Politalks.News/WestBengal/Benerjee. एक लंबी चुप्पी के बाद पिछले चार दिनों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी के एक के बाद एक बयान मीडिया की सुर्खियां बने हुए हैं. ‘2024 में भाजपा को सत्ता से बेदखल करना मेरी आखिरी जंग’ और ‘पता होता राजनीति इतनी गंदी हो जाएगी तो कभी नहीं आती‘ के बाद तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को लेकर एक बयान देकर राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया है. मोदी सरकार से जारी घमासान के बीच सीएम बनर्जी ने परोक्ष रूप से आरएसएस की तारीफ करते हुए कहा कि आरएसएस में सभी बुरे नहीं हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस बयान ने देशभर में विपक्षी दलों की सियासत को गरमा दिया है. ममता के इस बयान के बाद कांग्रेस से लेकर सीपीआई (एम) और AIMIM तक कई विपक्षी दल उनपर हमलावर हो गए हैं. विपक्ष ने ममता बनर्जी को एक अवसरवादी नेता करार दिया है. वहीं बीजेपी ने यहां तक कह दिया कि हमें ममता बनर्जी से किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.
दरअसल, बीते से बीते रोज बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि, ‘आरएसएस पहले इतना बुरा नहीं था,मैं नहीं मानती कि वे (आरएसएस) बुरे हैं. आरएसएस में कई अच्छे लोग हैं और वे सब भाजपा का समर्थन नहीं करते हैं.’ ममता के इस बयान के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ममता बनर्जी के खिलाफ सबसे तेज हमला किया. औवेसी ने कहा, ‘2003 में भी उन्होंने आरएसएस को देशभक्त कहा था और बदले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उन्हें दुर्गा कहा था.’
यहां आपको बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी पिछले विधानसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में भी एक सीट तक नहीं जीत सकी थी. उस चुनाव में ओवैसी ने खुद को टीएमसी और भाजपा दोनों के ही विरोध में खड़ा किया था. आरएसएस पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि वह “हिंदू राष्ट्र” चाहते हैं. ओवैसी ने कहा कि ममता बनर्जी ने गुजरात दंगों के बाद संसद में भाजपा सरकार का बचाव किया था. एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, “उम्मीद है कि टीएमसी के मुस्लिम चेहरे उनकी ईमानदारी और निरंतरता के लिए उनकी प्रशंसा करेंगे.’
यह भी पढ़ें: सीधे बोल दीजिए मुसलमान मत रहिए, कुरान मत पढ़िए- सर्वे वाले योगी सरकार के आदेश पर भड़के ओवैसी
वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरएसएस को लेकर दिए गए इस बयान पर पश्चिम बंगाल कांग्रेस के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, ‘यह पहली बार नहीं है कि ममता बनर्जी ने आरएसएस की प्रशंसा की है.’ ओवैसी की टिप्पणी को दोहराते हुए चौधरी ने कहा ‘ममता बनर्जी ने आरएसएस के एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में भाग लिया था, उन्होंने तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार को गिराने के लिए आरएसएस का समर्थन मांगा था. इससे पहले भी ममता ने उस आरएसएस के प्रति आभार व्यक्त किया था, जिसे भाजपा का वैचारिक जनक माना जाता है.’ इसके साथ ही माकपा ने भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह आरएसएस के लिए दुर्गा की भूमिका निभा रही हैं. माकपा नेता मोहम्मद सलीम ने कहा, आरएसएस ने उन्हें दुर्गा कहा और वह आरएसएस के लिए दुर्गा की भूमिका निभा रही हैं.’
उधर, संघ ने भी टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी द्वारा की गई तारीफ को दरकिनार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को राज्य में राजनीतिक हिंसा रोकने पर काम करना चाहिए. संघ के बंगाल महासचिव जिश्नू बसू ने कहा, ममता ने कहा है कि आरएसएस में कुछ अच्छे लोग हैं. हम उन्हें बताना चाहते हैं कि राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि विपक्षियों की हत्या की जाए. बसू ने दावा किया है कि चुनाव से पहले हिंसा में 60 लोगों की हत्या की गई. उन्होंने कहा, ममता बनर्जी को राज्य में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना चाहिए.
यह भी पढ़ें: पता होता इतनी गंदी हो जाएगी तो मैं राजनीति में कभी नही आती- भतीजे को ED के समन पर बोलीं बनर्जी
वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि न ही आरएसएस को और न ही बीजेपी को ममता बनर्जी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत है. घोष ने कहा, हमें ममता बनर्जी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है कि हम सही या हैं या गलत. यह लोगों को तय करने दीजिए.