Politalks.News/MadhyaPradesh. मध्यप्रदेश में शुरू मामा का बुलडोजर अभियान पूरी रफ़्तार के साथ कार्यरत है. रविवार को रामनवमी के मौके पर मध्यप्रदेश के खरगोन में हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकार एक्शन मोड में आ गई है. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सोमवार को दंगाईयों के मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू हुई है. खरगोन में हुई हिंसा को लेकर अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा बयान दिया है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, ‘खरगोन में हुई हिंसा की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. इस हिंसा में लिप्त दंगाइयों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्हें न केवल जेल भेजा जाएगा, बल्कि सार्वजनिक और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली भी की जाएगी. इसके लिए क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन हम कर रहे हैं.’
रविवार शाम को मध्यप्रदेश के खरगोन में तालाब चौक के पास रामनवमी की रैली पर असामाजिक तत्वों ने पथराव कर दिया. इस दौरान उपद्रवियों ने 30 से ज्यादा दुकानों और मकानों में आग लगा दी. जिसके बाद रात को करीब 9 बजे मामला कुछ शांत हुआ लेकिन रात होते होते 12 बजे के आसपास फिर से हिंसा भड़क गई. जिसके कारण आनंद नगर, संजय नगर मोतीपुरा में घर फूंक दिए गए. इस हिंसा से प्रभावित 70 से अधिक परिवारों को घर छोड़कर दूसरी जगह जाना पड़ा. रामनवमी के मौके पर हुई हिंसा के बाद राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार एक्शन मोड में आ गई है.
यह भी पढ़े: …प्रदेश के 5 IAS IPS अफसरों को कराऊंगा जेल- गज्जू बना के बयान पर बोले गहलोत- ये है बौखलाहट…
रविवार को हुए दंगे के बाद सोमवार को दंगाईयों के मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू हुई जिसमें शहर के संवेदनशील छोटी मोहन टाकीज क्षेत्र में भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में मकानों को तोड़ा गया. वहीं इस पूरी घटना को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, ‘इस हिंसा में शामिल आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें बख्सा नहीं जाएगी. रामनवमी के अवसर पर खरगोन में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. मध्यप्रदेश की धरती पर दंगाइयों के लिए कोई स्थान नहीं है. हिंसा में शामिल दंगाई चिन्हित कर लिए गए हैं, इनको छोड़ा नहीं जाएगा. उनके खिलाफ कठोरतम कार्यवाही की जाएगी.’
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, ‘मध्यप्रदेश में हमने लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली विधेयक पारित किया है. खरगोन के दंगाइयों को दण्डित तो किया ही जाएगा साथ ही नुकसान की वसूली भी उनसे की जाएगी. राज्य सरकार इस हेतु क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन कर रही है.’ वहीं एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘दंगाइयों के अवैध निर्माण को तोड़ा गया है. कुछ कर्मचारियों के शामिल होने का भी पता चला है, जिन्हें अभी सेवा से निकाल दिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार दंगे में शामिल 4 शासकीय कर्मचारियों में से 3 की सेवा को समाप्त कर दिया गया है.’
वहीं मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि खरगोन के गुनहगारों से सख्ती से निपटा जाएगा. वहां जिन घरों से पत्थर आए हैं, उन घरों को पत्थर का ढेर बनाएंगे. एमपी में कानून का राज है और सांप्रदायिक सौहार्द को किसी कीमत पर बिगड़ने नहीं दिया जाएगा.’ आपको बता दें कि खरगोन हिंसा मामले में अभी तक 77 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.