गहलोत बने रहें या पायलट बने मुख्यमंत्री, हमारे समझौते का अक्षरशः पालन कर दो- बैंसला की दो टूक

ये गुर्जर समाज नहीं किसी की बपौती, न मेरी, न किसी और की, सचिन पायलट मेरे अच्छे मित्र हैं और मेरे छोटे भाई हैं, वो गुर्जर है, तो में क्यों पायलट को करूंगा डैमेज? डेमेज तो समाज हो रहा क्योंकि गुर्जर नेता अपने आपको गुर्जर कह ही नहीं रहे- विजय बैंसला

विजय बैंसला का बड़ा बयान
विजय बैंसला का बड़ा बयान

Vijay Bainsala on Bharat Jodo Yatra. अगले महीने की शुरुआत में राजस्थान में प्रवेश करने वाली भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कांग्रेस पार्टी जोरशोर से तैयारियों में लगी हुई है. इसी सिलसिले में आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने आवास पर पार्टी नेताओं और अधिकारियों की एक अहम बैठक ली. एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को सफल बनाने की तैयारियों में जुटी है तो वहीं राजस्थान में इस यात्रा का विरोध भी शुरू हो गया है. इसके साथ ही गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला के भारत जोड़ो यात्रा के विरोध करने के एलान का असर भी देखने को मिलने लगा है. शुक्रवार को गंगापुरसिटी में गुर्जर समाज ने प्रदर्शन करते हुए भारत जोड़ो यात्रा रोकने की चेतावनी दी. तो वहीं विजय बैंसला ने एक बार फिर दोहराया कि, ‘अगर अगले 20 दिन में हमारे समझौतों को पूरी तरह से लागू नहीं किया तो हम राहुल गांधी की यात्रा को राजस्थान में घुसने नहीं देंगे.’

आपको बता दें कि तमिलनाडु के कन्याकुमारी से कश्मीर के लिए 7 सितंबर से शुरू हुई कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा अगले माह दिसंबर में राजस्थान में प्रवेश करने जा रही है. कांग्रेस की यह यात्रा कई मायनों में पार्टी के लिए अहम है. लेकिन खुद कांग्रेस शाषित राज्य राजस्थान में इस यात्रा के विरोध की खबरें सामने आने के बाद सियासी माहौल गरमा गया है. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति पहले ही इस यात्रा का विरोध करने का फैसला कर चुकी है. विजय बैंसला ने एक बार फिर दोहराया कि हमारी मांगे पूरी नहीं की गई तो भारत जोड़ो यात्रा का विरोध किया जाएगा. मीडिया समूह दैनिक भास्कर से बात करते हुए गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने कई मुद्दों पर खुलकर बात की. विजय बैंसला ने कहा कि, ‘हमने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात कर ली, कोशिश कर ली उनको हमारी बात सुनाने की लेकिन उनको समझ में नहीं आ रही हमारी बात. इसलिए अब हम कांग्रेस के सबसे बड़े नेता के सामने बात रखेंगे.’

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विजय बैंसला ने कहा कि, ‘कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी ही तो हैं. सरकार यह सोचे कि अभी यात्रा में 20 दिन बचे हैं, कैसे हमारे केसेस का निस्तारण हो सकता है. अगर हमारा काम नहीं होगा तो हम राहुल गांधी को राजस्थान में घुसने नहीं देंगे. यह बात मैं अकेला नहीं कह रहा, सारे बगड़ावत (गुर्जर) कह रहे हैं. हम मार्शल कौम हैं. सम्मान लेना और सम्मान देना हमारे लिए बहुत इंपॉर्टेंट है. वहीं विजय बैंसला से जब सवाल पुछा गया कि, ‘राहुल गांधी की यात्रा का रूट ज्यादातर उन इलाकों से हैं जो गुर्जर बाहुल्य है और माना जाता है कि वहां सचिन पायलट का प्रभाव है. कांग्रेस का एक धड़ा इस रूट को बदलवाने की भी कोशिश कर रहा है. क्या आप गहलोत-पायलट में चल रही कुर्सी की लड़ाई में किसी एक गुट के समर्थन की कोशिश कर रहे हैं?’

इस सवाल का जवाब देते हुए विजय बैंसला ने कहा कि, ‘पहली बात तो मैं फिर से कह रहा हूं कि रूट बदले ही क्यों? हमारे काम क्यों नहीं हो जाते. ये गुर्जर समाज किसी की बपौती नहीं है. न मेरी, न किसी और की. यह पूरा का पूरा बेल्ट जो है, वो एमबीसी बेल्ट है. सचिन पायलट मेरे अच्छे मित्र हैं और मेरे छोटे भाई हैं. मैं तो यह कह रहा हूं हमारा काम कर दो. गहलोत करे तो बढ़िया, सचिन करे तो बहुत बढ़िया. ये सारे के सारे एक थाली में बैंगन हैं क्यों कि ये लोग कभी इधर लुढ़कते हैं कभी उधर.

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सवाल: धर्मेंद्र राठौड़ और आपका फोटो इन दिनों चर्चा में है, आपका फोटो चर्चा में है उसे लेकर आप क्या कहेंगे.

जवाब: बात यह नहीं है कि कौन किससे मिला. धर्मेंद्र राठौड़ से मैं एक बार नहीं दस बार मिला हूं. इसके साथ ही मैं शकुंतला रावत, अशोक चांदना सहित अन्य नेताओं से भी कई बार मिला हूँ. मुझे अपने समाज के काम कराने हैं इसके लिए मैं किसी से भी मुलाकात करता हूँ तो क्या प्रॉब्लम है. यह स्टुपिड आर्गुमेंट है. जो 3 नवंबर की फोटो दिखाई जा रही है उस दिन में रीट लेवल-1 के 233 अभ्यर्थियों को नौकरी देने के मामले में मिला था.

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सवाल: धर्मेंद्र राठौड़ से मुलाकात के फोटो को लेकर विप्र बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा ने कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से शिकायत की है. आपने धर्मेंद्र राठौड़ की मुलाकात के बाद राहुल गांधी की यात्रा का विरोध करने की चेतावनी दी, ताकि सचिन पायलट को डेमेज किया जाए, आप क्या कहेंगे?

जवाब: सचिन पायलट गुर्जर है, तो में क्यों पायलट को डैमेज करूंगा? डेमेज तो समाज हो रहा क्योंकि गुर्जर नेता अपने आपको गुर्जर कह ही नहीं रहे. हमारा जो समझोता है उसकी अक्षरश: पालना कर दो और रही बात महेश शर्मा की तो मैं उन्हें तो जानता तक नहीं हूँ. मुझे उनसे कोई लेना देना नहीं. महेश शर्मा अगर मर्द होते तो वे खड़गे से कहते कि कांग्रेस सरकार ने 2019 में गुर्जर समाज से समझौता किया था, उसको लागू करवाओ. मैं उनको मानता, मैं तो उनके घर पर जाकर माला पहनाता. यह चुगली–चुगली क्या कर रहे हो, जो काम करने हैं वो करो. अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए गुर्जर समाज को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. चाहे वो महेश शर्मा हों चाहे कोई और हों. जिसको मुख्यमंत्री बनाओ बहुत अच्छी बात, जिसको नहीं बनाओ बहुत अच्छी बात. सरकार गिरे बढ़िया, नहीं गिरे और बढ़िया. हमें हमारे समझौते को लागू करवाने से मतलब है.

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