र सरकार अब हमें टारगेट कर रहा है यह सीबीआई केंद्र सरकार के अंडर में है, उसकी जेब में रहती है, जिसको चाहे चाकू मार दे और पकड़ ले, हम भी जेल जाने के लिए तैयार हैं, पहले भी गए और अब भी जेल जा सकते हैं पर बीजेपी को सबक सिखा देंगे. बीजेपी के नेता जो चमचागिरी कर रहे हैं जो खुद बचने के लिए हमें जेल पहुंचाना चाहते हैं उनको भी सबक सिखा देंगे.
यह भी पढ़ें: पेट्रोल-डीजल की बढती कीमतों को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ 29 जून को कांग्रेस करेगी धरना प्रदर्शन
रिपोर्टर: सुखदेव जी आंदोलन आपने किया अगुवाई आप कर रहे थे, भीड़ ने कुछ भी किया आरोपी तो आप बनते हैं ना?
गोगामेडी: जिन्होंने हमारे भाई आनंदपाल को मारा, क्या वह आरोपी नहीं बनते क्या? जिन्होंने हमारे भाई को गोली मारी आरोपी नहीं बनते क्या? उनको आरोपी बनाओ सुखदेव सिंह एक बार नहीं सौ बार आरोपी बनने के लिए तैयार है.
बता दें, गैंगस्टर आनंदपाल सिंह की एनकाउंटर में मौत के विरोध में पैतृक गांव सांवराद दंगे भड़काने, तत्कालीन नागौर एसपी व महिला आईपीएस पर जानलेवा हमला करने और पुलिस वाहनों को जलाने का दोषी मानते हुए सीबीआइ ने लोकेन्द्रसिंह कालवी, सुखदेवसिंह गोगामेढ़ी, हनुमानसिंह खांगटा, महिपाल सिंह मकराना, योगेन्द्रसिंह कतर, दुर्गसिंह, रंजीतसिंह मंगला उर्फ रंजीतसिंह सोढाला, रंजीतसिंह गेंदिया, रणवीरसिंह गुड़ा, आेकेन्द्र राणा उर्फ हितेन्द्रसिंह राणा, चरणजीतसिंह कंवर उर्फ चीनू, एपी सिंह, सीमा रघुवंशी उर्फ सीमा राघव, गिरीराजसिंह लोटवाड़ा, महावीरसिंह, प्रतापसिंह राणावत, प्रेमसिंह बनवासा, भंवरसिंह रेता, दिलीपसिंह, जब्बरसिंह, मोहनसिंह हट्टौज, युनूस अली, राजेन्द्रसिंह गुड़ा व घनश्यामसिंह त्योड के खिलाफ जोधपुर स्थित एसीजेएम सीबीआई मामलात की विशेष अदालत में चालान पेश किया है.