सत्ता की मिलीभगत से फेसबुक-ट्विटर देश के युवाओं और बुजुर्गों में फैला रहे हैं नफरत, लगे लगाम- सोनिया

सोनिया गांधी ने लोकसभा में साधा सरकार पर निशाना, साथ ही फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी लगाया नफरत फ़ैलाने का आरोप, कहा- 'राजनीतिक दलों के नेरेटिव को आकार देने का काम कर रहे हैं फेसबुक और ट्विटर, यह बार-बार आया है नोटिस में कि वैश्विक सोशल मीडिया कंपनियां सभी पार्टियों को नहीं कर रही हैं समान अवसर प्रदान'

सोनिया का केंद्र पर निशाना
सोनिया का केंद्र पर निशाना

Politalks.News/Loksabha. 5 राज्यों में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद अब आलाकमान सक्रिय हो गया है. कांग्रेस आलकमान ने बड़ा एक्शन लेते हुए पांचों राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों से इस्तीफा ले लिया है. इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी एक टीम गठित कर पांचों राज्यों में भेजेगी जो कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेकर हार का कारण कमिटी से साझा करेंगे. आज कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) संसद पहुंच हार के मुख्य कारणों को लेकर सांसदों से भी चर्चा करेगी. वहीं लोकसभा (Loksabha) पहुंची सोनिया गांधी ने लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेते हुए सोशल मीडिया पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार से चुनाव में फेसबुक (Facebook) जैसी सोशल मीडिया (Social Media) कंपनियों के प्रभाव को खत्म करने की मांग की है. सोनिया ने कहा कि, ‘इसके जरिये लोगों के दिमाग को नफरत से भरा जा रहा है.’

लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने सोशल मीडिया से जुड़ा मुद्दा सदन में उठाया सोनिया गांधी ने कहा कि, ‘मैं सरकार से मांग करती हूं कि वह चुनाव में फेसबुक एवं अन्य सोशल मीडिया कंपनियों के दखल को खत्म करने के लिए कदम उठाए. आज इन सोशल मीडिया पलेटफॉर्मस के जरिये लोगों के दिमाग को नफरत से भरा जा रहा है. उन लोगों को भावुकता से भरी गलत जानकारियां दी जा रही हैं. फेसबुक जैसी कंपनियां ऐसी गलत चीजों से फायदा उठा रही हैं.’ सोनिया गांधी यहीं नहीं रुकी और उन्होंने इस दौरान सोशल मीडिया कंपनियों, सरकार और कॉरपोरेट के गठजोड़ की भी बात कही.

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सोनिया गांधी ने शून्यकाल के दौरान कहा कि, ‘यह बात कई बार कही गई है कि सोशल मीडिया कंपनियां सभी राजनीतिक दलों को कभी भी समान अवसर मुहैया नहीं कराती. जिस तरह से सत्ता प्रतिष्ठान के साथ मिलकर फेसबुक की ओर से सामाजिक सद्भाव को खत्म किया जा रहा है, वह बहुत गलत है. इस तरह का गठजोड़ देश के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक है.’ सोशल मीडिया कंपनियों पर निशाना साधते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि, ‘इनकी ओर से लोकतंत्र को हैक किया जा रहा है. फेसबुक और ट्विटर जैसी कंपनियां कुछ नेताओं के नैरेटिव को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं.’

सदन में चर्चा के दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि, ‘भारत में ऐसी कंपनियां हमारे लोकतंत्र और सामाजिक सौहार्द्र को बिगाड़ने का काम कर रही हैं. हमें इसे किसी भी कीमत पर बचाने की जरूरत है.’ केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सोनिया ने कहा कि, ‘सत्ता की मिलीभगत से ही ये सब कुछ किया जा रहा है जो हमारे देश और उसके लोकतंत्र के लिए काफी खतरनाक है.’ सोनिया गांधी ने वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी एक रिपोर्ट के आधार पर बताया था कि कैसे फेसबुक ने रूलिंग पार्टी का साथ दिया था. ऐसे ही कई और रिपोर्ट में भी दावा किया गया. जिसमें बताया गया कि फेसबुक ने खुद अपने नियम तोड़ते हुए सत्तारूढ़ पार्टी और सरकार का पक्ष लिया. गलत जानकारी के चलते देश के युवाओं और बुजुर्गों में नफरत भरने का काम किया जा रहा है. कंपनी इस बात से वाकिफ है, लेकिन अपने फायदे के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.

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गौरतलब है कि हाल ही में यूपी समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है. पंजाब में तो कांग्रेस पार्टी सत्ता में रहते हुए भी आपसी कलह का शिकार हो गई और आम आदमी पार्टी ने अपनी प्रचंड जीत का परचम लहरा दिया. तो वहीं यूपी में पार्टी को महज 2 सीटें ही मिली हैं जो कि अब तक का कांग्रेस का सबसे ख़राब प्रदर्शन रहा. मणिपुर, गोवा और उत्तराखंड में जरूर कांग्रेस को थोड़ी सफलता हाथ लगी लेकिन नतीजा उसके पक्ष में नहीं आया. ऐसे कांग्रेस आलाकमान अब एक्शन के मूड में है. इसी कड़ी में सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चुनावी राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों से इस्तीफा देने के आदेश दिए थे.

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