Ashok Gehlot on BJP & Modi Government: राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने और इस पर कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद बीजेपी उनके बयान को ओबीसी समुदाय का अपमान बताते हुए देशव्यापी आंदोलन करने की तैयारी में है. हालांकि ये बात जरूर है कि बीजेपी को इस बात की याद तीन साल बाद आई है जब गुजरात की एक निचली अदालत ने राहुल गांधी को दोषी मानते हुए ‘मोदी सरनेम वाले सभी …’ बयान पर सजा सुनाई. वहीं अब इस मामले पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने करारा हमला बोलते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर एक कम्युनिटी को भड़काने का आरोप जड़ा है. सीएम गहलोत ने कहा कि जो लोग देश छोड़कर भागे हैं, क्या वे ओबीसी हैं, नीरव मोदी, ललित मोदी क्या ओबीसी के हैं? आप नीरव मोदी, ललित मोदी को क्यों बचा रहे हो?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी वाले अब ओबीसी के अपमान का मुद्दा बनाकर लाए हैं. 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों में उन्होंने जो प्ले कार्ड खेला था, वह कार्ड अब भी खेलना चाहते हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि बीजेपी ने तय किया है कि आने वाले 6 अप्रैल से ये लोग ओबीसी के बीच अभियान चलाएंगे. बीजेपी के लोग अभियान में ये मुद्दा बनाएंगे कि ओबीसी की बेइज्जती कर दी. जो लोग देश छोड़कर भागे हैं, क्या वे ओबीसी हैं. नीरव मोदी, ललित मोदी क्या ओबीसी के हैं. उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि आप नीरव मोदी, ललित मोदी को क्यों बचा रहे हो.
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कांग्रेस ने ओबीसी को जो दिया है, कोई सोच भी सकता
सीएम गहलोत ने कहा कि कांग्रेस ने ओबीसी, एससी, एसटी को जो दिया है, न कोई सोच सकता है और न दे सकता है. आजादी के वक्त से ही कांग्रेस वंचित-गरीब के साथ रही है. राजीव गांधी पीएम बनते ही आदिवासियों के बीच गए थे. यह बताने के लिए कि उनकी पार्टी सबसे गरीब आदमी के लिए काम करती है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि मैं ओबीसी का हूं और तीन बार से मुख्यमंत्री हूं. मेरी कम्युनिटी का विधानसभा में एक ही मेंबर है और वो मैं खुद हूं, फिर भी बार-बार मुख्यमंत्री बनता हूं. ओबीसी के लिए इससे बड़ा और क्या मैसेज हो सकता है.
आगे सीएम गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये किस मुंह से ओबीसी की बात कर रहे हैं. ये ओबीसी को भड़काने के लिए ऐसी बातें कर रहे हैं क्योंकि कर्नाटक में चुनाव आ रहे हैं. ये खतरनाक लोग हैं. इनका लोकतंत्र में कोई विश्वास नहीं है. ये फासिस्ट लोग हैं. राज करने के लिए खाली लोकतंत्र का मुखौटा पहन रखा है.
राहुल की लोकप्रियता बढ़ती देख किया षड्यंत्र
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा एक रूट पर थी, लेकिन उसका मैसेज पूरे देश में गया. मुद्दा बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, गरीब-अमीर की बढ़ती खाई और देश में भाईचारा बढ़ाना था. केंद्र सरकार के पास अवसर था कि इन मुद्दों पर काम करके सुधार करते. यात्रा के बाद राहुल गांधी की लोकप्रियता बढ़ रही थी, इसलिए केंद्र ने षड्यंत्र किया. गहलोत ने कहा कि मेरे 50 साल के राजनीतिक करियर में कभी यह नहीं देखा कि जब पीएम पर विपक्ष ने आरोप लगाए हों और जवाब नहीं दें. यह पहली घटना है. प्रधानमंत्री आरोपों का जवाब देने की जगह अडाणी का नाम तक नहीं ले रहे हैं.
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सीएम गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी ने देश की आवाज उठाई है. उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि संसद में रहें या न रहें, वे डरने वाले नहीं हैं. रुकने वाले नहीं हैं. अब हमारी ड्यूटी बनती है कि राहुल गांधी की भावना को आगे बढ़ाएं . राहुल गांधी को संसद से निष्कासित करके इन्होंने विपक्ष को एकजुट होने का मौका दे दिया है.
माफी तो पीएम मोदी को मांगनी चाहिए
राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मौन धारण कर रखा है. अडाणी पर कुछ तो जवाब देते. राहुल गांधी पर आरोप लगाए कि लंदन में क्या बोल गए. पीएम मोदी ने कोरिया, जर्मनी में देश के बारे में क्या-क्या बोला, माफी तो पीएम को मांगनी चाहिए. राहुल गांधी नई बात क्या बोली. यह तो बोलेंगे ही. सीएम ने कहा कि बीजेपी ने उस मुद्दे पर जिस प्रकार माहौल बनाने का प्रयास किया तो राहुल गांधी ने संसद में अपनी बात रखने के लिए अनुरोध किया. जब किसी सांसद पर आप आरोप लगाओगे तो वह अपनी बात तो रखेगा ही. स्पीकर ने उनके अनुरोध की परवाह नहीं की. प्रधानमंत्री ने जो माहौल बना रखा है, उसमें स्पीकर, राष्ट्रपति कोई हो उसके आगे किसी में सच कहने का साहस नहीं है.