…प्रदेश के 5 IAS IPS अफसरों को कराऊंगा जेल- गज्जू बना के बयान पर बोले गहलोत- ये है बौखलाहट…

ERCP पर जारी जंग थमी भी नहीं कि फोन टैपिंग पर गरमा गई प्रदेश की सियासत, मेरा टाइम आया तो प्रदेश के 5 आईएएस-आईपीएस अफसरों को जेल कराऊंगा- गजेंद्र सिंह शेखावत, यह नहीं भूलना चाहिए कि जनता के सामने उनका असली चेहरा पहले से ही बेनकाब हो चुका- अशोक गहलोत

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Politalks.News/Rajasthan. मार्च के बाद अप्रैल में पड़ रही रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के बीच राजस्थान की राजनीति (Politics in Rajasthan) में जारी जबरदस्त बयानबाजी ने सियासी तपिश को बढ़ा दिया है. हाल ही में जयपुर पधारे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) और गहलोत सरकार (Gehlot Government) के बीच ERCP को लेकर शुरू हुई जुबानी जंग अभी थमी भी नहीं थी कि प्रदेश के बहुचर्चित फोन टैपिंग कांड को लेकर गजेंद्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच शुरू हुई बयानबाजी ने गरमाई सियासत में तड़का लगा दिया है.

मोदी सरकार में मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शनिवार को बयान दिया कि मेरा टाइम आया तो प्रदेश के 5 आईएएस-आईपीएस अफसरों को जेल कराऊंगा. इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने रविवार देर शाम ट्वीट के जरिए पलटवार करते हुए कहा कि, ‘अधिकारियों को गिरफ्तारी की धमकी देना शेखावत की बौखलाहट दिखा रहा है. अपनी छवि चमकाने के लिए पहले उन्होंने राजनीति से संन्यास का दावा कर दिया, फिर झूठ पकड़े जाने के कारण डैमेज कंट्रोल के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं.’

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दरअसल, जून-जुलाई 2020 में प्रदेश में आए सियासी संकट के समय कथित तौर पर ‘गहलोत सरकार गिराने’ के बारे में टेलीफोन पर हुई बातचीत के तीन ऑडियो टेप सीएम के OSD लोकेश शर्मा द्वारा जारी किए गए थे. जिसके बाद राजस्थान पुलिस की विशेष शाखा एसओजी ने मामला दर्ज किया था. इस मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत को आवाज का नमूना देने के लिए कहा गया. हालांकि दर्ज प्राथमिकी में ये उल्लेख नहीं था कि ऑडियो क्लिप में जिस गजेन्द्र सिंह का जिक्र किया गया था, वो केन्द्रीय मंत्री शेखावत ही हैं.

वहीं इसी फोन टैपिंग प्रकरण को लेकर गज्जू बना ने भी दिल्ली में राजस्थान के कुछ अधिकारियों सहित लोकेश शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है जिस पर कार्रवाई जारी है. बताया जा रहा है कि इसी मामले में बीते शनिवार के बयान देते केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री के इशारे पर फोन टैपिंग कराने वाले प्रार्थना करें कि मेरा वक्त न आए, यदि आया तो पांच आईएएस-आईपीएस को जेल कराऊंगा.’ शेखावत के इस बयान के बाद प्रशासनिक गलियारों सहित सियासी गलियारों में जबरदस्त हलचल मची हुई है.

गजेंद्र सिंह शेखावत के इस बयान पर रविवार शाम पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट में लिखा कि, ‘गजेन्द्र सिंह शेखावत की ओर से राजस्थान के IAS-IPS अधिकारियों को गिरफ्तारी की धमकी देना उनकी बौखलाहट दिखा रहा है. अपनी छवि चमकाने के लिए पहले उन्होंने राजनीति से संन्यास का दावा कर दिया, लेकिन उनका झूठ पकड़ा जाने के कारण डैमेज कंट्रोल के लिए वो इस तरह की बातें कर रहे हैं. उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि जनता के सामने उनका असली चेहरा पहले से ही बेनकाब हो चुका है, इसलिए अभी तक अपना वॉइस सैम्पल देने में भी आनाकानी कर रहे हैं.’

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आपको याद दिला दें, हाल ही में राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और गहलोत सरकार में जलदाय मंत्री महेश जोशी आमने-सामने आ गए थे. होटल ललित में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में जब जोशी ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे की याद दिलाई तो गज्जू बना भड़क गए और दावा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अजमेर की सभा में इस बारे में एक भी शब्द नहीं बोला था. यही नहीं शेखावत ने यहां तक कह दिया कि अगर प्रधानमंत्री ने अजमेर की बैठक में एक भी शब्द बोला हो तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा या आप और आपके मुख्यमंत्री राजनीति से सन्यास ले लेना. शेखावत के इस बयान के बाद राजस्थान कांग्रेस ने पीएम मोदी के उस समय के दोनों बयानों को जारी करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार नहीं बल्कि दो बार राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने को लेकर मजबूती से बात रखी थी.

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