Politalks.News/Rajasthan. कोरोना रिव्यु मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा पेट्रोल और डीजल पर वैट को लेकर गैर भाजपा शाषित राज्यों पर की गई टिप्पणी पर सियासत गरमाई हुई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने इस मुद्दे को लेकर लगातार दूसरे दिन पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि महंगाई के मुद्दे पर प्रधानमंत्री सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करें और सभी की बात सुनें. इससे राज्यों को भी अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा और उनका दृष्टिकोण भी केन्द्र सरकार को पता लग सकेगा.
दरअसल, बुधवार को देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई कोरोना रिव्यु की वर्चुअल बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ‘पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों का बोझ कम करने के लिए केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में पिछले नवंबर में कमी की थी और राज्यों से भी आग्रह किया गया था कि वो अपने यहां टैक्स कम करें. कुछ राज्यों ने तो अपने यहां टैक्स कम कर दिया, लेकिन कुछ राज्यों ने अपने लोगों को इसका लाभ नहीं दिया. महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड, तमिलनाडु ने किसी न किसी कारण से केंद्र सरकार की बातों को नहीं माना और उन राज्य के नागरिकों पर बोझ पड़ रहा है. मेरी प्रार्थना है कि नंवबर में जो काम करना था, अब वैट कम करके आप नागरिकों को इसका लाभ पहुंचाएं.’
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पीएम मोदी के इस बयान पर लगातार दूसरे दिन गुरुवार को पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, “कल पीएम मोदी ने कोविड को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मीटिंग की. इस मीटिंग में सिर्फ 5 मुख्यमंत्रियों को अपनी बात रखने का मौका मिला. आखिर में स्वयं प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में अचानक से महंगाई और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती हुई कीमतों का जिक्र कर दिया और इसका ठीकरा गैर-भाजपा शासित राज्यों पर फोड़ने का प्रयास किया. गहलोत ने कहा कि पूरे देशभर में महंगाई से जनता त्रस्त है. देश की आर्थिक नीतियां मुख्य तौर पर केन्द्र सरकार की ओर से ही निर्मित और संचालित होती हैं, लेकिन इसका असर राज्यों पर ही होता है.’
आगे मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा कि, ‘वह महंगाई के मुद्दे पर सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करें और सभी की बात सुनें. इससे राज्यों को भी अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा और उनका दृष्टिकोण भी केन्द्र सरकार को पता लग सकेगा. महंगाई के साथ ही केन्द्रीय प्रवर्तित योजनाओं, जीएसटी, जल जीवन मिशन इत्यादि समेत अनेक गंभीर मुद्दों पर सभी राज्यों का केन्द्र सरकार से संवाद आवश्यक है. इसलिए मैं पीएम मोदी से अपील करूंगा कि राज्यों के हितों और देशहित के मुद्दों को लेकर आप सभी मुख्यमंत्रियों से बैठक करें जिससे इनका समाधान निकालकर आमजन को अधिक से अधिक राहत प्रदान की जा सके.’
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आपको बता दें, इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पेट्रोल डीजल की कीमतों पर वैट को लेकर दिए गए बयान पर उसी दिन शाम को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया था. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘भोपाल में पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें जयपुर से अधिक हैं. संभवतः भूलवश उन्होंने भोपाल को जयपुर बोल दिया. पीएम मोदी तो भाजपा शाषित राज्यों को संदेश देना चाह रहे थे.’