Politalks.News/WestBengal. पश्चिम बंगाल के नादिया में किशोरी के रेप एवं हत्या मामले में अब सियासत गरमा गई है. जिसका मुख्य कारण हैं सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का विवादित बयान. ममता बनर्जी ने इस पूरी घटना पर ही सवाल उठा दिए. ममता बनर्जी से जब इस घटना को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, ‘आपको कैसे पता कि उसके साथ रेप हुआ, क्या वो प्रेग्नेंट थी, या लव अफेयर का मामला था या फिर वह बीमार थी.’ ममता के इस बयान को विपक्ष ने संवेदनहीन बताया है. तो वहीं 2012 में गैंगरेप और हत्या की पीड़िता निर्भया की मां ने प्रतिक्रिया देते हुए ममता बनर्जी के इस बयान पर उन्हें मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने तक की बात कह डाली.
दरअसल पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के हमसे खली में किशोरी के साथ एक बर्थडे पार्टी में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया था. लड़की के परिवार के द्वारा आरोप लगाया गया कि मुख्य आरोपी तृणमूल कांग्रेस के एक पंचायत सदस्य का बेटा है. किशोरी की मां ने अपने बयान में कहा कि, ‘मेरी बेटी जब पार्टी से लौटी तो उसके खून बह रहा था. अगली सुबह उसकी तबीयत बेहद खराब हो गई तो हम डॉक्टर को देखने पहुंचे. वापस जब तक हम घर लौटते, उसकी जान जा चुकी थी.’ फिलहाल इस मामले में टीएमसी नेता के बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विवादित बयान से प्रदेश की सियासत गरमा गई है.
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ममता बनर्जी ने इस पुरे मामले को लेकर कहा कि, ‘कहानी बताई जा रही है कि रेप की वजह से नाबालिग लड़की की मौत हो गई, लेकिन बिना किसी जांच के आधार पर क्या आप उसे रेप कहेंगे? क्या वो लड़की गर्भवती थी या उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था आपने जानने की कोशिश की? पुलिस ने मुझे बताया है कि लड़की और उस लड़के का अफेयर चल रहा था. ये प्रेम प्रसंग का मामला है जिसकी जानकारी परिवार को भी थी. अगर कोई प्रेम में है तो हम उसे कैसे रोक सकते हैं?’ इस दौरान ममता बनर्जी ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि ‘हम यहां लव जिहाद नहीं करते हैं. ये उनकी अपनी आजादी है, लेकिन अगर कुछ गलत हुआ है तो पुलिस दोषियों को गिरफ्तार करेगी.’
अब ममता बनर्जी के इस बयान पर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. विधानसभा में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि, ‘ममता बनर्जी का यह बयान केवल यह साबित करता है कि बनर्जी कैसे जांच को प्रभावित करने और दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही हैं. जब बीजेपी शासित राज्यों में ऐसी कोई घटना होती है तो वह सबसे पहले इसका विरोध करती हैं. लेकिन जब पश्चिम बंगाल में ऐसी ही घटनाएं होती हैं तो वह दोषियों को बचाने की कोशिश करती हैं. यह शर्मनाक है कि एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद वह इस तरह की टिप्पणी कर रही हैं. यह बंगाल की अराजक स्थिति की वास्तविक तस्वीर है.’
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वहीं लोकसभा सांसद एवं कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी ने आज पीड़ित परिवार से मुलाकात की. इसके साथ ही उन्होंने ममता के बयान की कड़ी आलोचना की. अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, ‘क्या यह पीड़िता टीएमसी की मां, माटी, मानुष (मां, भूमि, लोग) शासन के तहत नहीं आती है? सीएम शैतान के वकील की भूमिका क्यों निभा रही हैं? वह अपराध करने वालों का बचाव क्यों कर रही हैं?’ वहीं ममता बनर्जी के इस बयान की सोशल मीडिया पर जमकर किरकिरी हो रही है. सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा कि, ‘एक रेप पीड़िता पर ममता बनर्जी का ये पहला घिनौना बयान नहीं है. बहुत साल पहले भी वह अपनी मानसिकता दिखा चुकी हैं.. पर कोई नहीं. पश्चिम बंगाल में सब कुछ अच्छा है.’
वहीं ममता बनर्जी के इस विवादित बयान पर 2012 में गैंगरेप और हत्या की पीड़िता निर्भया की मां ने कहा कि, ‘यदि ममता बनर्जी इतनी असंवेदनशील हैं तो फिर उन्हें मुख्यमंत्री के पद पर रहने का कोई अधिकारी नहीं है. वह मुख्यमंत्री पद के योग्य हैं ही नहीं. इस घटना की सही ढंग से जांच होनी चाहिए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए. इस तरह के बयान ऐसे अपराधों को बढ़ावा देने का काम करते हैं. इससे पीड़ित प्रभावित होते हैं और अपराधियों को बढ़ावा मिलता है. ऐसे नेताओं को सिर्फ अपने वोटबैंक की ही चिंता रहती है.