Azad’s growing closeness to PM Modi: कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद गुलाम नबी जब से कांग्रेस को छोड़ आजाद हुए हैं, उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राजनीतिक दूरियां नजदीकियों में बदलते जा रही है. उनके प्रत्येक भाषण में पीएम मोदी का जिक्र जरूर होता है जबकि लंबे समय जिन नेताओं के साथ वे कांग्रेस में रहे, उनके लिए गुलाम नबी के सुर थोड़े अलग हैं. यहां तक की अपने नजदीक साथी रहे जयराम रमेश और सलमान खुर्शीद जैसे कांग्रेस के सीनियर नेताओं पर भी गुलाम नबी ने आरोप प्रत्यारोप लगाए हैं. उनकी इस तरह की प्रतिक्रिया भविष्य की राजनीति में कुछ नया गुल खिलाने का संकेत दे रही है.
बीते दिनों एक न्यूज़ एजेंसी को दिए गए साक्षात्कार में गुलाम नबी ने प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री के साथ जो किया, और उन्होंने जो व्यवहार मेरे साथ किया. इसका मोदी को श्रेय देना चाहिए. वह बहुत उदार हैं. विपक्ष के नेता के तौर पर मैंने उन्हें किसी भी मुद्दे पर नहीं बख्शा, चाहे वह धारा 370 हो, CAA हो या फिर हिजाब का मुद्दा. इसके बावजूद मोदी ने कभी बदले की भावना से काम नहीं किया. वो हमेशा एक नर्म दिल वाले राजनेता की तरह पेश आए.’ इससे पहले जब गुलाम राज्यसभा से रुकस्त हो रहे थे, तब पीएम मोदी ने भी अपनी आंखों में आंसु भर लिए थे.
गुलाम अली ने पीएम मोदी के लिए अच्छी बातों तो कही हैं लेकिन जिस पार्टी में उन्होंने साढ़े पांच दशक से अधिक बिताए, उस पार्टी के नेताओं के खिलाफ जमकर हमला भी किया. उनकी बातों से कहीं लगा ही नहीं कि गुलाम कभी कांग्रेस पार्टी में रहे थे. बुधवार को गुलाम नबी की ऑटोबायोग्राफी ‘आजाद’ लॉन्च हुई है जिसमें उन्होंने अपनी राजनीतिक के 55 सालों के राजनीतिक सफर एवं अनुभवों को साझा किया. इस किताब में उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज जयराम रमेश और सलमान खुर्शीद पर निशाना साधा है और अपनी नाराजगी भी व्यक्त की है.
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अपनी आत्मकथा में गुलाम नबी लिखते हैं, ‘अमित शाह ने जिस वक्त 370 हटाने का ऐलान किया, मैंने अपना ईयर फोन फेंका और विरोध के लिए वेल में जाकर धरने पर बैठ गया. विपक्ष के नेताओं को भी मैंने वहां बुलाया, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जयराम रमेश अकेले अपनी सीट पर बैठे रहे और धरने में शामिल ही नहीं हुए.’ वहीं पुस्तक के द ग्रैंड ओल्ड पार्टी : ब्लूपर्स एंड बॉम्बसेट चैप्टर में आजाद ने सलमान खुर्शीद पर भी नाराजगी जताई है. आजाद ने बताया है कि अगस्त 2020 में उन्होंने और दूसरे कांग्रेस नेताओं ने लीडरशिप पर सवाल क्यों उठाए थे.
आजाद के मुताबिक, खुर्शीद सहित अन्य नेताओं ने जी-23 में गुलाम नबी के रोल पर सवाल उठाए थे और उन्हें एक मकसद के लिए एकजुट हुए बागी करार दिया था. उन सभी ने जी-23 के नेताओं को बागी के अलावा धोखेबाज और भगोड़ा तक कहा गया था. जी-23 को कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी का मुखौटा तक बताया. आजाद ने किताब में कहा, ‘आज मैं उन नेताओं से कहना चाहता हूं कि हमने इस पार्टी को जितना दिया है, उतना कभी हमें वापस नहीं मिला. कुछ लोग तो कांग्रेस में ऐसे हैं जिन्होंने अपने पद का नाजायज फायदा उठाया और बदले में पार्टी को कुछ नहीं दिया. ये लोग अपनी मौजूदगी सिर्फ ट्विटर पर दर्ज कराते रहे.’
गुलाम नबी ने ऐसे आरोप लगाने वालों को मूर्ख बताया. गुलाम नबी के मुताबिक, ‘अगर G23 भाजपा का प्रवक्ता था तो उसे कांग्रेस ने सांसद क्यों बनाया? उन्हें सांसद, महासचिव और पदाधिकारी क्यों बनाया है? मैं अकेला हूं, जिसने पार्टी बनाई है. बाकी लोग तो अब भी वहीं हैं. भाजपा के प्रवक्ता होने के आरोप बचकाना और बेबुनियाद हैं. इनका मकसद सिर्फ नफरत पैदा करना है.’
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जम्मू कश्मीर में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के मुखिया गुलाम नबी आजाद का इस तरह का वयक्त्व साफ जाहिर करता है कि उन्होंने कांग्रेस से पूरी तरह से दूरी बनाकर रखी है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से भी आजाद ने दूरी बनाई थी और राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने पर भी अपने आपको किसी भी तरह की प्रतिक्रिया से दूर बनाए रखा था. याद दिला दें कि राहुल गांधी के कश्मीर पहुंचने से पहले उनकी पार्टी के करीब 18 प्रमुख नेताओं ने आजाद की पार्टी छोड़ फिर से कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. उस समय आजाद के फिर से कांग्रेस में आने की अफवाहों ने जोर पकड़ा था. हालांकि ऐसा हो न सका.
चूंकि आजाद ने कांग्रेस को छोड़ दिया है, ऐसे में उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बढ़ती राजनीतिक नजदीकियां जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनावों की चौसर पर बिछ रहे मोहरों को बीजेपी की ओर चाल लगने से जोड़कर देखा जा रहा है. जिस तरह कांग्रेस से हुए आजाद अपने सुर अपनी पुरानी पार्टी के प्रति कठोर कर रहे हैं, संभावना है कि वे आगामी विस चुनावों में अन्य पार्टियों के लिए वोट कटवा लेकिन बीजेपी के लिए एक सच्चे मित्र साबित होंगे.