Politalks.News/Rajathan. पिछले कुछ दिनों में देश में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां लोगों के साथ मारपीट और दुकानदारों के साथ दुर्व्यवहार की शिकायत की जा रही है. इंदौर में चूड़ी वाले की पिटाई, मथुरा में डोसे वाले की दुकान से बैनर उतरवाने, उज्जैन में एक कबाड़ व्यापारी के साथ दुर्व्यवहार हो या नीमच में एक व्यक्ति को चोरी के आरोप में गाड़ी के पीछे बांधकर खींचा जाना. इन घटनाओं के वीडियो अब सोशल मीडया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं. महात्मा गांधी के देश में ऐसी घटनाएं होने से मारवाड़ के गांधी सीएम अशोक गहलोत काफी नाराज हैं. देश में एकाएक बढ़ी ऐसी घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट के जरिये उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश सरकारों पर निशाना साधा है. सीएम गहलोत ने एक के बाद एक 3 ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘धर्म के आधार पर इन राज्यों में गरीब फुटकर रोजगार वाले लोगों और मजदूरों के साथ मारपीट की जा रही है, चेतावनी देते हुए सीएम ने लिखा कि, ‘राजस्थान में ये सब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा’. सीएम गहलोत के इस के ट्वीट पर कटाक्ष करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पूछा कि, ‘राजस्थान का गृहमंत्री कौन है. और यहां की घटनाओं की जिम्मेदारी कौन लेगा?’. तो उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री जी पड़ोसी राज्यों के बारे में चिंता व्यक्त करने से पहले अपने घर को तो संभाल लें.
‘स्थिति चिंताजनक, सरकारें क्यों नहीं कर रही कार्रवाई’- गहलोत
सबसे पहले आपको बताते हैं कि क्या कुछ कहा सीएम गहलोत ने, सीएम गहलोत ने यूपी और मध्यप्रदेश की सरकारों पर निशाना साधते हुए बयान दिया है कि, ‘सोशल मीडिया पर मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश से लगातार ऐसे वीडियो आ रहे हैं जहां धर्म के आधार पर गरीब दिहाड़ी मजदूरों, ठेला लगाने वाले और रेहड़ी-पटरी वालों के साथ मारपीट की जा रही है’. सीएम गहलोत ने चिंता जताते हुए कहा कि, ‘यह स्थिति और भी चिंताजनक है कि ऐसी घटनाओं पर वहां की सरकारें कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं’
‘राजस्थान में ऐसी घटना नहीं होगी बर्दाश्त’
सीएम गहलोत ने इन घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा है कि, ‘घटना होना एक बात है लेकिन इन पर कार्रवाई ना कर सांप्रदायिकता को बढ़ावा दिया जा रहा है. यह संविधान के आर्टिकल 15 एवं आर्टिकल 25 का भी उल्लंघन है. भारत जैसे पंथनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश में ऐसी घटना होना और उन पर पुख्ता कार्रवाई ना होना बेहद दुखद है’. सीएम गहलोत ने चेतावनी देते हुए कहा कि, ‘राजस्थान में ऐसी किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने का प्रयास करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी’
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‘आपके राज में राजस्थान ‘अपराधिस्थान’ हो गया है’- पूनियां
अब सीएम के इस बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने तल्ख अंदाज में सवाल पूछते हुए ट्वीट किया और कहा कि, ‘राजस्थान का गृहमंत्री कौन है?. राजस्थान में जो घटित हो रहा है उसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा?. आप दूसरे प्रदेशों की फ़िक्र कर रहे हो. अपना घर तो संभाल लो’. सतीश पूनियां ने तंज कसते हुए लिखा कि, ‘आपके राज में राजस्थान ‘अपराधिस्थान’ हो गया है, जनता त्रस्त है, अपराधी मस्त हैं. ‘आम जन में भय है-अपराधियों में विश्वास हैं’.
‘अपने आकाओं को खुश करने के लिए लगे रहते हैं गहलोत’
प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘झालावाड़ में कृष्णा वाल्मीकि, अलवर में हरीश जाटव, दौसा में शंभु पुजारी जैसे दर्जनों निर्दोंष लोगों के साथ हुई लिंचिंग की घटनाएं कांग्रेस शासित राजस्थान में कानून व्यवस्था की बदहाली का सबूत हैं, लेकिन गहलोत अपनी जिम्मेदारी से बचते हुये दूसरे प्रदेश की घटनाओं पर प्रतिक्रिया देकर अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने में लगे रहते हैं’. पूनियां ने कहा कि, ‘हकीकत यह है कि कांग्रेस के शासनकाल में ढाई वर्षों में राजस्थान में जंगलराज व्याप्त हो गया है’, सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए पूनियां ने कहा कि, ‘अशोक गहलोत की प्राथमिकता अपनी कुर्सी बचाना है, महिलाओं, बहन-बेटियों की सुरक्षा करना नहीं है, एम्बुलेंस, अस्पताल में भी बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं’ सतीश पूनियां ने गहलोत और राहुल गांधी पर सवाल पूछा कि, ‘अशोक गहलोत, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को दूसरे राज्यों में अपराध नजर आते हैं, लेकिन उन्हें राजस्थान में बहन-बेटियों व दलित-आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार क्यों दिखाई नहीं देते हैं’
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‘पड़ोसी राज्यों की चिंता छोड़े घर को तो संभाल लें’- राठौड़
वहीं गहलोत सरकार पर वार करने का कोई भी मौका नहीं चूकने वाले राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के दिग्गज नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री जी पड़ोसी राज्यों के बारे में चिंता व्यक्त करने से पहले अपने घर को तो संभाल लें. राजस्थान और अन्य राज्यों में घटित अपराधों की तुलना करने पर तस्वीर स्वतः ही साफ हो रही है कि प्रदेश में अपराधों की बाढ़ आ गई है. गृह विभाग के मुखिया होने के नाते अपराध पर लगाम लगाएं’.
गांधी के देश में हिंसा का नहीं कोई स्थान
देश में बढ़ती भीड़ की हिंसा और दलितों पर अत्याचार पर जहां सीएम गहलोत ने चिंता जताई है. वहीं कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर हमलावर रहने वाली बीजेपी ने गहलोत और उनकी सरकार को आड़े हाथ लिया है. सियासी बयानबाजी के बीच सवाल तो बनता ही है कि महात्मा गांधी के इस देश में हिंसा की क्या जगह बनती है. क्या एक आदमी अपने पापी पेट और परिवार को पालने के लिए कुछ काम करता है तो क्या वह गलत है. क्या एक आदमी सिर्फ धर्म या अपनी जात बताकर ही अपनी रोजी रोटी के लिए काम कर सकता है. शायद ऐसे भारत का सपना ना महात्मा गांधी ने देखा था ना भगत सिंह ने, भगत सिंह और महात्मा गांधी ने तो उस समय भविष्य के उस भारत की तस्वीर देखी थी जिसमें हर धर्म के लोग आपसी भेदभाव को भूल देश के लिए आगे बड़े और देश के लिए काम करे. लेकिन जिस तरह की धार्मिक उन्माद की तस्वीर आज इस देश में देखने को मिल रही है वह किसी से छिपी नहीं है. इसी कड़ी में इस बार एक चूड़ी बेचने वाला व्यक्ति इस धार्मिक उन्माद को फ़ैलाने वाले लोगों के निशाने पर आ गया. उसका जुल्म सिर्फ ये था कि वह हिन्दू इलाके में चूड़ी बेच रहा था. इस पुरे मामले में राजस्थान के गांधी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आवाज बुलंद करते हुए जहां इस तरह की घटनाओं की निंदा की है.