Politalks.News/Delhi. आखिरकार 24 साल बाद देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस को गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिल गया है. 80 साल के मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नए अध्यक्ष बन गए हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए 17 अक्टूबर को मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच सीधा मुकाबला हुआ जिसका परिणाम आज घोषित हुआ. मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को 6825 वोटों से मात दी. कांग्रेस संगठन चुनाव प्रमुख मधुसूदन मिस्री के अनुसार मल्लिकार्जुन खड़गे के पक्ष में 7897 वोट पड़े जबकि शशि थरूर को 1072 वोट मिले. इसके साथ ही 416 वोट खारिज हो गए. खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने के बाद कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया. फिलहाल AICC दफ्तर पर जश्न का माहौल है. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं प्रियंका गांधी ने खुद खड़गे के आवास पहुंच उन्हें बधाई दी.
बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव के नतीजों का ऐलान हो गया और मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस पार्टी के नए कप्तान बन चुके हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दूसरे दलित नेता हो गए हैं. इससे पहले 1971 में जगजीवन राम के कांग्रेस अध्यक्ष बने थे. तो वहीं कांग्रेस में 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर कोई नेता अध्यक्ष बना है. इससे पहले सोनिया गांधी 1998 से 2017 तक अध्यक्ष रहीं. 2017 से 19 तक ये जिम्मेदारी राहुल गांधी ने संभाली. इसके बाद से सोनिया ही पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष रही. मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष चुने जाने के बाद कांग्रेसी दिग्गज उनके आवास पहुंच उन्हें बधाई दे रहे हैं. यही नहीं सोनिया गांधी एवं प्रियंका गांधी ने खुद उनके आवास पहुंच उन्हें बधाई दी.
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मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष चुने जाने के बाद अब बधाइयों का तांता लग गया है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मल्लिकार्जुन खड़गे को अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई, कांग्रेस अध्यक्ष भारत की लोकतांत्रिक दृष्टि का प्रतिनिधित्व करते हैं. उनका विशाल अनुभव और वैचारिक प्रतिबद्धता पार्टी की अच्छी सेवा करेगी क्योंकि वे इस ऐतिहासिक जिम्मेदारी को निभाते हैं.’ वहीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बनने पर मल्लिकार्जुन खड़गे को हार्दिक शुभकामनाएं. मुझे पूरा विश्वास है कि राजनीतिक जीवन का आपका जमीनी अनुभव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की विचारधारा को मजबूती देगा. आपके नेतृत्व में संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए कांग्रेस संघर्ष जारी रखेगी.’
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं सचिन पायलट ने भी खड़गे के आवास पहुंच उन्हें बधाई दी. सबसे पहले सचिन पायलट ने मल्लिकर्जुन खड़गे के आवास पहुंच उन्हें बधाई दी. इस दौरान सचिन पायलट ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘इंटरनल डेमोक्रेसी को आगे बढ़ाने का इससे बढ़िया उदाहरण नहीं हो सकता. भारी बहुमत से मल्लिकार्जुन खड़गे जीते हैं, ये लोकतंत्र की जीत है और कांग्रेस पार्टी की जीत है. मैंने मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलकर उन्हें अध्यक्ष बनने पर बधाई दी है. मुझे पूरा भरोसा है कि खड़गे जी का व्यापक अनुभव पार्टी को मिलेगा.’ वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पहुंच अन्य नेताओं के साथ उन्हें बधाई दी. यही नहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव में खड़गे के प्रतिद्वंदी रहे शशि थरूर ने उनके आवास पहुंच उन्हें बधाई दी. चलिए अब हम जानते हैं कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से जुड़े कुछ रोचक पहलुओं से.
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मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्म 21 जुलाई 1942 को कर्नाटक के बीदर में गरीब परिवार में हुआ. 5 साल की उम्र में मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी मां को जिंदा जलते देखा है. इसके बाद खड़गे की परवरिश के लिए खड़गे के पिता ने दूसरी शादी कर ली. खड़गे की जिंदगी हमेशा मुश्किल भरी रही, लेकिन लीडरशिप की क्वालिटी उनमें बचपन से थी. वे स्कूल में हेड बॉय थे. कॉलेज गए तो स्टूडेंट लीडर बन गए. गुलबर्गा जिले के पहले दलित बैरिस्टर बने, पहली बार में विधायक बने और 9 बार चुने गए, दो बार सांसद भी रहे, लेकिन तीन बार कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए. खड़गे इंदिरा गांधी के समय से गांधी परिवार के करीब रहे हैं. यही वजह है कि अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम पर सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी तीनों की सहमति थी.
लगातार 9 बार विधायक बनने वाले 80 साल के मल्लिकार्जुन खड़गे 50 साल से अधिक समय से राजनीति में सक्रिय हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे महादलित समुदाय से आते हैं. अगर उनकी राजनीति की बात की जाए तो वह पहले केवल वकालत करते थे. कांग्रेस में शामिल होने से पहले खड़गे डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर से प्रेरित होकर रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) में शामिल हुए थे. खड़गे ने पहली बार 1972 में कर्नाटक राज्य विधानसभा चुनाव लड़ा और गुरमीतकल निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की. 1976 में उन्हें प्राथमिक शिक्षा राज्य मंत्री नियुक्त किया गया था. 1978 में वह दूसरी बार गुरमीतकल निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए और ग्रामीण विकास और पंचायत राज राज्य मंत्री नियुक्त किए गए. 1980 में वह गुंडू राव कैबिनेट में राजस्व मंत्री बने. 1983 में वह तीसरी बार गुरमीतकल से कर्नाटक विधानसभा के लिए चुने गए. 1985 में वह चौथी बार गुरमीतकल से कर्नाटक विधानसभा जीते और उन्हें कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष का उप नेता नियुक्त किया गया. 1989 में वह गुरमीतकल से पांचवीं बार भी जीतने में कामयाब रहे. इसी तरह जीतते-जीतते 2004 में खड़गे लगातार आठवीं बार विधानसभा चुनाव जीते थे.
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वहीं 2005 में उन्हें कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. 2008 में वह लगातार नौवीं बार चीतापुर से विधानसभा के लिए चुने गए. खड़गे को 2008 में दूसरी बार विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया था. 2009 में खड़गे ने गुलबर्गा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा और अपना लगातार दसवां चुनाव जीता. ये खड़गे का जलवा ही था कि मोदी लहर होने के बावजूद 2014 के लोकसभा चुनाव में खड़गे ने गुलबर्गा संसदीय सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. हालांकि, खड़गे 2019 में नहीं जीत पाए थे और भाजपा के उम्मीदवार जी माधव ने उन्हें करीब 95 हजार वोटों के अंतर से हराया था. इसके बाद 12 जून 2020 को खड़गे कर्नाटक से राज्यसभा के लिए चुने गए. फरवरी 2021 में खड़गे को विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया.