Politalks.News/Rajasthan. जहां एक ओर सोमवार को कांग्रेस द्वारा राजस्थान को छोडकर देशभर में राजभवन के बाहर धरना प्रदर्शन किए गए. वहीं राजस्थान में कांग्रेस विधायकों ने बाडाबंदी के दौरान लोकतंत्र बचाओं-संविधान बचाओ कार्यक्रम के तहत पहले प्रार्थन सभा की गई इसके बाद सीएम गहलोत की अध्यक्षता में होटल फेयर माउंट में विधायक दल की बैठक हुई. बैठक में सीएम गहलोत ने सभी कांग्रेस व कांग्रेस समर्थित विधायकों को एक बार फिर से एकजुटता का पाठ पढाया.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हम सोनिया गांधी जी व राहुल गांधी जी का धन्यवाद देते हैं कि राजस्थान की इस जंग को जिस रूप में उन्होंने राष्ट्रव्यापी रूप दिया है. पिछले दो दिन के जो प्रोग्राम बने हैं वो सफल रहे है. रविवार का कार्यक्रम बहुत सफल रहा, करोड़ों लोगों ने डेमोक्रेसी को बचाने के लिए संकल्प व्यक्त किया वह बहुत बड़ी उपलब्धि थी. उसी रूप में आज भी पूरे देश के अंदर मैसेज दिया. इसके मायने ये हैं कि कार्यकर्ता एक नए उत्साह के साथ आ रहा है. मेरा अपना अनुभव है कि जब धरने होते हैं, प्रदर्शन होते हैं तो राह चलते लोग भी जुड़ते हैं. वो नज़ारा मैंने महसूस किया कि राजस्थान में कांग्रेस का भविष्य उज्जवल रहेगा.
मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा कि आने वाली आपकी जो पीढ़ी है उनके ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. आज जो तमाशा चल रहा है वो 70 साल में कभी नहीं हुआ. 70 साल में पहली बार किसी गवर्नर ने कमेटी के फैसले को लौटाया है, वो जो पॉइन्ट्स लिखे थे आपने पढ़े होंगे. आज फिर 6 पेज का गवर्नर महोदय का पत्र आया है, उसका जवाब तैयार हो रहा है. हम सब मिलकर तय करेंगे कि आगे हमारी रूपरेखा किस रूप में हो. इतना स्पष्ट कानून है कि जब कैबिनेट रिकमंड करेगी, फाइल जाती है गवर्नर को और साइन होकर आती है और आज तक का अनुभव भी यही कहता है.
पहली बार इन्क्वायरी की जा रही है, अपील की जा रही है, सवाल किया जा रहा है कैसे बुलाओगे दूर-दूर से लोगों को. दो-दो तीन-तीन दिन में सेशन भाजपा के वक्त में भी हुआ है. जब पिछली सरकार बनी 3 दिन में सेशन हुआ है, तीन दिन-पांच दिन, सात दिन में, वो हमें कह रहे हैं कि आप लोग कहीं बैठे हैं, और लोग कहीं बैठे हैं, उन सबको इत्तिला कैसे करोगे? ये चिंता विधानसभा की है, स्पीकर की है, गवर्नर की नहीं है. इतना कम टाइम क्यों दे रहे हो आप, क्या प्रक्रिया है, क्या कारण है, क्या इमरजेंसी आ गई है, विश्वास बहुमत आपके पास में है तो फिर क्यों बुला रहे हो? ऐसे-ऐसे प्रश्न पूछे जा रहे हैं, आप समझ सकते हो क्यों पूछे जा रहे हैं. आज तक की परंपरा में ये बात स्पष्ट है कि गवर्नर साहब रिकमंडेशन को मानने के लिए बाध्य हैं.
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सीएम गहलोत ने विधायकों से कहा कि जैसे कोरोना के अंदर कोरोना वॉरियर्स कहलाते हैं डॉक्टर्स, लोकतंत्र में आप लोग लोकतंत्र के वॉरियर्स हो. आप लोकतंत्र में वॉरियर्स के रूप में हो इसीलिए देश में 70 साल से लोकतंत्र कायम है. लोकतंत्र में प्रधानमंत्री हटते गए, नए बनते गए. मैंने कहा 70 साल के बाद नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री बन पाए हो तो लोकतंत्र के कारण बने हो, पर धज्जियां उड़ा दीं लोकतंत्र की. पूरा देश सुन रहा है, देख रहा है, क्या हो रहा है देश में और हमारे 19 साथी जो गए, अगर उन्होंने गलती कर दी है तो वो कांग्रेस प्रेसीडेंट से माफी मांगें, राहुल जी से माफी मांगें. वहां रिसॉर्ट में रह रहे हैं.
