जब चायवाला PM बन सकता है तो सौ करोड़ का ठेका क्यों नहीं ले सकता?- उद्धव सरकार का BJP को जवाब

महाराष्ट्र में चाय वाले पर 'सियासी संग्राम', 100 करोड़ के कोविड सेंटर को लेकर राजनीति परवान पर, सोशल मीडिया में कुछ कागजात शेयर कर किरीट सोमैया ने उद्धव सरकार को घेरा, संजय राऊत पर ठेका दिलवाने का लगाया आरोप, ठेका लेने वाले राजीव बोले- जब चाय वाला बन सकता है प्रधानमंत्री तो….

महाराष्ट्र में चाय वाले पर 'सियासी संग्राम'
महाराष्ट्र में चाय वाले पर 'सियासी संग्राम'

Politalks.News/Maharashatra. महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में किरीट सोमैया (Kirit Somaiya) ऐसे व्यक्ति हैं जो महाविकास अघाड़ी (Mahavikas Aghadi Sarkaar) यानी उद्धव सरकार के मंत्रियों और नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर मोर्चा खोले हुए हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने राज्य सरकार पर एक बड़ा आरोप लगाया है. शनिवार को कुछ दस्तावेज सोशल मीडिया में शेयर कर किरीट ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे सरकार ने 100 करोड़ के कोविड सेंटर्स का कांट्रैक्ट एक चायवाले को दे (Thackerey Govt Of Misusing Public Fund During Covid) दिया था. सोमैया ने यह भी आरोप लगाया है कि जिस कंपनी को यह ठेका दिया गया वह सरकार द्वारा ब्लैकलिस्टेड भी है..

रसूख और सरकार में पहचाने के बल पर ठेका हुआ एलॉट- सोमैया
भाजपा नेता सोमैया ने कहा कि, ‘रसूख और सरकार में पहचाने के बल पर यह ठेका एलॉट कर दिया गया है’. किरीट के मुताबिक, लाइफलाइन हास्पिटल मैनेजेमेंट सर्विसेस कंपनी को 100 करोड़ में कोविड सेंटर बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इस कंपनी का मेजर पार्टनर राजीव सालुंके नाम का एक शख्स है. राजीव, सहादारी रिफ्रेशमेंट नाम की कंपनी का मालिक है. उनकी मुंबई और पुणे में कुछ होटल्स चलते हैं. राजीव ने अपने करियर की शुरुआत एक चायवाले के रूप में की थी’.

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तो क्या इसलिए मिला राजीव सालुंके को टेंडर?
बीजेपी नेता किरीट सौमैया ने आरोप लगाया है कि, ‘चायवाले राजीव सालुंके को सिर्फ इसलिए यह टेंडर दिया गया है क्योंकि उसके पार्टनर संजय राउत हैं, सोमैया ने कहा कि, ‘संजय राउत का सरकार में प्रभाव है और उनके कहने अपर ही यह टेंडर मैनेज हुए हैं, एक ब्लैकलिस्टेड कंपनी को ठेका देना सरकार का भ्रष्टाचार वाला चेहरा उजागर होता है. कोविड जैसे संवेदनशील मामले में भ्रष्टाचार पर जनता जवाबदेही तय करेगी’. भाजपा नेता किरीट सोमैया ने टेंडर के कागजात सोशल मीडिया में शेयर कर गंभीर आरोप लगाए हैं.

चायवाले को खोजने गए खुद किरीट सोमैया
सोशल मीडिया में कुछ कागजात शेयर करने के बाद किरीट सोमैया परेल स्थित सह्याद्री होटल पहुंचे और चायवाले यानी राजीव सालुंके से मुलाकात का प्रयास किया. हालांकि, राजीव वहां मौजूद नहीं थे. इस घटना के बाद राजीव ने एक मराठी न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि, ‘किरीट सोमैया झूठे आरोप लगा रहे थे और उन्होंने पूरे नियमों को पूरा करने के बाद ही सही ढंग से टेंडर मिला है’.

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राजीव बोले- जब चायवाला देश का PM बन सकता है, तो क्या ठेका नहीं ले सकता
राजीव ने कहा कि,’हमने चोरी नहीं की है, हमने सही ढंग से टेंडर लिया है, मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्यों झूठी खबर दी है? मेरा होटल 70 साल पुराना है. हो सकता है कि किरीट सोमैया का जन्म इस समय न हुआ हो. सोमैया द्वारा लगाए गए आरोप झूठे हैं. अगर चायवाला देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं, तो इतने सालों से कारोबार करने वाला व्यक्ति लोगों की सेवा के लिए कोविड सेंटर क्यों नहीं चला सकता? मेरे ही घर में कोरोना काल में पांच लोगों की मौत हो चुकी है. मैं सिर्फ सेवा करना चाहता था. सोमैया अब हम पर आरोप लगा रही हैं और हमें परेशान करने की कोशिश कर रही हैं, मैं फिलहाल इस संबंध में वकीलों से सलाह मशविरा कर रहा हू’.

नेता नहीं जिलाधिकारी ने दिया कांट्रेक्ट- अजित पवार की सफाई
सोमैया के आरोपों पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि, ‘किसी भी राजनेता का कोविड सेंटर के काम से कोई लेना-देना नहीं है. इसमें जिलाधिकारी सौरव राव समेत कुछ अधिकारी शामिल थे. उनसे कहा गया कि वे जो कुछ भी करना चाहते हैं, उसे बहुत ही पारदर्शी तरीके से करें, गलत तरीके से नहीं’.

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