Politalks.News/Maharshtra. इन दिनों महाराष्ट्र की सियासत में सरकारी एजेंसियों के इस्तेमाल को लेकर सियासत गरमाई हुई है. शिवसेना नेता बीजेपी पर आरोप लगाते नहीं थकते तो वहीं बीजेपी नेता भी पलटवार में देर नहीं लगाते. हाल ही शिवसेना नेता सजाय राउत ने बीजेपी नेता किरीट सोमैया पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. संजय राउत द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार करते हुए कहा कि, ‘किरीट के खिलाफ कोई सबूत नहीं पेश कर पाई है. ऐसे में ये सब आरोप केवल आरोप मात्र है.’ देवेंद्र फडणवीस का तो सवाल खड़ा करना था और शिवसेना नेता देरी ना लगाते हुए किरीट सोमैया पर वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगा दिया. संजय राउत ने कहा कि, ‘आईएनएस विक्रांत को बचाने के अभियान के तहत लोगों से किरीट सोमैया ने लगभग 50 करोड़ रुपये जमा किए थे, लेकिन वह पैसा उन्होंने राज्य के राजकोष में जमा नहीं किया था.’
बुधवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संजय राउत पर निशाना साधते हुए कहा था कि, ‘संजय राउत ने अब तक किरीट सोमैया के खिलाफ कोई सबूत नहीं दिया है. वे किरीट और उसके बेटे के खिलाफ कार्रवाई करने की पूरी कोशिश करते हैं. जब वे हमारे नेताओं के आवास पर अधिकारियों को भेजते हैं, भले ही उनकी कोई गलती न हो, हम कहते हैं कि हम अदालत जाएंगे क्योंकि हमें इस पर भरोसा है. लेकिन जब ईडी सबूतों के आधार पर कार्रवाई करता है, तो वे बुरे होते हैं. मुझे लगता है कि उन्हें इन सब के लिए सफाई देनी चाहिए.’
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देवेंद्र फडणवीस द्वारा उठाये गए सवालों का पलटवार करते हुए संजय राउत ने राष्ट्रीय राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सबूत होने का दावा किया. संजय राउत ने बुधवार को किरीट सोमैया पर वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘किरीट सोमैया ने आईएनएस विक्रांत को बचाने के अभियान के तहत लोगों से लगभग 50 करोड़ रुपये जमा किए थे, लेकिन वह पैसा उन्होंने राज्य के राजकोष में जमा नहीं किया था. राउत ने सोमैया के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार से जांच की मांग करते हुए दावा किया कि, ‘यह केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), आयकर (आईटी) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच के लिए उपयुक्त मामला है.’
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए संजय राउत ने कहा कि, ‘पाकिस्तान के खिलाफ हुए 1971 के युद्ध में, भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस विक्रांत ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जब आईएनएस विक्रांत की स्थिति खराब हो गई और इसे बनाए रखना मुश्किल हो गया, तो इसे संग्रहालय में बदलने के लिए अभियान चलाया गया था. इस संग्रहालय के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये की आवश्यकता थी, और केंद्र या राज्य सरकारें वित्तीय सहायता प्रदान नहीं कर सकती थीं. ऐसे में आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए देश भर में अभियान चल रहे थे. महाराष्ट्र से पार्टी के सभी नेता दिल्ली आते थे और तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी या प्रधानमंत्री से मिलते थे. किरीट सोमैया भी उसी अभियान का हिस्सा हुआ करते थे.’
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संजय राउत ने सोमैया पर आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘किरीट सोमैया ने आईएनएस विक्रांत के लिए धन जुटाने के लिए एक अभियान शुरू किया. सोमैया ने अपने स्वयंसेवकों की मदद से लोगों से टी-शर्ट और जर्सी पहनकर और मुंबई एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनों पर जाकर ‘सेव विक्रांत’ के लिए पैसे इकट्ठा करने की अपील की. उस समय कई लोगों ने आईएनएस विक्रांत के नाम पर लाखों और करोड़ों रुपये का दान दिया था. तीन-चार लोगों ने कल मुझे फोन किया और कहा कि उन्होंने नेवी नगर, चर्च गेट और चेंबूर में 5,000 और 10,000 रुपये का दान दिया है. आईएनएस विक्रांत के लिए 50 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की गई लेकिन राजभवन से मिली जानकारी में कहा गया कि एक पैसा भी जमा नहीं किया गया.’
इसके साथ ही संजय राउत ने कहा कि, ‘यह राशि बोफोर्स, अगस्ता वेस्टलैंड्स या राफेल घोटालों से कम हो सकती है, लेकिन यह देश की सुरक्षा से जुड़ी है. महाराष्ट्र सरकार इस मामले की जांच करेगी. लेकिन यह केंद्र सरकार की भी जिम्मेदारी है. मैं आयकर और सीबीआई से जांच कराने की अपील करता हूं. यह सीधे तौर पर देशद्रोह का मामला है.’