सीएम गहलोत ने आगे कहा हमारे 19 विधायकों को एआईसीसी पर धरना होना चाहिए था. कांग्रेस अध्यक्ष को ज्ञापन देना चाहिए था. मुख्यमंत्री से हमें शिकायत है, मंत्रियों से शिकायत है, हमारी मांगें ये हैं. यह तो आज तक परंपरा रही है. इसको कहते हैं डीसेंट, आप असंतुष्ट हो, ये असंतुष्ट नहीं हैं, ये रिवॉल्ट है क्योंकि आप बीजेपी के हाथों में खेल रहे हो. भारत सरकार के चुनिंदा मंत्री शेखावत जी का नाम तो जगजाहिर है, ऑडियो पर पूरी कॉन्फ्रेंस चल रही है. गवर्नर साहब क्या चाहते हैं कि ये डिले करें, क्योंकि वो मना तो कर ही नहीं सकते. जितना ज्यादा डिल करोगे और तोड़ने में आसानी रहेगी, कैसे इन लोगों में से हॉर्स ट्रेडिंग कर वापस अपने पाले में ले लें, इसके अलावा कोई इनका मकसद नहीं है.
एकमात्र मकसद है कि मेजोरिटी आज जो हमारे पास में है वो कम कैसे हो. कम होते ही वो सत्र बुला लेंगे तुरंत. वो जानते हैं कि जब असेंबली में आएंगे तो हमारे पक्ष में वोट देने ही पड़ेंगे, उनमें से कुछ लोगों को मालूम है कि अगर असेंबली बुला ली गई तो व्हिप जारी होगी और वोट देना पड़ेगा हमारे पक्ष में, ले-देकर उनकी मेंबरशिप क्लियरकट जाती है. उससे बचने के लिए दिल्ली की जो सल्तनत है, उनकी देखरेख में पूरा खेल खेला गया है. इस रूप में वो लोग देर कर रहे हैं, डिले कर रहे हैं, डिले कितना कर पाएंगे वो मालूम पड़ेगा.
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मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि यह संघर्ष लोकतंत्र को बचाने का है और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, मेरी जिंदगी की अंतिम सांस तक जो अभी साथ दे रहे हैं कांग्रेस को बचाने का, उन एक-एक सदस्य का मैं अभिभावक के रूप में उनकी सेवा करूंगा. जो 19 लोग गए हैं उन्हें वहां पहली किश्त अभी मिली है, दूसरी किश्त बाकी है. दूसरी किश्त तब मिलेगी जब खेल पूरा होगा. उनको चिंता है कि कहीं दूसरी किश्त मिलना रह नहीं जाए. अगर खेल पूरा नहीं होगा तो दूसरी किश्त नहीं मिलेगी.
सीएम गहलोत ने आगे कहा कि 19 लोग हैं, 10 के हिसाब से 190 करोड़ होते हैं और कुछ लोगों को एक्स्ट्रा दिए हैं, जिन्होंने उनको मोटिवेट किया. यह बात सच है मैं झूठ नहीं बोल रहा हूं, कहा गया है कि आपको 25-30-35 के लिए मैंने बात कर ली है. यहां तक कहा गया है कि यार एक ऐसा एमएलए मिल गया जिसने आपकी रेट बिगाड़ दी, मैं 35 दिला रहा था सबको पर एक एमएलए ने सवा करोड़ ही ले लिए जोश ही जोश में, मुझे पता है उसका नाम क्या है, मुझे मालूम है. उसने सवा करोड़ ले लिए तो 35 से 25 पर आ गए आप लोग, फिर भी आप दो-एक लोग तो निश्चिंत रहो, मैं आपको 35 तक पहुंचवा दूंगा. ये बात कहने वाले कौन हैं, मैं नाम नहीं लेना चाहता सबके सामने.
