जब लड़ने की थी जरुरत तो दुम दबाकर भाग गए, मेरे रहते नहीं होगी वापसी- दलबदलुओं को प्रियंका की दो टूक

उत्तरप्रदेश का चुनावी रण, प्रियंका गांधी ने दिए बड़े संकेत, बागी नेताओं को नहीं होगी घर वापसी, बोलीं- लड़ने के लिए चाहिए हिम्मत, इस चुनाव में कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ता और पदाधिकारी लड़े हिम्मत से, पार्टी के पदों पर उनका हक' जितिन प्रसाद और आरपीएन सिंह समेत अन्य नेताओं को दो टूक

दलबदलुओं को प्रियंका की दो टूक
दलबदलुओं को प्रियंका की दो टूक

Politalks.News/PriyankaGandhi. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव का घमासान अब अपने अंतिम चरण में है. 6 चरणों का मतदान पूरा हो चुका है और 7 मार्च को प्रदेश की 9 जिलों की 54 विधानसभा सीटों पर सातवें चरण का मतदान होगा. ऐसे में सभी सियासी दल अब आखिरी चरण के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए बैठे हैं. वहीं राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा शुरू हो चुकी है 10 मार्च को चुनावी नतीजे आने के बाद कई नेता घर वापसी की राह पर चल पड़ेंगे. इसी बीच पार्टी छोड़ अन्य दलों में गए कांग्रेस नेताओं को लेकर प्रियंका गांधी की तरफ से दो टूक बयान सामने आया है. प्रियंका गांधी ने एक निजी चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि, ‘जब लड़ने की जरुरत थी तब कुछ नेता दुम दबाकर भाग गए और ऐसे लोगों के लिए पार्टी के दरवाजे अब बंद हो चुके हैं.’

यूपी चुनाव से पहले दलबदल की राजनीति अपने चरम पर थी. कई दिग्गजों ने अपनी पार्टी का दामन छोड़ अन्य दलों की गोदी में जा बैठे. सियासी जानकारों का कहना है कि, अब सभी दलबदलू नेताओं की नजर चुनावी नतीजों पर जाकर टिक चुकी है. ऐसे में कांग्रेस के भी कई नेता पार्टी का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए. इनमें प्रमुख नाम जितिन प्रसाद और RPN सिंह का शामिल है. अब ऐसे दल बदलू नेताओं को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बड़ा बयान दिया है. प्रियंका गांधी ने निजी न्यूज़ चैनल ABP गंगा को दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि, ‘पार्टी छोड़ने वाले नेताओं में लड़ने की हिम्मत नहीं थी.’

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इंटरव्यू के दौरान जब प्रियंका गांधी से सवाल पूछा गया कि, ‘क्या चुनावी नतीजों के सामने आने के बाद पार्टी छोड़कर गए नेता वापस आएंगे तो क्या उनके लिए रास्ता खुला है?’ इस सवाल का जवाब देते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि, ‘बिल्कुल नहीं. मैं बहुत बड़ी बात कह रही हूं. जो इन परिस्थितियों में पार्टी को छोड़कर चले जाएं. जिनमें लड़ने की हिम्मत नहीं है, उसके लिए अब पार्टी में कोई जगह नहीं हैं, खासकर उत्तर प्रदेश में जबतक मैं प्रभारी हूं, ऐसे लोगों के लिए पार्टी के दरवाजे बंद हैं. जब हिम्मत चाहिए थी लड़ने के लिए, जब आपको लड़ना चाहिए था, तब आप दुम दबाकर भाग गए. अब आपको फिर से जगह मिलनी चाहिए.’

प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि, ‘वर्तमान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ता और पदाधिकारी हिम्मत से लड़े हैं. पार्टी के सारे पद हैं, सब उन्हीं के हैं. उनका हक है उस पर, क्योंकि वो लड़े हैं और आपमें लड़ने की हिम्मत नहीं थी. जबतक मैं प्रभारी हूं तब तक मैं उन्हें किसी कीमत पर पार्टी में नहीं लूंगी.’ एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि, ‘ जो लोग चले गए हैं, उनमें हिम्मत नहीं थी. लड़ने के लिए हिम्मत चाहिए होती है. मुझे ही हिरासत में ले लेते हैं बंद कर देते हैं और ये यह सब होता रहता है. अगर उनमें हिम्मत नहीं है लड़ाई लड़ने की तो अच्छा है कि कहीं और चले जाएं.’

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प्रियंका गांधी ने इंटरव्यू के दौरान के कहा कि, ‘ऐसी फीलिंग भी थी कि कुछ नेताओं को ज्यादा मौके मिले. अब उनके जाने के बाद संघर्षशील कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को मौके मिलेंगे.’ यहां आपको बता दें कि, उत्तर प्रदेश से आने वाले कांग्रेस के कई नेताओं ने पिछले दिनों पार्टी छोड़कर बीजेपी की सदस्यता ले ली. इनमें पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद और आरपीएन सिंह का नाम प्रमुख है. कांग्रेस छोड़कर जाने वाले जितिन प्रसाद को बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में मंत्री बनाया था. वहीं जब प्रियंका गांधी कांग्रेस में सक्रिय हुईं तो उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था. पश्चिम उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्या सिंधिया बनाए गए थे. लेकिन वो भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में वापस इन नेताओं के पार्टी में शामिल होने के सवाल पर प्रियंका गांधी ने विराम लगा दिया है.

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