Politalks.News/Rajasthan. हाल ही में हुए पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद ये माना जा रहा है कांग्रेस में व्यापक स्तर पर बड़ा फेरबदल होने जा रहा है और जिसकी शुरुआत आलाकमान ने हिमाचल प्रदेश और हरियाणा से कर भी दी है. इसी कड़ी में अब गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे चुनावी राज्यों में बड़े परिवर्तन की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है. इसी बीच राजस्थान के उदयपुर में अगले महीने होने जा रहे चिंतन शिवर से पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. हाल ही में दिल्ली में सचिन पायलट की पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात और उसके बाद आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान ने इन चर्चाओं को बल दे दिया है.
वहीं गुरुवार को नेशनल मीडिया NDTV की एक रिपोर्ट के मुताबिक सचिन पायलट ने कथित तौर पर सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से कहा है कि बिना देरी राजस्थान का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं अगर ऐसा नहीं होता तो राजस्थान भी कांग्रेस पंजाब की तरह हार सकती है जहां आखिरी में आनन-फानन में चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने का फार्मूला फेल साबित हुआ. एनडीटीवी की इस रिपोर्ट के बाद लगभग तमाम चैनल्स और अन्य मीडिया पोर्टल्स पर यह खबर चल पड़ी. हालांकि गुरुवार शाम को कांग्रेस नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इन तमाम मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया और सचिन पायलट ने सुरजेवाला के ट्वीट को रिट्वीट कर खंडन पर अपनी सहमति जताई है.
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Dear @ndtvindia ,
This story is factually incorrect based only on hearsay and innuendos. We expect better reporting standards. You have to set the bar higher in times of muddled, noisy television.https://t.co/0yOhpHrzz7— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 28, 2022
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक ट्वीट कर इन खबरों का खंडन करते हुए कहा कि, ‘प्रिय एनडीटीवी, यह कहानी केवल अफवाहों और आक्षेपों पर आधारित और तथ्यात्मक रूप से गलत है. हम आपसे बेहतर रिपोर्टिंग मानकों की अपेक्षा करते हैं. आपको उलझे हुए, शोर-शराबे वाले टेलीविजन के समय में बार को ऊंचा रखना होगा.’ हालांकि खुद सचिन पायलट ने सुरजेवाला के इस ट्वीट को रिट्वीट कर खंडन की पुष्टि कर दी है. अब सवाल उठता है कि पायलट को लेकर इस तरह की खबरें अचानक क्यों आ रही हैं. इसके जवाब में एक विशेषज्ञ ने कहा कि हाल ही में सोनिया गांधी से सीएम गहलोत और सचिन पायलट दोनों की मुलाकात हुई और इसके बाद आए सीएम गहलोत के बयानों से उनकी खीझ साफ झलक रही थी. गहलोत ने कहा कि मेरा इस्तीफा तो 1998 से सोनिया गांधी के पास पड़ा है, मैं राजनीतिक रूप से बहुत मजबूत हूं, जब सीएम बदलेगा तो किसी को पता भी नहीं चलेगा.. वगैरह वगैरह, बस नेचर के विपरीत आए सीएम गहलोत के इन बयानों ने सब कयासों पर मुहर सी लगा दी है.
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वहीं दूसरी तरफ सचिन पायलट जब सोनिया से मिलकर लौटे तो उनकी बॉडी लैंग्वेज सबकुछ बयां कर रही थी. बड़े उत्साह के साथ पायलट ने कहा कि राजस्थान में पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए फिर से सत्ता में आने का लक्ष्य हासिल करने के लिए रणनीति पर विचार किया है. उन्होंने कहा कि, मैंने इस बारे में बात की कि कैसे हमें इस परिपाटी को तोड़ने और राजस्थान में सत्ता में लौटने की जरूरत है. मैंने वास्तव में कड़ी मेहनत की है और पार्टी को आगे का रास्ता देखना चाहिए. यहां पायलट ने आलाकमान की प्रदेश नेतृत्व को लेकर उनकी शिकायतों पर लिए एक्शन पर संतुष्टि जाहिर की. इसके इतर पायलट के समर्थकों में इन दिनों नया जोश नजर आ रहा है. एक दिन पहले पायलट जब करौली पहुंचे तो गंगापुर सिटी में उनके स्वागत में जन सैलाब उमड़ा पड़ा. पायलट समर्थकों के भीड़ की तस्वीरों ने गहलोत खेमे की धड़कनें भी बढ़ा दी हैं.
आपको बता दें, राजस्थान में अगले साल दिसम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश में सियासी माहौल गरमा चुका है. एक और जहां बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का दौरा, गृहमंत्री अमित शाह की प्रस्तावित रैली के बीच अब कांग्रेस भी अगले महीने उदयपुर में चिंतन शिविर करने जा रही है. इस शिविर में कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता शामिल होने वाले हैं. कहा जा रहा है कि इसी चिंतन शिविर में सचिन पायलट को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. अब कांग्रेस सहित तमाम दलों के नेताओं की नजर 13 से 15 मई तक उदयपुर में होने वाले कांग्रेस के इन चिंतन शिविर पर टिक गई हैं. देखना दिलचस्प होगा कि राजनीति के जादूगर कहे जाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मौजूदगी में सचिन पायलट की लैंडिंग होगी या नहीं? यदि होगी तो इसमें जादूगरी किसकी होगी?