Politalks.News/Uttarpradesh. उत्तरप्रदेश में मतदान (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) के दो चरण पूरे हो चुके हैं. इस बीच सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) प्रमुख ओम प्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) ने एक ऐसा बयान दिया है जिसके बाद हड़कंप मच गया है. वाराणसी में वकीलों के साथ हुई झड़प और हंगामे को लेकर राजभर ने दावा किया है कि, ‘बनारस से जिंदा बच आया… (I escaped alive from Banaras…) उन पर हमला किया गया था मेरी हत्या हो सकती थी’. राजभर ने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि, ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनकी हत्या करवाना चाहते हैं (‘Chief Minister Yogi Adityanath wants to get him killed’),बीजेपी मुझसे इतना बौखला गई है कि वह किसी भी समय मेरे साथ कुछ भी करवा सकती है’. ओमप्रकाश राजभर ने चुनाव आयोग से अपने लिए और अपने बेटे अरविंद राजभर के लिए सुरक्षा की मांग की है. राजभर के इस आरोप से हड़कंप मच गया है. भाजपा का जवाब भी आया है कि, जैसी करनी वैसी भरनी’.
योगी मरवाना चाहते हैं मुझे, काले कोट में भेजे गुंडे- राजभर
लखनऊ में मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुभासपा प्रमुख राजभर ने कहा कि, ‘सोमवार को जब वाराणसी की शिवपुर विधानसभा सीट से अपने बेटे अरविंद राजभर के नामांकन के लिए पहुंचे तो उन पर हमला किया गया’. राजभर ने कहा कि, ‘योगी जी मुझे मरवाना चाहते हैं. बीजेपी और योगी के गुंडे वहां काले कोट में भेजे गए थे’.
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योगी आदित्यनाथ कराना चाहते हैं मेरी हत्या- राजभर
दिग्गज नेता ओपी राजभर ने कहा कि, ‘योगी आदित्यनाथ जी मेरी हत्या कराना चाहते हैं. इसकी कोशिश कल वाराणसी में की गई. वहां कहा गया कि गोली मार दो, जो होगा देखा जाएगा. इस तरह की गुंडई कमिश्नर और डीएम के कक्ष के सामने हुई. मैं चुनाव आयोग से मांग करता हूं कि अरविंद राजभर और ओम प्रकाश राजभर को सुरक्षा दी जाए’. राजभर ने सवाल उठाया कि, ‘जब नामांकन के लिए तीन लोगों के ही जाने की अनुमति है तो उस समय परिसर में इतनी भीड़ कहां से आ गई’. ओपी राजभर ने आरोप लगाया कि, ‘डीएम और कमिश्नर की शह पर पूरी घटना हुई. वाराणसी के डीएम और कमिश्नर को हटाया जाए, बीजेपी सरकार संविधान को नहीं मान रही है’.
‘स्थानीय प्रशासन की थी मौन स्वीकृति’
राजभर की ओर से चुनाव आयोग को भेजे पत्र में लिखा है कि, ‘पुलिस की मौजूदगी में ओमप्रकाश राजभर का कॉलर पकड़कर उनको और शिवपुर से पार्टी के प्रत्याशी अरविंद राजभर को जान से मारने और चुनाव क्षेत्र में न निकलने की धमकी दी गई’. पत्र में आरोप लगाया गया है कि, ‘हंगामा करने वाले बीजेपी के लोग थे और बीजेपी के उकसावे पर उन्होंने ऐसा किया. यह भी आरोप लगाया है कि यह सब स्थानीय प्रशासन की मौन सहमति से हुआ’.
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भाजपा का जवाब- ‘जैसी करनी वैसी भरनी’
ओमप्रकाश राजभर के आरोपों पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. त्रिपाठी ने कहा कि, ‘ओमप्रकाश राजभर ने अधिवक्ता समाज को काले कोट वाला गुंडा कहा. उनके साथ जैसी करनी वैसी भरनी वाली कहावत चरित्रार्थ हुई है. विवादित बयानों के जरिए लोगों की भावनाओं को भड़काने वाले नेता को विरोध का सामना करना पड़ा. लेकिन, वकीलों को काले कोट वाला गुंडा कहा, यह पूरे अधिवक्ता समाज का अपमान है. सुभासपा और समाजवादी पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा’.
क्या है पूरा मामला
यूपी चुनाव में वाराणसी की शिवपुर विधानसभा के प्रत्याशी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता अरविंद राजभर का नामांकन के दौरान जमकर विरोध हुआ था. वाराणसी में अरविंद राजभर अपने पिता ओमप्रकाश राजभर के साथ नामांकन करने पहुंचे थे. इस दौरान कलेक्ट्रेट परिसर में अधिवक्ताओं ने उनका जमकर विरोध किया.