सीएम गहलोत ने आगे सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा कि जो व्यक्ति पार्टी का मुखिया होकर अपनी सरकार गिरवाए. ऐसा उदाहरण देश की राजनीति में मुश्किल से मिलता होगा, हो सकता है ऐसा कोई पहले रहा हो तो मुझे मालूम नहीं, कोई मिलने वाला मुश्किल है. अपनी ही पार्टी का मुखिया अपनी ही सरकार को गिराए वो भी षड्यंत्र करके, ये जरूर हो सकता है कि कोई कहे मैं पार्टी छोड़ता हूं, वो भी कर लो कोई दिक्कत ही नहीं है. पार्टी में रहते हुए, सरकार में रहते हुए कोई कर सकता है क्या?
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सीएम गहलोत ने कहा कि हालांकि कई लोगों को ये बात पसंद ही नहीं है कि वो लोग आने ही नहीं चाहिए, एमएलए मुझे कहते हैं, ऐसे लोगों को तो लेने की बात आप सोचो ही मत. इसमें देरी क्यों कर रहे है, ये बातें भी आप लोग कहते हो, लेकिन पार्टी के लिए, डेमोक्रेसी के लिए मान लो सोनिया जी माफ भी कर देती है तो हम सोनिया गांधी जी की बात का सम्मान करेंगे. जो सपने थे उनके 40 लोग टूटेंगे, सरकार को इस्तीफा देना पड़ेगा, चौथे दिन शपथ हो जाएगी. उसके बाद राज्यसभा चुनाव होंगे, उनका पूरा प्लान यह था. गवर्नर की पॉवर होती है जब आपकी पार्टी को सरकार बनानी होती है, तब गवर्नर की पावर होती हैं कि फ्लोर टेस्ट कर लो. उनका षड्यंत्र हमने विफल कर दिया. दिल्ली में मुझे बदनाम किया गया कि अशोक गहलोत ने खाली नीचा दिखाने के लिए यह खेल किया था. मेरे पास सारे प्रूफ थे. शुरूआत के छह महीने से थे.
सीएम गहलोत ने आगे कहा कि आपसे कोई बात करे, वो आपको सलाह दे इससे बेहतर है कि आप पहले ही उन्हें सलाह देने लग जाओ. मेरा निवेदन है आप सभी से कि कृपा करके आप लोग मजबूत रहो. हाइकमान पूरी तरह से आपके साथ है. हाइकमान का राजस्थान को लेकर पूरे देश के राजभवनों को एक मैसेज देना पहली बार मैंने सुना है. इतना बड़ा जो फैसला किया है लोकतंत्र बचाने के लिए, जो अभियान शुरू हुआ वो बहुत शानदार रहा. इस कार्य के बाद जब भी आप दिल्ली जाओगे, एआईसीसी में किसी दिल्ली के नेताओं से मिलोगे या किसी राज्य में जाओगे, कांग्रेस नेताओं से मिलोगे तो उससे जरूर कांग्रेस वाला आपके बारे में आपकी कांग्रेस के बारे में अलग सम्मान की दृष्टि से देखेंगे. आपने देश में लोकतंत्र बचाने में बड़ी भूमिका प्रदान की है. आप हिम्मत रखो.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र का जिक्र करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि मैंने तीन दिन पहले प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखा था उसका तीन दिन में भी कोई जवाब नहीं आया. मीडिया को भी कोई जवाब नहीं दिया. रविवार को मैंने प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत की, उनको मैंने बताया कि मैंने आपको पत्र लिखा था और ये हालात हैं, गवर्नर साहब ने हमारे साथ ये बिहेव किया. आप जानते हो कि उनके नीचे सिस्टम क्या है, उन्होंने कहा कि मैं दिखवाता हूं जैसे कि उनको कुछ मालूम ही नहीं है. ये तो उस रूप में जानते हैं कि तमाम फैसले किस रूप में होते हैं, वो कहते हैं कि मैं पता करके बात करूंगा.
कल ये न कहो कि हमें तो पता नहीं था, इसलिए मैंने ट्वीट किया और मैंने इसीलिए वो ट्वीट किया कि कहीं कल मुझे मिलें किसी कार्यक्रम में मिले और कह दें कि ये क्या हो रहा है, मुझे पूरी बात मालूम ही नहीं चली. आपने मुझे संक्षेप में बताया था, मैं समझ नहीं पाया, मुझे लगता है कि ये तमाम गवर्नर साहब जिस रूप में पेश आ रहे हैं, यह पूरी तरह सोची समझी साजिश के अंतर्गत हो रहा है और मैंने जो बात आज आपको कही है, हम लोग बैठे हुए हैं, लड़ाई जीतकर ही रहेंगे.