Politalks.News/Rajasthan/BJP. बीते दो दिन तक कोटा में बूंदी रोड स्थित एक रिसोर्ट में चली बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के दूसरे दिन बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का संबोधन नहीं हुआ, जबकी मंच पर मौजूद करीब सभी नेताओं का संबोधन हुआ. यही नहीं मैडम वसुंधरा राजे लंच के बाद बैठक से निकल गईं यानी मैडम पूरी बैठक में भी मौजूद नहीं रहीं. ऐसे में बीजेपी की कार्यसमिति की बैठक में मैडम राजे का संबोधन नहीं होना कल से राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना रहा. बैठक में मैडम वसुंधरा राजे को सुनने आए कार्यकर्ताओं को भी काफी निराशा हाथ लगी और सूत्रों की मानें तो बीजेपी कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर काफी रौष भी है. अब हर कोई इस बात का कयास लगा रहा है कि आखिर मैडम राजे ने बैठक को सम्बोधित क्यों नहीं किया? इसी के साथ इस घटनाक्रम से एक बार फिर बीजेपी के एकजुटता के दावों की पोल भी खुल गई है.
आखिर क्यों नहीं हुआ मैडम राजे का भाषण?
बीजेपी कार्यसमिति की बैठक के दूसरे दिन पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बिना संबोधन किए बैठक से चले जाने को लेकर सियासी गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. लेकिन पॉलिटॉक्स के सूत्रों के मुताबिक मैडम राजे को पार्टी की तरफ से पहले यह बताया ही नहीं गया था कि उन्हें कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करना है. जबकि इस विषय को लेकर पार्टी पदाधिकारियों से मैडम राजे द्वारा कई बार सम्पर्क किया गया था. लेकिन पहले से इस बारे में मैडम राजे को कोई जानकारी नहीं दी गई. वहीं बैठक के दिन यानी बीते रोज सुबह पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे को जानकारी दी गई थी कि आपको भी बैठक को सम्बोधित करना है. अब इसमें भी झोल इस बात का कि विषय क्या है, यानी कि पूर्व मुख्यमंत्री मैडम राजे को पर्टिकुलर टॉपिक नहीं बताया गया कि किस विषय पर मैडम को भाषण देना है. यहां मैडम राजे ने पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करने के लिए सामान्य भाषण की उम्मीद की.
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विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इसके बाद जब मैडम वसुंधरा राजे कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने के लिए बैठक हॉल में और फिर मंच पर पहुंची तब उन्हें बताया गया कि आपको भी कार्यकारिणी को सम्बोधित करना है और आपका 25 मिनट का संबोधन होना है. यही नहीं लास्ट मूवमेंट पर मैडम राजे को विषय की जानकारी देते हुए बताया गया कि आपको मोदी सरकार की अग्निपथ योजना, हाल ही में चार राज्यों में हुई बीजेपी की जीत, मोदी सरकार की आठ साल की उपलब्धियां और गहलोत सरकार की नाकामियों पर अपना 25 मिनिट का सम्बोधन देना है. ऐसे हालात में कोई भी सुधिजन इस बात का अंदाजा लगा सकता है कि बिना किसी तैयारी के अचानक आपको इस तरह कई सारे विषय देते हुए एक समय सीमा में बांधा जाए तो कोई कैसे बोल पाएगा. तो यहां भी यही हुआ कि पूर्व में सम्बंधित विषयों की तैयारी न होने के चलते मैडम वसुंधरा राजे ने सम्बोधन से अपने को अलग रखना ही उचित समझा.
यही नहीं यह पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और दो बार की पूर्व मुख्यमंत्री के सम्मान से भी जुड़ा विषय है. यहां पार्टी पदाधिकारियों की जिम्मेदारी थी कि मैडम राजे को बैठक के लिए आमंत्रित करते समय ही उन्हें सभी बातों और विषयों से अवगत करवाना चाहिए था. ऐसे में तो यही माना जाएगा कि मैडम वसुंधरा राजे को महज औपचारिकता पूरी करने के लिए भाषण देने के लिए कहा गया था. यही नहीं बैठक शुरू होने से पहले जब मैडम राजे अपने पर्सनल स्टाफ और तीन बार के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचीं तो वहां मैडम के मीडिया एडवाइजर, सिक्योरिटी स्टाफ और यहां तक की पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत को भी रोक दिया गया. जिसके चलते एक बार तो वहां भारी बवाल भी खड़ा हो गया. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं यह सब जानबूझ कर तो नहीं किया गया?
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वहीं कार्यक्रम में मंच पर पहुंचने के बाद मैडम वसुंधरा राजे को संबोधन के विषयों और समय सीमा की जानकारी देने पर खुद मैडम हतप्रभ रह गईं और सूत्रों की मानें तो मैडम राजे ने कार्यसमिति में अपना पक्ष भी रखा कि अब एन वक्त पर कैसे इस विषय पर इतना कुछ कहा जा सकता है, और यही वजह रही कि मैडम राजे लंच के बाद बिना सम्बोधन दिए बैठक से निकल गईं. इसके चलते बैठक में असमंजस की स्थिति बन गई और इस बात के बाहर आते ही हर तरफ सियासी चर्चाएं शुरू हो गईं. बैठक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे प्रहलाद गुंजल के आग्रह पर सीधे हिंडोली में हुए लाठीचार्ज में घायल लोगों से मिलने एमबीएस अस्पताल पहुंचीं और वहां घायलों से बात की व उनका हालचाल पूछा.