Politalks.News/UttarPradesh. उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर उबाल आया हुआ है. दरअसल योगी आदित्यनाथ सरकार ने मदरसों की शिक्षा व्यवस्था को लेकर सभी जिलों के डीएम को सर्वे कराने का निर्देश दिया है, वहीं सहायता प्राप्त मदरसों के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के स्थानांतरण की अनुमति देने वाला एक आदेश भी पारित किया. इसके साथ ही योगी सरकार ने निर्देश दिए हैं कि राज्य मदरसा बोर्ड की महिला स्टाफ को भी अब मैटरनिटी और चाइल्ड केयर लीव दी जाएगी. इसी बीच योगी सरकार के मदरसों के सर्वे वाले आदेश पर भड़के एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये तो छोटा NRC है. ओवैसी ने आगे कहा कि, ‘ऑर्डर जारी करके सीधा बोल दीजिए कि मुसलमान मत रहिए, कुरान मत पढ़िए, ये सर्वे नहीं बल्कि छोटा एनआरसी है.’
इससे पहले योगी सरकार में राज्य मंत्री (अल्पसंख्यक कल्याण) दानिश रजा ने बुधवार को मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि मदरसों के स्टाफ और शिक्षकों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद यह निर्णय लिया गया है. रजा ने कहा, “मदरसों के प्रबंधकों की मंजूरी और रजिस्ट्रार, यूपी मदरसा शिक्षा परिषद की मंजूरी के साथ सहायता प्राप्त मदरसों के शिक्षकों / गैर-शिक्षण कर्मचारियों को स्थानांतरित करने के लिए एक कार्यकारी आदेश जारी किया गया है.” रजा ने बताया कि, ‘अभी तक बोर्ड में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ के सदस्यों के ट्रांसफर की इजाजत नहीं थी. जो नए आदेश के बाद लागू कर दी गई है.’
दानिश रजा ने आगे कहा कि सरकार ने राज्य में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करने का भी ऐलान किया है, ताकि शिक्षकों की संख्या, पाठ्यक्रम और वहां उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं के बारे में जानकारी जुटाई जा सके. मदरसों में छात्रों को बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता के संबंध में सरकार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की आवश्यकता के अनुसार सर्वेक्षण करेगी. वहीं न्यूज एजेंसी पीटीआई ने मंत्री के हवाले से बताया कि ये सर्वेक्षण बहुत ही जल्द ही शुरू होगा.
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योगी आदित्यनाथ सरकार के इस आदेश पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ऐसे कई मदरसे हैं जो प्राइवेट हैं और जिनका न कोई सरकार से लेना-देना है और न ही सरकार उनको कुछ फंडिंग करती है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि संविधान के मुताबिक भी मुझे ये अधिकार हासिल है कि मैं अपने मदरसे खोलूं और शैक्षणिक संस्थान खोलूं, इसमें सरकार क्यों दखल देगी. ओवैसी ने सरकार से सवाल किया कि वे सर्वे क्यों करना चाहते हैं. क्या वे उनको सैलरी दे रहे हैं और उनका क्या लेना-देना है. ओवैसी ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि, “ऑर्डर जारी करके सीधा बोल दीजिए कि मुसलमान मत रहिए, कुरान मत पढ़िए. ये सर्वे नहीं बल्कि छोटा एनआरसी है.”
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आपको फिर बता दें कि योगी सरकार ने सभी गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे 5 अक्टूबर तक कराने के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं. सर्वे का काम पूरा होने के बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी. सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिले की सर्वे रिपोर्ट सरकार को 25 अक्टूबर तक भेजनी है. राज्य मंत्री (अल्पसंख्यक कल्याण) दानिश रजा ने इस मामले की जानकारी देते हुए कहा कि मदरसों में स्टाफ सदस्यों और शिक्षकों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद निर्णय लिया गया. वहीं, अब यूपी सरकार के सर्वे के इस आदेश पर सियासत गरमाने लगी है. असदुद्दीन ओवैसी ने गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे कराने के यूपी सरकार के इसी आदेश पर आपत्ति जताई है.