Politalks.News/AsaduddinOwaisi. देश के कई राज्यों में नवसंवत्सर और राम नवमी पर हुई हिंसा को लेकर सियासत गरमा गई है. मध्यप्रदेश के खरगोन में रामनवमी के जुलूस पर पथराव और हिंसा के बाद सियासी बयानबाजी का दौर जारी है. अब इस पुरे मामले में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी की भी एंट्री हो चुकी है. ओवैसी ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा उपद्रवियों की संपत्ति को बुलडोजर द्वारा ध्वस्त किये जाने को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘आप मध्य प्रदेश में घरों को किस आधार पर ध्वस्त करते हैं? यह जिनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन है. आपको दोषियों को पकड़ना चाहिए. आज सरकार आपकी है, कल नहीं होगी.’ इस दौरान ओवैसी ने संबंधित राज्य सरकारों पर भी जमकर निशाना साधा.
मंगलवार को हैदराबाद में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, ‘मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक और गोवा की सरकारों को हिंसा की जिम्मेदारी उठानी पड़ी क्योंकि उन्होंने रामनवमी के जुलूस की अनुमति दी थी.’ ओवैसी ने आगे कहा कि, ‘हम उन्हें उनकी संवैधानिक जिम्मेदारी की याद दिला रहे हैं जिसे वे भूल गए हैं. पूरे देश में रामनवमी के जुलूस निकाले गए. हर जुलूस में हिंसा हुई, चाहे वह मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, गोवा हो. इसलिए, वहां की सरकारें हिंसा को रोकने में विफल रहीं. क्योंकि यह हिंसा राज्य की मिलीभगत से थी. आप दंगाइयों को दंगा करने से नहीं रोक सकते क्योंकि राज्य सरकार ने जुलूस की अनुमति दी थी.’
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पत्रकार वार्ता के दौरान असदुद्दीन ओवीएस ने मध्यप्रदेश के खरगोन में हुई हिंसा के साथ कथित पथराव करने वालों के घरों को गिराने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर जमकर निशाना साधा. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, ‘मध्य प्रदेश, गुजरात, गोवा, कर्नाटक में जो भी हुआ वहां की सरकारों की रज़ामंदी से किया गया. मध्य प्रदेश में घर-दुकाने जलाई गई, किस कानून के तहत ये किया गया आप कानून बताइये. आप मध्य प्रदेश में घरों को किस आधार पर ध्वस्त करते हैं? यह जिनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन है. आपको सबसे पहले दोषियों को पकड़ना चाहिए. आप किस आधार पर किसी के घरों को ध्वस्त कर रहे हैं? और आप केवल एक समुदाय के लोगों के घरों को ध्वस्त कर रहे हैं. आपको घरों को ध्वस्त करने का अधिकार किसने दिया? यदि वे अवैध हैं, तो उन्हें आप नोटिस दें. केवल वे घर अवैध हैं, अन्य घर अवैध नहीं हैं क्या?’
इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने नवरात्री की समय मांस की दुकाने बंद करने को लेकर भी सवाल उठाये. ओवैसी ने कहा कि, ‘आस्था है तो आप सबसे पहले जो मांस बाहरी देशों में निर्यात होता है वो बैन कीजिए. आप मांस के निर्यात को बैन नहीं करेंगे क्योंकि आपको डॉलर मिलता है और वो व्यक्ति जो दिन में 100-200 रूपए कमाता है आप उसके कारोबार को बंद कराते हैं.’ वहीं एक दिन पूर्व सोमवार को असदुद्दीन ओवैसी ने शिवराज सरकार को आड़े हाथ लिया. शिवराज सिंह ने कहा कि, ‘म.प्र में, मंसूबा-बंद तरीक़े से क़ानून के शासन पर भीड़तंत्र हावी हो चुका है. शिवराज सिंह चौहान भले ही आपकी विचारधारा मस्जिदों को नापाक करने और बुजुर्गों पर हमले को सही ठहराती हो लेकिन ये न भूलें कि आप संवैधानिक पद पर बैठे हैं, जनता की जान व माल की सुरक्षा आपकी ज़िम्मेदारी है.
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असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, ‘सत्ता के नशे में शरसार होकर और क़ानून को बलाए-ताक़ रख कर जो आप ग़रीबों के आशियाने उजाड़ रहे हो, याद रखो! आज सरकार आपकी है, कल नहीं होगी.’ वहीं इस पुरे मामले में अब कांग्रेस भी कूद पड़ी है. कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कई सवाल पूछे. दिग्विजय सिंह ट्वीट करते हुए लिखा- ‘क्या ख़रगोन प्रशासन ने लाठी तलवार जैसे हथियारों को लेकर जुलूस निकालने की इजाज़त दी थी? क्या जिन्होंने पत्थर फेंके चाहे जिस धर्म के हों सभी के घर पर बुलडोज़र चलेगा? शिवराज जी मत भूलिए आपने निष्पक्ष हो कर सरकार चलाने की शपथ ली है.’