पॉलिटॉक्स न्यूज. बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हिंदूत्व का अग्रिम नेता माना जाता है. खास बात ये भी है योगी का आरएसएस से दूर दूर तक कोई संबंध नहीं लेकिन फिर भी हिंदूत्व नेता के तौर पर उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बाद तीसरे नंबर पर जाना जाता है. उन्हें 24×7 का सीएम कहा जाता है जो उनके काम को बखूबी रूप से दर्शाता है. कोरोना संकट के बीच उनका कामकाज बीजेपी आलाकमान ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी तारीफ बटौर रहा है. पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन के इस्लामाबाद संस्करण के संपादक फहद हुसैन ने कोरोना संकट से निपटने में यूपी की मिसाल देते हुए योगी की भूरी भूरी प्रशंसा की है.
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन के इस्लामाबाद संस्करण के संपादक फहद हुसैन ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘उत्तर प्रदेश में सख्ती से लॉकडाउन लागू हुआ जबकि पाकिस्तान ऐसा करने में नाकामयाब रहा.’ हुसैन ने पाकिस्तान और उत्तर प्रदेश में कोरोना से हुईं मौतों की तुलना की और एक ग्राफ के जरिए बताया कि दोनों ने इस संकट का सामना किस तरह से किया और उसके नतीजे में क्या अंतर रहा.
इस ग्राफ में बताया गया है कि पाकिस्तान की आबादी 20.8 करोड़ है और उत्तर प्रदेश की आबादी 22.5 करोड़ है. यानी दोनों की आबादी में ज्यादा बड़ा अंतर नहीं है और दोनों की साक्षरता दर भी लगभग एक ही है, लेकिन पाकिस्तान में कोरोना से मृत्यु दर उत्तर प्रदेश की सात गुना ज्यादा है.
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पाकिस्तानी पत्रकार ने लिखा, ‘पाकिस्तान में यूपी की तुलना में प्रति किमी आबादी की सघनता कम है जबकि प्रति व्यक्ति जीडीपी ज्यादा है. लेकिन यूपी और पाकिस्तान में कोरोना से हो रही मौतों में बड़ा फर्क है. यूपी में जहां सख्ती से लॉकडाउन लागू किया गया जबकि हमारे यहां लॉकडाउन में ढील दी गई.’ फहद ने लिखा, सरकारें अक्सर लॉकडाउन खोलने के लिए गरीबी का हवाला देती हैं जबकि यूपी भी बहुत ज्यादा समृद्ध नहीं है.
इतना ही नहीं, संपादक महोद्य ने यूपी सरकार की तो सराहना की लेकिन महाराष्ट्र सरकार के प्रदर्शन को खराब बताया. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘उत्तर प्रदेश में कोरोना से मृत्युदर पाकिस्तान के मुकाबले बेहद कम है, वहीं समृद्ध और युवा आबादी वाले महाराष्ट्र में मृत्यु दर अधिक है. हमें सही सबक सीखने के लिए ये जरूर पता होना चाहिए कि यूपी ने क्या सही किया और महाराष्ट्र ने क्या गलत किया.’
कोरोना महामारी के दौरान तमाम देशों के प्रदर्शन की तुलना करते हुए फहद हुसैन ने लिखा, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, न्यूजीलैंड ने तमाम सही कदम उठाए जबकि अमेरिका, ब्राजील, भारत, इटली और यूके ने कहीं ना कहीं गलतियां कीं. दक्षिण कोरिया ने लॉकडाउन सही तरीके से किया लेकिन भारत ने लॉकडाउन गलत तरीके से किया.
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फहद ने लिखा, कोरोना महामारी पर नियंत्रण में ये फैक्टर अहम साबित हुआ कि लॉकडाउन कितनी जल्दी लगाया गया और कितने असरदार तरीके से इसे लागू किया गया. जहां न्यूजीलैंड ने बहुत ही असरदार तरीके से लॉकडाउन किया वहीं भारत ने बिना किसी तैयारी के जल्दबाजी में लॉकडाउन करके बड़ी गलती की. इससे भारत की संवेदनशील आबादी पर भयावह असर पड़ा है.
बता दें, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्सर पाकिस्तान पर हमलावर रहते हैं और कई बार पाक पीएम इमरान खान पर निशाना साध चुके हैं. पाकिस्तान में भी उन्हें आक्रामक हिंदूवादी नेता कहकर निशाने पर लिया जाता है. इसके बाद भी पाक में योगी के कारनामों के डंके बजना कोई छोटी मोटी बात नहीं है.