Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में भाजपा नेताओं की जुबान जहर उगल रही है. एक के बाद एक विवादित और अमर्यादित बयानों की झड़ी सी लग गई है. भारतीय जनता पार्टी में क्या ‘प्रधान’, क्या विधायक और क्या जिला प्रमुख सभी की जुबानें बेलगाम हो चली हैं. भाजपा नेताओं ने तो जैसे अमर्यादित और विवादित बयान देने का पेटेंट अपने नाम करवा लिया है. इसमें सबसे पहला नाम आता है खुद प्रदेश भाजपा के प्रधान यानी प्रदेशाध्यक्ष और बड़बोले नेता समझे जाने वाले सतीश पूनियां का. इनके अलावा कुछ और नेता भी हैं जिनके बयानों को कांग्रेस हाथों-हाथ मुद्दा बनाती है उनमें नाम आता है गुलाबचंद कटारिया और मदन दिलावर का. आए दिन इनके बयान मुद्दा बनते हैं और ये नेता माफी भी मांगते देखे गए हैं. इनसे आगे बढ़ते हैं तो हाल ही में बीजेपी में घर वापसी कर नए-नए जिला प्रमुख बने जगत सिंह ने भरी मीटिंग में ही ‘जूता पाठ’ पढ़ा दिया. तो आइए एक नजर डालते हैं उन बयानों पर जिन्होने भाजपा को बैकफुट पर धकेल दिया है. राजनीतिक टिप्पणीकार कहते हैं कि जब प्रधान (अध्यक्ष) ही ऐसे बयान देगा तो छोटे नेताओं की तो क्या बिसात है?
पूनियां के बेतुके बोल- ‘गहलोत तेरी कब्र खुदेगी, नाथी तेरे बाड़े में’
सबसे पहले बात करते हैं बीजेपी प्रदेश के ‘प्रधान’ सतीश पूनियां की. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने आज युवा मोर्चा के प्रदर्शन के दौरान बेतुका नारा लगवा दिया- ‘गहलोत तेरी कब्र खुदेगी, नाथी तेरे बाड़े में’, जयपुर में हुए युवा मोर्चा के प्रदर्शन के दौरान पूनियां ने नारा लगवाया है. जो कि अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. हालही में जिला परिषद के चुनाव परिणाम के दिन भी पूनियां ने सीएम गहलोत को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी. जिसमें वे अति-उत्साह में बोलते सुनाई दे रहे थे कि गहलोत हार गया जोधपुर से हार गया, हालांकि इसको लेकर पूनियां की काफी थूं-थूं भी हुई थी. यहां तक कि विधानसभा में भी इस मामले की गूंज सुनाई दी थी.
….हूं बकरे की तरह उलटा लटका देता हूं- दिलावर
भाजपा के दूसरे ‘बयानवीर’ हैं रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर. शनिवार को दिलावर विधानसभा क्षेत्र के गांव मंडा में ‘प्रशासन गांव के संग‘ शिविर में पहुंचे थे. इस दौरान जब सरपंच और ग्रामीणों ने गांव के विकास के लिए विधायक कोष से राशि देने की मांग की, तो विधायक ने यह कहते हुए कोष देने से इनकार कर दिया कि वे पहले ही उनके क्षेत्र के लिए कोष जारी कर चुके हैं. इसके बाद ग्रामीणों ने जब विरोध किया तो उन्होंने अपनी जाति बताते हुए ग्रामीणों को धमकाने की कोशिश की. दिलावर ने कहा कि, ‘मैं खटीक हूं, बकरे की तरह उल्टा लटका देता हूं’. इस पर ग्रामीणों ने भी कहा- ‘हम भी गुर्जर है, लट्ठ रखते हैं‘. जातिवादी शब्दों के प्रयोग के बाद यहां तल्खी और बढ़ गई. इसी बीच पुलिस को बीच- बचाव करना पड़ा. हालांकि बयान के वायरल होने के बाद मदन दिलावर ने माफी मांग ली है, लेकिन यह पहला मौका नहीं जब दिलावर ने विवादित बयान दिया हो, आए दिन उनके एक से बढ़कर एक बेतुके बयान सामने आते रहते हैं.
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12 नंबर का जूता पहनता हूं और चलाना भी जानता हूं- जगत सिंह
अब बात करते हैं भाजपा में घर वापसी करने वाले भरतपुर जिला प्रमुख पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के पुत्र जगत सिंह की. नए-नए जिला प्रमुख बने जगत सिंह पर सत्ता का नशा सिर चढ़ कर बोल रहा है. जिला प्रमुख जी का विवादास्पद बयान सामने आया है. जगत सिंह ने कामां में आयोजित अपने सम्मान समारोह में बिगड़े बोल बोलते हुए कहा कि, ‘मैं आ गया हूं और 12 नंबर का जूता पहनता हूं. 12 नंबर का जूता चलाकर काम निकालना जानता हूं’. जगत सिंह इतने पर ही नहीं रुके और आगे बोले कि, ‘अन्याय के खिलाफ जरूरत पड़ी तो जूता, तमंचा और एके-47 भी चलाऊंगा’. सिंह का यह वीडियो अब इलाके में सोशल मीडिया में खासा वायरल हो रहा है. आपको बता दें, जगत सिंह कामां से पहले विधायक भी रह चुके हैं.
राजनीतिज्ञों का मानना है कि ऐसे बयानवीरों की वजह से ही कभी सबसे ज्यादा अनुशासित मानी जाने वाली विश्व की सबसे पार्टी को कई बार मुंह छिपाने की नौबत आ जाती है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी पार्टी को कई बार मुसीबत में डाल चुके हैं. राजसमंद उपचुनाव के दौरान कटारिया ने महाराणा प्रताप और भगवान श्रीराम पर अमर्यादित टिप्पणी कर दी थी जिसने पार्टी काफी असहज स्थिति बना दी थी. यहां तक कि कटारिया को भी अपने बयान के माफी मांगनी पड़ी थी, जो कि वो पहले भी कई बार मांग चुके हैं.
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सियासी गलियारों में अब इन बयानों के वीडियो चर्चा में बने रहते हैं. आपको बता दें, कुछ सालों पहले तक राजस्थान की राजनीति में ऐसा कभी देखा नहीं गया था. दोनों ही पार्टियों में राजनीतिक सुचिता का ध्यान रखा जाता था. राजनीति में आजकल नेता अपने बेतुके बोलों से सुर्खियां बटोरते नजर आ रहे हैं, विवादस्पद टिप्पणी से लोगों में आकर्षण का केन्द्र बनना चाहते हैं. ये बेतुके बयान राजनीतिक माहौल गरमाते हैं. ऐसे बयानों के बाद पार्टियों को बखेड़ा खड़ा करने का मौका मिल जाता है.